नयी दिल्ली: शरद यादव की अगुवाई में जदयू के बागी नेता और कार्यकर्ता कल पटना में एक सम्मेलन करेंगे. जदयू अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कल ही पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है. गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी में हुए ‘साझा विरासत बचाओ सम्मेलन’ के बाद इस कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. शरद की मेजबानी में हुए ‘साझा विरासत बचाओ सम्मेलन ‘ में कांग्रेस, सपा, बसपा, माकपा, भाकपा, नेशनल कांफ्रेंस सहित करीब 16 विपक्षी पाटर्यिों के प्रमुख नेताओं ने शिरकत की थी.
महागठबंधन से अलग होकर नीतीशकुमार के भाजपा के साथ सरकार बनाने के बाद से ही जदयू का एक धड़ा बगावत पर उतारु है. ‘लोकतांत्रिक मानकों’ को छोड़ देने को लेकर नीतीश पर हमला बोलते हुए राज्यसभा सांसद अली अनवर अंसारी ने जोर देकर कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री का विरोध कर रहे लोग ही ‘असली जदयू’ है और नीतीश ‘भाजपा जनता दल का प्रतिनिधित्व’ कर रहे हैं. पार्टी में ‘फूट’ की बात स्वीकार करते हुए अंसारी ने कहा कि शरद जी को राज्यसभा में पार्टी के नेता पद से हटाए जाने पर जदयू कार्यकर्ताओं में ‘भारी नाराजगी’ है.
अली अनवर ने कहा कि शरद जी सहित पार्टी के सभी नेता पटना में मौजूदा घटनाओं पर चर्चा करेंगे और बाद में बिहार के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगे. पार्टी से निलंबित कर दिए गए पूर्व राष्ट्रीय महासचिव अरुण कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि फूट की स्थिति में पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न पर दावे के लिए बागी गुट चुनाव आयोग का रख कर सकता है.
अरुण श्रीवास्तव ने कहा, ‘वैसे तो मैं नहीं समझता कि नीतीश पार्टी के चुनाव चिह्न पर दावा करेंगे, क्योंकि उन्हें पार्टी या इसके चुनाव चिह्न से कोई प्यार नहीं है, लेकिन जरुरत पड़ी तो हम निश्चित तौर पर चुनाव आयोग का रुख करेंगे.’ श्रीवास्तव ने यह दावा भी किया कि बिहार और झारखंड को छोड़कर पार्टी की सभी प्रदेश इकाइयां शरद यादव के समर्थन और नीतीश के विरोध में हैं.
उन्होंने कहा, ‘हमें 14 प्रदेश इकाइयों के अध्यक्षों से समर्थन पत्र प्राप्त हुआ है, जो जदयू और भाजपा के गठबंधन के विरोध में हैं. उन्होंने पटना में होने वाले सम्मेलन में शामिल होने की इच्छा जताई, लेकिन वे शामिल नहीं हो पाएंगे, क्योंकि आनन-फानन में इसका आयोजन हो रहा है.’ पार्टी के पूर्व महासचिव ने स्पष्टीकरण मांगे बगैर पार्टी के नेताओं को हटाने में ‘लोकतांत्रिक मानकों’ का पालन नहीं करने को लेकर नीतीश पर हमला बोला. उन्होंने कहा, ‘मुझे न तो कोई नोटिस दिया गया और न ही स्पष्टीकरण मांगा गया. शरद यादव, अली अनवर और बिहार में पार्टी से हटाए गए 21 अन्य नेताओं के साथ भी ऐसा ही हुआ. ‘श्रीवास्तव ने नीतीश का पक्ष लेने पर जदयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी पर भी निशाना साधा और कहा कि ‘सत्ता के लालच’ में वह ऐसा कर रहे हैं.
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