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पटना : आइजीआइएमएस में अब बिना ऑपरेशन बच्चों के दिल का छेद होगा बंद
आइजीआइएमएस में नयी सुविधा पटना : बच्चों के दिल में अगर छेद है, तो इसके लिए अब परेशान होने की जरूरत नहीं है. आइजीआइएमएस में बिना ऑपरेशन किये ही बच्चों के दिल के छेद बंद किये जायेंगे. डॉक्टर दिल के छेद को सर्जरी की जगह क्लोजर डिवाइस की मदद से बंद करेंगे. इस तकनीक से […]
आइजीआइएमएस में नयी सुविधा
पटना : बच्चों के दिल में अगर छेद है, तो इसके लिए अब परेशान होने की जरूरत नहीं है. आइजीआइएमएस में बिना ऑपरेशन किये ही बच्चों के दिल के छेद बंद किये जायेंगे. डॉक्टर दिल के छेद को सर्जरी की जगह क्लोजर डिवाइस की मदद से बंद करेंगे.
इस तकनीक से दिल के छेद को बंद करने में बच्चे को तकलीफ कम होगी. साथ ही शरीर से ज्यादा खून बहने का खतरा भी नहीं होगा. अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि यह सर्जरी पहले की जा चुकी है, लेकिन अब इस तकनीक को काफी विकसित किया गया है. डॉक्टरों ने बताया कि इस माह दो बच्चों के दिल में छेद का इलाज से तकनीक से किया जायेगा. गौरतलब है कि आइजीआइएमएस प्रदेश का पहला सरकारी अस्पताल है, जहां क्लोजर डिवाइस का इस्तेमाल होगा.
इस तरह से होगा इलाज : छह माह से दो साल तक के बच्चों के दिल में अगर छेद है, तो एेसे बच्चों में क्लोजर डिवाइस का इस्तेमाल किया जायेगा.
इसके लिए सर्जरी नहीं करनी पड़ेगी. बच्चे की पैर की बड़ी नाड़ी के जरिये दिल के छेद तक एक डिवाइस भेजी जायेगी, जो छेद को बंद कर देगा. इस तकनीक में कैथेटर की मदद से बच्चे के हार्ट में डिवाइस को इंप्लांट किया जायेगा. क्लोजर डिवाइस इंप्लांट करने के पांच दिनों बाद ही बच्चे को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया जायेगा. आइजीआइएमएस में इस पर करीब 50 हजार रुपये खर्च होंगे. जबकि, प्राइवेट अस्पतालों में इस पर करीब तीन लाख रुपये से अधिक खर्च आते हैं.
कम खर्च में होगा इलाज
पहले बच्चों के दिल में छेद को बंद करने के लिए सर्जरी की आवश्यकता होती थी. लेकिन, अब इस तकनीक के इस्तेमाल से बच्चों की सर्जरी नहीं करनी पड़ती है. डिवाइस की मदद से दिल के छेद को बंद कर दिया जाता है. इसमें अधिक खून नहीं बहता है. साथ ही पांच दिनों के अंदर बच्चे को अस्पताल से छुट्टी मिल जायेगी.
डॉ बीपी सिंह, एचओडी, हार्ट डिपार्टमेंट, आइजीआइएमएस
इन दिनों दिल में छेद होने की समस्या ज्यादा देखने को मिल रही है. ऐसे में अस्पताल में यह सुविधा बहाल होने से अब गरीब व मध्यम वर्ग के लोग भी काफी कम खर्च में इलाज करा सकेंगे. आइजीआइएमएस में पिछले कुछ सालों से लगातार नयी सुविधाएं विकसित हो रही हैं.
डॉ सुनील सिंह, सदस्य, शासकीय निकाय
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