डीएम सुसाइड केस : इतने कमजोर नहीं थे IAS मुकेश कैसे कर ली आत्महत्या?

पटना : बक्सर के तत्कालीन डीएम मुकेश पांडेय (2012 बैच के आइएएस) की आत्महत्या की खबर सुन कर उनके जानने वाले हर कोई यही कह रहे हैं कि वे इतने कमजोर व्यक्ति नहीं थे, यह कैसे कर लिया. इस बात की चर्चा उनके जानने वाले से लेकर सचिवालय और पुलिस मुख्यालय तक में रही. इस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 12, 2017 8:37 AM
पटना : बक्सर के तत्कालीन डीएम मुकेश पांडेय (2012 बैच के आइएएस) की आत्महत्या की खबर सुन कर उनके जानने वाले हर कोई यही कह रहे हैं कि वे इतने कमजोर व्यक्ति नहीं थे, यह कैसे कर लिया. इस बात की चर्चा उनके जानने वाले से लेकर सचिवालय और पुलिस मुख्यालय तक में रही. इस इस घटना की एफआइआर गाजियाबाद सदर थाने में ही दर्ज हुई है. एडीजी एसके सिंघल ने बताया कि मामले की जांच यूपी और दिल्ली पुलिस कर रही है. ऐसे में बिहार पुलिस इस मामले में सिर्फ मदद कर सकती है. जांच दल जो भी जानकारी या मदद राज्य पुलिस से मांगेगी, वह करने के लिए हमेशा तैयार है.
सुसाइड नोट पर लिखे थे तीन लोगों के नंबर
मुकेश पांडेय की जेब से जो पहला सुसाइड नोट मिला है, उसकी लिखावट की फॉरेंसिक जांच करवायी जायेगी, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि यह लिखावट उनकी ही है. इस सुसाइड नोट पर तीन लोगों के नाम और मोबाइल नंबर मिले हैं. इनमें राकेश सिंह (उनके ससुर), उत्कर्ष (उनका साला) और पत्नी पूनम शामिल हैं. इसके बाद एक लाइन यह भी लिखी है कि डिटेल सुसाइड नोट होटल के कमरे में रखे काले रंग के बैग में मौजूद है. इस सुसाइड नोट को गाजियाबाद पुलिस ने बरामद कर लिया है. यह सुसाइड नोट दो-तीन पन्नों का लग रहा है. पूरी बात हाथ से लिखी हुई है. हो सकता है कि इसके आधार पर कुछ लोगों को शुरुआती स्तर पर दोषी भी ठहराया जा सकता है.
ससुराल में छाया रहा मातमी सन्नाटा
बक्सर के डीएम रहे मुकेश पांडेय के पटना में छज्जुबाग स्थित ससुराल मेें पूरे दिन मातमी सन्नाटा पसरा रहा. ससुर राकेश कुमार सिंह, पत्नी, बेटी और साला गुरुवार की रात घटना की जानकारी होते ही पटना से दिल्ली के लिए रवाना हो गये थे. यहां अवकाश रेजिडेंसी के फ्लैट संख्या 402 में राकेश कुमार सिंह के गांव बाढ़ से कुछ लोग आये हुए थे. दरवाजा अंदर से बंद था. फ्लैट में रूम के बाहर महिला-पुरुष के जूते बाहर खुले हुए थे. प्रभात खबर संवाददाता ने जब दरवाजा नॉक किया गया तो अंदर से बताया गया कि किसी से नहीं मिलना है. किसी ने कोई बात नहीं की. पूरी तरह से शांत हो कर लोग कमरे में बैठे रहे. अपार्टमेंट के बाहर कुछ-कुछ देर में एक दो लोग कुशल-क्षेम पूछने आते रहे. पूरे दिन यह सिलसिला चलता रहा. यहां बता दें कि राकेश कुमार सिंह का मंदिरी में भी शशि विला के नाम से मकान है. लेकिन वहां कोई रहता नहीं है.
वहां पर ताला बंद था और कोई मौजूद नहीं था. अवकाश रेजिडेंसी का ज्यादातर हिस्सा बन गया है. कुछ फिनिसिंग का काम चल रहा है. इस दौरान वहां काम करा रहा साइड इंचार्ज मिला. उसने अपना नाम राकेश कुमार बताया. उसने बताया कि मुकेश पांडेय जी जब कटिहार मेें डीडीसी थे तो यहां आते-जाते रहते थे. हमलोग भी उनसे मिले थे. काफी मिलनसार थे. उनके सुसाइड कर लेने की बात से वह बहुत असहज महसूस कर रहा था.
बुधवार की देर रात्रि में ही कर ली थी तैयारी
बुधवार की देर शाम करीब आठ बजे डीएम सर्किट हाउस पहुंचे थे. इसके बाद करीब दस बजे भोजन किये. रात्रि बारह बजे नजारत के एसडीसी शिशिर कुमार मिश्रा सर्किट हाउस पहुंचे. डीएम ने अपना आवेदन शिशिर कुमार मिश्रा को थमाया. शिशिर मिश्रा ने आदेश पालक राम बाबू को निर्देश देते हुए कहा कि सुबह तीन बजे डीएम कोठी से वाहन आयेगा, जिससे साहब पटना जायेंगे. सुबह करीब साढ़े तीन बजे वाहन सर्किट हाउस में आ गया. िजसके बाद डीएम अपने गार्ड के साथ पटना निकल गये.
बक्सर समाहरणालय में सबकी आंखें नम
जिला समाहरणालय में सबके चेहरे पर उदासी के भाव और सबके मुंह से बस एक ही सवाल था. आखिर क्या हो गया था डीएम साहब को..?
प्रभारी डीएम मो. मोबिन अली अंसारी की अध्यक्षता में जिले के उच्चाधिकारियों की बैठक आयोजित की गयी, जिसमें एसपी राकेश कुमार, एसडीएम गौतम कुमार, डीएसओ शिशिर मिश्रा, डीएसपी शैशव यादव व अन्य अधिकारी शामिल थे. इसके बाद झंडे को झुका दिया गया. शोकसभा के बाद जिले के सभी सरकारी कार्यालयों में छुट्टी की घोषणा कर दी गयी. निजी विद्यालय भी बंद कर दिये गये.
सोशल मीडिया में सुसाइड की रही चर्चा
डीएम मुकेश पांडेय की आत्महत्या के बाद सोशल मीडिया में भी जोरदार चर्चा है. इनमें सबसे बड़ा सवाल है कि कहीं डीएम ब्लू व्हेल गेम का शिकार तो नहीं हो गये. बताया जा रहा है कि यह एक ऐसा इंटरनेट गेम है, जो न किसी प्ले स्टोर में उपलब्ध है न इसे नेट से डाउनलोड किया जा सकता है. इस गेम को खेलने का आमंत्रण इंटरनेट यूजर को किसी लिंक से मिलता है. जानकार बताते हैं कि इस गेम में 50 खतरनाक टास्क खिलाड़ी को दिये जाते हैं. िजसमे आिखरी टास्क आत्महत्या का होता है.

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