शराब केस में निचले कोर्ट में भी जमानत पर सुनवाई

शराबबंदी. एससी-एसटी एक्ट अलग मामला पटना : पटना उच्च न्यायालय ने व्यवस्था दी है कि शराबबंदी मामले में अब निचली अदालत से हाइकोर्ट तक नियमित जमानत याचिका दायर की जा सकेगी. मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन की अध्यक्षतावाली खंडपीठ ने गुरुवार को यह व्यवस्था दी है. शराबबंदी को लेकर लाये गये नये कानून के तहत शराब […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 18, 2017 8:56 AM
शराबबंदी. एससी-एसटी एक्ट अलग मामला
पटना : पटना उच्च न्यायालय ने व्यवस्था दी है कि शराबबंदी मामले में अब निचली अदालत से हाइकोर्ट तक नियमित जमानत याचिका दायर की जा सकेगी. मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन की अध्यक्षतावाली खंडपीठ ने गुरुवार को यह व्यवस्था दी है.
शराबबंदी को लेकर लाये गये नये कानून के तहत शराब से संबंधित मामलों में जेल में बंद अभियुक्तों की जमानत हेतु नियमित याचिका दायर हो या अपील, इससे उपजे विवाद पर हाइकोर्ट की खंडपीठ ने एकलपीठ के आदेश को दरकिनार करते हुए स्पष्ट किया की एससी-एसटी एक्ट और शराबबंदी अधिनियम दोनों अलग-अलग मामले हैं. कोर्ट ने कहा कि जहां एससी-एसटी एक्ट के प्रावधान भी यह स्पष्ट करते हैं कि ऐसे मामलों में विशेष अदालत के निर्णय के विरुद्ध अपील की जायेगी.
अदालत ने सभी पक्षों को सुनने के बाद शराब से संबंधित मामलों में हाइकोर्ट से लेकर व्यवहार न्यायालयों में नियमित जमानत याचिका पर सुनवाई करने का निर्देश दिया. चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन एवं जस्टिस सुधीर सिंह की खंडपीठ ने सुशील कुमार शर्मा सहित करीब दो सौ याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया. एकलपीठ के आदेश के बाद विवाद पर चीफ जस्टिस ने गुरुवार को सुनवाई की.
पटना. पटना उच्च न्यायालय ने राजधानी के आर ब्लाक गोलंबर पर निर्माणाधीन फ्लाई ओवर से सड़क पर अतिक्रमण व सड़क जाम से आमजनों को हो रही दिक्कतों से नाराजगी जतायी है. कोर्ट ने बिहार राज्य पुल निर्माण निगम से स्थिति स्पष्ट करते हुए जवाब देने का निर्देश दिया है.
चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन एवं जस्टिस डा अनिल कुमार उपाध्याय की खंडपीठ ने एडवोकेट शंभूशरण की ओर से दायर लोकहित याचिका पर गुरुवार को सुनवाई करते हुए उक्त निर्देश दिया. याचिकाकर्ता द्वारा अदालत को बताया गया कि आर ब्लाक पर निर्माणाधीन फ्लाई ओवर के निर्माण के कारण आये दिन जाम की समस्या से आमजनों को जूझना पड़ रहा है.
पटना. पटना उच्च न्यायालय में आपसी लड़ाई को लेकर रिट याचिका दायर कर सरकार एवं मदरसा बोर्ड को मामले में घसीटना याचिकाकर्ता को महंगा पड़ गया. हाइकोर्ट ने इस कृत्य से नाराजगी प्रकट करते हुए याचिकाकर्ता पर दस हजार रुपये का जुर्माना लगाते हुए याचिका को खारिज कर दिया. जस्टिस चक्रधारीशरण सिंह की एकलपीठ ने गोबिंदगंज (पूर्वी चंपारन) स्थित मदरसा अंजुमन इस्लामिया की ओर से दायर रिट याचिका पर गुरुवार को सुनवाई करते हुए उक्त निर्देश दिया.
राजदेव हत्याकांड में कोर्ट ने मांगी केस डायरी
पटना. हाइकोर्ट ने सीवान के पत्रकार राजदेव हत्याकांड के मुख्य अभियुक्त अजहरुद्दीन बेग की नियमित जमानत याचिका पर निचली अदालत से केस डायरी मांगी है. जस्टिस विकास जैन की एकलपीठ ने गुरुवार को सुनवाई में उक्त निर्देश दिया.
एससी-एसटी आयोग के पद रिक्त, याचिका दायर
पटना. उच्च न्यायालय में सूबे में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति आयोग में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष सहित सदस्यों का पद गत एक वर्ष से रिक्त रहने को लेकर एक जनहित याचिका दायर की गयी है. यह जनहित याचिका विकासचंद्र उर्फ गुड्डु बाबा ने दायर की है.
कैदियों को क्यों नहीं मिल रही बुनियादी सुविधाएं
पटना. पटना उच्च न्यायालय ने सूबे के विभिन्न जेलों में बंद कैदियों को मूलभूत सुविधाएं मयस्सर नहीं होने पर गंभीर चिंता जतायी है. कोर्ट ने राज्य सरकार से इस मामले में जवाब देने का निर्देश दिया है. साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ता को निर्देश दिया कि वह बिहार चिकित्सा सेवा एवं आधारभूत संरचना लिमिटेड को प्रतिवादी बनाये.

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