अस्पतालों से अतिक्रमण को तुरंत हटाये सरकार

निर्देश. हाइकोर्ट ने जाहिर की नाराजगी पटना : पटना उच्च न्यायालय ने सूबे के विभिन्न मेडिकल काॅलेजों एवं अस्पतालों की भूमि पर अतिक्रमण बरकरार रहने को लेकर नाराजगी जाहिर की है. कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि जिन अतिक्रमणकारियों का मामला निचली अदालतों में खारिज हो चुका है, उनके विरुद्ध राज्य सरकार को फौरन कार्रवाई करते […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 17, 2017 8:43 AM
निर्देश. हाइकोर्ट ने जाहिर की नाराजगी
पटना : पटना उच्च न्यायालय ने सूबे के विभिन्न मेडिकल काॅलेजों एवं अस्पतालों की भूमि पर अतिक्रमण बरकरार रहने को लेकर नाराजगी जाहिर की है. कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि जिन अतिक्रमणकारियों का मामला निचली अदालतों में खारिज हो चुका है, उनके विरुद्ध राज्य सरकार को फौरन कार्रवाई करते हुए अतिक्रमण मुक्त कराने का निर्देश दिया है. मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन एवं जस्टिस डाॅ अनिल कुमार उपाध्याय की खंडपीठ ने एक लोकहित याचिका पर बुधवार को सुनवाई करते हुए उक्त निर्देश दिया.
गौरतलब है कि पूर्व की सुनवाई में अदालत ने सूबे के सभी जिला एवं सत्र न्यायाधीशों से निचली अदालतों में मेडिकल काॅलेज एवं हाॅस्पिटल से संबंधित मामलों की रिपोर्ट अदालत के समक्ष प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था. इस पर पिछली सुनवाई में अपनी रिपोर्ट भेज दी थी. अदालत ने अतिक्रमित भूमि पर कार्रवाई करने का निर्देश राज्य सरकार को दिया.
पटना : पटना उच्च न्यायालय ने बिहार कर्मचारी चयन आयोग पर्चा लीक मामले में अभियुक्त बनाये गये गुजरात प्रिंटिंग प्रेस के मालिक विनीत कुमार को किसी भी प्रकार की राहत देने से साफ तौर पर इनकार कर दिया है. जस्टिस प्रभात कुमार झा की कोर्ट ने उनकी ओर से दायर औपबंधिक जमानत याचिका को खारिज कर दिया.
एकलपीठ ने विनीत कुमार की ओर से दायर औपबंधिक जमानत याचिका पर 11 अगस्त को सुनवाई के बाद सुरक्षित रखे गये आदेश में अपना फैसला सुनाया. इस मामले में अदालत ने पूर्व में विनीत कुमार की नियमित जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए याचिका को खारिज कर दिया था. वहीं विनीत कुमार द्वारा अपने पिता के स्वास्थ्य के मद्देनजर औपबंधिक जमानत की मांग पर अदालत ने नये सिरे से याचिका दायर करने का निर्देश दिया था.
उक्त मामले की सुनवाई के क्रम में अदालत को बताया गया कि याचिकाकर्ता के पिता को हार्ट अटैक होने के कारण चिकित्सकों ने पेसमेकर लगाने की सलाह दी है, जिसके लिए याचिकाकर्ता को औपबंधिक जमानत प्रदान की जाये.

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