नयी दिल्ली : दिल्ली के कॉन्स्टीट्यूशनल क्लब में जदयू के वरिष्ठ नेता शरद यादव द्वारा आयोजित किये गये ‘साझी विरासत बचाओ’ सम्मेलन में विपक्ष के कई दलों के नेताओं ने भाग लिया. इस सम्मेलन में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद सहित कई अहम नेताओं ने हिस्सा लिया. सम्मेलन को संबोधित करते हुए शरद यादव ने कहा कि देश भर में किसानों और दलितों के साथ अत्याचार किया जा रहा है. देश में लोगों की हत्याएं की जा रही हैं. देश के किसान आत्महत्या कर रहे हैं. देश में एक बेचैनी का माहौल है. दलितों के साथ अपमान हो रहा है.
उन्होंने कहा कि मैंने किसी को भी नहीं बुलाया है, फिर भी हजारों लोग मेरे साथ आ रहे हैं. उन्होंने गुलाम नबी आजाद, रामगोपाल यादव, सीताराम येचुरी और डी राजा का नाम लेते हुए कहा कि मैंने किसी को नहीं बुलाया, लेकिन ये सभी लोग सम्मेलन में शामिल हुए.
शरद यादव ने बिना किसी का नाम लिये कहा कि देश के अंदर जो भी लोग हिंसा करना चाहते हैं, आस्था के नाम पर, धर्म और मजहब के नाम पर, गोबर और गाय के नाम पर, लव-जिहाद के नाम पर, उस हाथ को थामना है. कोई किसी पर हाथ उठाये, उस हाथ को रोकना है. यही हमारे पुरखों ने किया है. संविधान में जो लिखा है, उसे गांव-गांव, देहात-देहात, शहर के एक-एक आदमी को बताने का काम हम करेंगे. संविधान ही गीता है, कुरान है, बाइबिल है. हिंदुस्तान का संविधान ही देश के 125 करोड़ जिंदा लोगों का धर्मग्रंथ है.