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सांझी विरासत के जरिये शरद दिखायेंगे अपनी ताकत, यूपीए में शामिल सभी विपक्षी दलों के नेता होंगे शामिल
नयी दिल्ली : जदयू के वरिष्ठ नेता शरद यादव की ओर से गुरुवार को कंस्टीटयूशनल क्लब में आयोजित बैठक सांझी विरासत की पहल में विभिन्न दल के नेताओं के शामिल होने की संभावना है. विपक्ष के लगभग सभी दलों के नेता को आमंत्रित किया गया है. इस सम्मेलन में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस […]
नयी दिल्ली : जदयू के वरिष्ठ नेता शरद यादव की ओर से गुरुवार को कंस्टीटयूशनल क्लब में आयोजित बैठक सांझी विरासत की पहल में विभिन्न दल के नेताओं के शामिल होने की संभावना है. विपक्ष के लगभग सभी दलों के नेता को आमंत्रित किया गया है. इस सम्मेलन में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी सहित यूपीए में शामिल सभी विपक्षी दलों के नेता शामिल हो रहे हैं. इस सम्मेलन में सांप्रदायिकता के खिलाफ लड़ाई में सभी को एकजुट होने का आह्वान किया जायेगा.
इससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि इस कार्यक्रम में शरद यादव अपनी भावी भूमिका के विषय में भी घोषणा कर सकते हैं. मीडिया से बातचीत में शरद यादव ने कहा कि वर्तमान में जो देश के हालात है, उसपर विचार विमर्श के लिए यह सम्मेलन बुलाया जा रहा है. इसमें यह विचार किया जायेगा कि हमारी जो सांझी विरासत है उसे कैसे बचाया जाये. संविधान की रक्षा किस तरह से की जाये. क्योंकि संविधान में समानता, एकता, स्वत़ंत्रता, सहिष्णुता सभी का उल्लेख किया गया है, लेकिन आज देश में डर का माहौल है.
गरीब, दलित, आदिवासी, अल्पसंख्यक बेराजगार लोगों को आगे अपना भविष्य नहीं दिख रहा है. इसलिए हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम इसकी रक्षा करें. राजनीतिक सवाल का जवाब देने से इंकार करते हुए शरद यादव ने कहा कि सम्मेलन के बाद सारी चीजें स्प्ष्ट हो जायेगी. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी लडाई देश के अवाम के लिए है.
राजद की बैठक में शामिल न हों शरद : त्यागी
जदयू के वरिष्ठ नेता शरद यादव के पटना में राजद द्धारा आयोजित बैठक में शामिल होने को लेकर सस्पेंस बरकरार है. शरद यादव जहां अपनी ओर से अब तक उस रैली में जाने की औपचारिक घोषणा नहीं की है. वहीं, जदयू के प्रधान महासचिव सह प्रवक्ता केसी त्यागी ने उन्हें उस रैली में शामिल नहीं होने का आग्रह किया है.
त्यागी का मानना है कि राजद आसुरी शक्तियों का जमघट है, जहां पर जाना शरद यादव के लिए शुभ नहीं है. क्योंकि शरद यादव राजनीति में एक उच्च मापदंड स्थापित किये हैं. भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ी है. अब तक तीन बार संसद से इस्तीफा दे चुके हैं. फिर शरद यादव लालू प्रसाद और उनके पुत्रों के साथ मंच कैसे शेयर कर सकते हैं? उन्होंने कहा कि शरद यादव और बड़े हो जाते, जब वह लालू प्रसाद और उनके पुत्रों से यह पूछते कि वे सब उनका अनुसरण क्यों नहीं कर रहे हैं? हालांकि शरद यादव ने अपनी रणनीति का खुलासा अबतक नहीं किया है.
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