नयी दिल्ली : पार्टी को बगावती तेवर दिखा रहे शरद यादव को आज जनता दल यूनाइटेड ने राज्यसभा में नेता पद से हटा दिया है. इस संबंध में पार्टी ने सभापति वेंकैया नायडू को पत्र सौंपा है. वरिष्ठ समाजवादी नेता शरद यादव जदयू के भाजपा के साथ किये गये गंठबंधन के मुखर विरोधी हैं और इसे जनता के साथ उन्होंने धोखा बताया है. पार्टी अध्यक्ष व बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस फैसले का पहले उन्होंने संकेतों में और फिर मुखर ढंग से विरोध करना शुरू किया. उसके बाद वे पिछले तीन दिनों से बिहार के दौरे पर हैं, जिसे उन्होंने जन संवाद यात्रा का नाम दिया है. पार्टी के बिहार प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने मीडिया से कहा है कि उन्होंने सभापति से मिल कर अपनी बात रखी है और आरसीपी सिंह को सदन में अपना नेता चुनने की सूचना दी है.
Met Vice President & gave in writing that we have elected RCP Singh as our leader in Rajya Sabha: Vashishtha Narayan, Bihar JDU President pic.twitter.com/yHenfhj70s
— ANI (@ANI) August 12, 2017
मालूम हो कि बिहार के राजनीतिक घटनाक्रम में हाल के दिनों में तेजी से परिवर्तन हो रहे हैं. कल ही नीतीश कुमार ने दिल्ली में पहली बार शरद यादव पर सार्वजनिक टिप्पणी की थी. उन्होंने कहा था कि भाजपा से गंठबंधन का फैसला पार्टी ने सर्वसम्मति से लिया था और शरद यादव अपने फैसले के लिए स्वतंत्र हैं.
उधर, कल भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से नीतीश कुमार ने मुलाकात की थी. इस मुलाकात के एक दिन बाद आज अमित शाह ने ट्वीट किया कल जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार जी से अपने आवास पर भेंट हुई. मैंने उन्हें जदयू को एनडीए में शामिल करने के आमंत्रित किया. अमित शाह के इस बयान से यह कयास लगाये जा रहे हैं कि आने वाले दिनों में जदयू औपचारिक रूप से एनडीए के एक घटक दल के रूप में उसमें शामिल होने का निर्णय ले सकता है. संभव है कि इसी महीने पटना में होने वाली पार्टी कार्यकारिणी में इस पर फैसला लिया जाये. यह भी चर्चा जोर पकड़ रही है कि एनडीए नीतीश कुमार को अपना संयोजक चुन सकता है.