शरद यादव को राज्यसभा की सदस्यता छोड़ देनी चाहिए : जदयू

पटना: जदयू ने अपने वरिष्ठ नेता शरद यादव के पार्टी विरोधी गतिविधियोंमें शामिल होने के आधार पर कार्रवाई करते हुए उन्हें राज्यसभा में पार्टी के नेता पद से हटा दिया है. उनकी जगह आरसीपी सिंह अब राज्यसभा में पार्टी के नेता होंगे. इस आशय का एक पत्र जदयू ने राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 12, 2017 1:39 PM

पटना: जदयू ने अपने वरिष्ठ नेता शरद यादव के पार्टी विरोधी गतिविधियोंमें शामिल होने के आधार पर कार्रवाई करते हुए उन्हें राज्यसभा में पार्टी के नेता पद से हटा दिया है. उनकी जगह आरसीपी सिंह अब राज्यसभा में पार्टी के नेता होंगे. इस आशय का एक पत्र जदयू ने राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू को सौंप दिया है. इधर, पार्टी के प्रवक्ता अजय आलोक ने ट्वीट कर कहा कि शरद यादव को अब राज्यसभा की सदस्यता से भी इस्तीफा दे देना चाहिए, मगर शरद जी एेसा नहीं करेंगे,क्योंकि उन्हें राज्यसभा की सदस्यतासे मोह है. इससे पहले शुक्रवार को मुजफ्फरपुर में शरद यादव ने बिहार में महागंठबंधन से अलग होने और भाजपा के साथ सरकार बनाने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की आलोचना किये जाने पर अपने खिलाफ कार्रवाई किये जाने की जदयू के कुछ नेताओं की चेतावनी को सिरे से खारिज करते हुए कहा था कि वह पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के खिलाफ खड़े हुए थे और उन्हें किसी का डर नहीं है.

शरद यादव ने शनिवार को मधुबनी में कहा कि आनेवाले दिनों में बिहार में महागंठबंधन और मजबूत होगा और बहुमत के साथ बिहार में महागंठबंधन की सरकार बनेगी. उन्होंने कहा कि पार्टी के कुछ विधायक और नेता जो मेरा पक्ष ले रहे हैं उन्हें डराया जा रहा है. मैंने इंदिरा गांधी का सामना किया और डरा नहीं. वे कौन होते हैं मुझे डरानेवाले? ‘ नीतीश कुमार के फैसले के खिलाफ अपना विरोध सावर्जनिक करनेवाले शरद यादव बिहार की अपनी ‘संवाद यात्रा’ के तीसरे दिन लोगों को संबोधित कर रहे थे.

जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्षशरद यादव ने स्पष्ट किया कि उनके और नीतीश कुमार के बीच समझौते की गुंजाइश नहीं है. भाजपा के साथ गंठबंधन की सरकार बनाने के नीतीशकुमार के फैसले को शरद यादव ‘जनता के विश्वास के साथ किया गया छल’ करार दे चुके हैं. वह साफ कह चुके हैं कि ‘मैं महागठबंधन के साथ हूं. सरकारी जदयू नीतीश कुमार के साथ है और असली पार्टी मेरे साथ है.’

नीतीश कुमार और उनके समर्थकों का कहना है कि भ्रष्टाचार को कतई बर्दाश्त न करने की अपनी नीति को बरकरार रखने के लिए वह जदयू, राजद और कांग्रेस के महागंठबंधन से अलग हुए हैं. इस परशरद यादव ने कहा, मैंने कई बार भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठायी है चाहे वह 2जी घोटाला हो या राष्ट्रमंडल घोटाला, हवाला हो या आसाराम बापू का मामला.’ जदयू नेताओं का कहना है कि वह भ्रष्टाचार को लेकर राजद से कोई समझौता नहीं करेंगे. इस पर यादव ने कहा ‘लालू प्रसाद भ्रष्टाचार के आरोप में जेल गये हैं. तब किन परिस्थितियों में (वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव के लिए) उनके साथ गंठबंधन किया गया था.’ शरद यादव ने कहा कि बिहार से शुरू हुई उनकी संवाद यात्रा देश के अन्य हिस्सों में भी जायेगी.

वहीं, मधुबनी में शरद यादव ने कहा कि भाजपा के विजय रथ को रोकने के लिए राजद और कांग्रेस के साथ हमने गंठबंधन बनाया. जिसमें बिहार मेंदो तिहाई लोगों ने हम परविश्वास जताया और इस महागंठबंधन को तोड़ना 11 करोड़ जनता का अपमान है.उन्होंने कहा कि गंठबंधन आज भी बरकरार है और हम पूरे देश में घूमेंगे, जनता के बीच जाकर उन्हें अपनी बात बतायेंगे. शरद यादव ने कहा कि लोकतंत्र में वोट इमान है, वोट संविधान का इंजन है और पार्टी जनता की संतान गंठबंधन टूटने काउन्हें दुख है.

शरद के प्रति जदयू के स्वर हुए कठोर

जदयू के नेता शरद यादव की यात्रा से दूरी बनाये हुए हैं और धीरे-धीरे उनके स्वर यादव के प्रति कठोर होते जा रहे हैं. जदयू की राज्य इकाई के प्रवक्ता नीरज कुमार नेशरद यादव पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वह भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे, लालू के बेटों तेजस्वी और तेजप्रताप के ‘राजनीतिक चाचा’ बन गये हैं. उन्होंने कहा कि पार्टी सही समय परशरद यादव के खिलाफ समुचित कार्रवाई करेगी.


क्या लालू प्रसाद के समर्थकों को पूरा बिहार मान रहे हैं शरद यादव : सुशीलकुमारमोदी

शरद यादव पर हमला बोलते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता सह उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट किया है और लिखा है, हवाला के जरिये पैसे लेने का आरोप लगने पर इस्तीफा देने वाले शरद यादव अब यू-टर्न लेकर लालू-राबड़ी-तेजस्वी परिवार के भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने की राजनीति कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि बिहार में बालू-शराब माफिया को संरक्षण देने वाली पार्टी के सत्ता से बाहर होने पर 11 करोड़ लोग खुश हैं.

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