एनडीए के साथ अब केंद्र में नयी पारी की तैयारी में नीतीश!
पटना :बिहारकेमुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जुलाई महीने के अंत में महागठबंधन से अलग हाेकर भाजपा के साथ दोबारा से मिलकर नयी सरकार के गठन का फैसला लिया था. राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के साथ दो साल सेभी कम की दाेस्ती को तोड़तेहुए नीतीश कुमारद्वारा भाजपाकेसाथ मिलकर नयी सरकार बनाने काफैसलासभीके लिएचर्चा का विषय बनगया.नीतीश […]
पटना :बिहारकेमुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जुलाई महीने के अंत में महागठबंधन से अलग हाेकर भाजपा के साथ दोबारा से मिलकर नयी सरकार के गठन का फैसला लिया था. राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के साथ दो साल सेभी कम की दाेस्ती को तोड़तेहुए नीतीश कुमारद्वारा भाजपाकेसाथ मिलकर नयी सरकार बनाने काफैसलासभीके लिएचर्चा का विषय बनगया.नीतीश कुमारकेइसफैसले पर राजद खेमा के साथ ही जदयू के कुछ प्रमुख नेताओं ने आपत्ति दर्ज कराते हुए अपना विरोध दर्ज कराया. इस कड़ी में जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादवऔर राज्यसभा सदस्य अली अनवर नीतीश कुमार के इस फैसले पर नाराजगी जाहिर करने वाले पार्टी के प्रमुख नेताओं में शामिल थे. बगावती तेवर के मद्देनजर अली अनवर के बाद शरद यादव पर जदयू ने कार्रवाई शुरू करते हुए उन्हें राज्यसभा में पार्टी के नेता पद से हटा दिया है. अब चर्चा है कि नीतीश कुमार एनडीए के साथ केंद्र में नयी पारी खेलने की तैयारी में जुटे है.
अमित शाह ने एनडीए में शामिल होने का निमंत्रण दिया
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एनडीए में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है. शाह ने ट्वीट में कहा कि मैं जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार से अपने आवास पर शुक्रवार को मिला. मैंने जदयू को एनडीए में शामिल होने का आमंत्रण दिया है. संभावना है कि जदयू 19 अगस्त को पटना में होनेवाली अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में एनडीए में शामिल होने के प्रस्ताव को मंजूरी देगा.
19 अगस्त कोजदयू करेगाएनडीए में शामिल होने का ऐलान
जदयू, एनडीए में शामिल होने का औपचारिक ऐलान 19 अगस्त को पटना में आयोजित राष्ट्रीय कार्यकारिणी में करेगी. जदयू के प्रवक्ता केसी त्यागी ने शनिवार को कहा, पार्टी पटना में होने वाली बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी देगी. उन्होंने कहा, जदयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक की अध्यक्षता पार्टी प्रमुख नीतीश कुमार करेंगे. इस दौरान एनडीए में शामिल होने की औपचारिक घोषणा की जाएगी. वहीं सूत्रों ने कहा कि जदयू मोदी मंत्रिमंडल में होने वाले फेरबदल की स्थिति में सरकार में शामिल हो सकती है.वहीं, केंद्र सरकार में शामिल होने के सवाल पर केसी त्यागी ने कहा, जब हम बिहार की सरकार में एक साथ हैं, तो स्वाभाविक है कि पार्टी केंद्र सरकार में भी शामिल होगी.
नीतीश के लिए तय की गयी है बड़ी भूमिका ?
जदयू द्वारा राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू को पत्र सौंप कर यह बताना कि राज्यसभा में अब शरद यादव उसके नेता नहीं होंगे, उनकी जगह यह जिम्मेवारी आरसीपी सिंह संभालेंगे. आरसीपी सिंह नीतीश कुमार के बेहद भरोसेमंद राजनीतिक सहयोगी हैं. इन दो घटनाओं के बाद यह चर्चा शुरू हो गयी है कि क्या नीतीश कुमार के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गंठबंधन में कोई बड़ी भूमिका तय कर रखी है?
एनडीए का संयोजक बनाने की चर्चा
चर्चा है कि नीतीश को एनडीए का संयोजक बनाया जा सकता है. यह बात भी दिलचस्प है कि एनडीए के पुराने संस्करण में संयोजक की जिम्मेवारी हमेशा जदयू या उसके पुराने संस्करण समता पार्टी के नेता ही संभालते रहे हैं. वाजपेयी युग में जार्ज फर्नांडीस इस भूमिका को निभा रहे थे. उनका युग खत्म होने के बाद जब आडवाणी एनडीए के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार व अध्यक्ष बनाये गये तो शरद यादव को इसका संयोजक बनाया गया.
इस मामले पर नीतीश कुमार ने साधी है चुप्पी
फिलहाल इस पूरे मामले पर नीतीश कुमार ने अपने पत्ते अभी नहीं खोले हैं, लेकिन समझा जाता है कि इस महीने 19 अगस्त को जब पटना में उनकी अध्यक्षता में जदयू कार्यकारिणी की बैठक होगी तब इस पर वे अपने नेताओं की राय लेंगे और संभव है कि इस पर स्पष्ट व ठोस फैसला भी ले सकते हैं. कार्यकारिणी में एनडीए में शामिल होने व उसका संयोजक बनने जैसे प्रस्ताव पर विचार किया जायेगा.हालांकि, नीतीश कुमार की राजनीति शैली ऐसी रही है, जिसमें वे खुद की केंद्रीय भूमिका बनाये रखते हैं. दो साल पहले जब उन्होंने राजद व कांग्रेस से गठजोड़ कर चुनाव लड़ा तो उसे यूपीए की बिहार इकाई नहीं बनाया, बल्कि महागंठबंधन का नाम दिया. ऐेसे में यह देखना दिचलस्प होगा कि अमित शाह के प्रस्ताव पर वे क्या फैसला लेते हैं? फिलहाल तो बिहार में जदयू-एनडीए सरकार ही चल रही है, जिसके नेता नीतीश कुमार हैं.
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