शरद का संकेतों में नीतीश पर निशाना, जब इंदिरा से डर नहीं लगा तो ”उनसे” क्या डरना

पटना : जनता दल यूनाइटेड के वरिष्ठ नेता शरद यादव का आज बिहार की तीन दिवसीय यात्रा का तीसरा और आखिरी दिन है. आज की अपनी यात्रा पूरी कर वे दिल्ली लौट जायेंगे, जहां वे स्वयं द्वारा वीपी हाउस में आयोजित किये जाने वाले सम्मेलन की तैयारी में जुटेंगे . शरद यादव ने आज सुबह […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 12, 2017 11:37 AM

पटना : जनता दल यूनाइटेड के वरिष्ठ नेता शरद यादव का आज बिहार की तीन दिवसीय यात्रा का तीसरा और आखिरी दिन है. आज की अपनी यात्रा पूरी कर वे दिल्ली लौट जायेंगे, जहां वे स्वयं द्वारा वीपी हाउस में आयोजित किये जाने वाले सम्मेलन की तैयारी में जुटेंगे . शरद यादव ने आज सुबह ट्वीट किया – आज मधुबनी से निकल कर सुपौल, सहरसा होते हुए सड़क मार्ग से मधेपुरा तक की यात्रा होगी. शरद यादव ने अपने इस ट्वीट के साथ एक वीडियो भी अटैच किया है, जिसमें उनकेलिए जय-जय कारे की आवाज आ रही है और लोग उनके काफिले का स्वागत करते हुए उनके समर्थन में नारे लगा रहे हैं. अपने दौरे के क्रम में शरद यादव ने नीतीश कुमार का नाम लिये बिना कहा है कि उन्हें पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के खिलाफ खड़ा होने में डर नहीं लगा तो अब काहे का डरना. उन्होंने कहा है कि उनके साथ आने वालों को डराया जा रहा है, लेकिन हमें किसी का डर नहीं है. शरद ने कहा है कि वे कौन होते हैं मुझे डराने वाले? उन्होंने कहा है कि अब परिस्थितियां काफी बदल गयी हैं. शरद की इस पूरी कवायद में जदयू सांसद अली अनवर व अरुण श्रीवास्तव उनके साथ खड़े हैं. दोनों पर पार्टी ने कार्रवाई भी की है.

बिहार में जनता दल यूनाइटेड – भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद जदयू अध्यक्ष वमुख्यमंत्री नीतीश कुमार के फैसले से नाराज वरिष्ठ समाजवादी नेता शरद यादव का यह पहला बिहार दौरा है. नीतीश कुमार ने कल दिल्ली में कह भी दिया है कि फैसला पार्टी से सर्वसम्मति ने लिया है और शरद यादव अपना फैसला लेने के लिए स्वतंत्र हैं. वास्तव में बिहार दौरा 70 वर्षीय शरद यादव की नयी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत भी है, जिसके लिए वह बिहार का दौरा कर जमीन टटोल रहे हैं. समाजवादी राजनीतिक धारा में मिलना, बिछड़ना और फिर बिछड़ कर मिलने की परंपरा रही है.

शरद यादव आज मधेपुरा का दौरा करेंगे, जिसके बारे में कहावत है – रोम पोप का, मधेपुरा गोप का. यानी मधेपुरा में यादवों का दबदबा व प्रभाव है. शरद यादव व लालू प्रसाद यादव का यहां परंपरागत प्रभाव रहा है. शरद अपनी तीन दिवसीय यात्रा का मधेपुरा में समापन कर वापस दिल्ली लौट जायेंगे और वहां आगे की रणनीति तय करेंगे.

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