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सितंबर, 2005 के बाद नियुक्त राज्यकर्मियों को भी ग्रेच्युटी

पटना : राज्य सरकार के सभी कर्मचारियों को अब केंद्रीय कर्मियों के तर्ज पर ग्रेच्युटी का लाभ मिलेगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में शुक्रवार को आयोजित कैबिनेट की बैठक में इसका निर्णय लिया गया. नयी पेंशन योजना के बाद पहली सितंबर, 2005 के बाद नियुक्त होनेवाले राज्यकर्मियों को ग्रेच्युटी का लाभ नहीं मिलता था. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 19, 2017 9:19 AM
पटना : राज्य सरकार के सभी कर्मचारियों को अब केंद्रीय कर्मियों के तर्ज पर ग्रेच्युटी का लाभ मिलेगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में शुक्रवार को आयोजित कैबिनेट की बैठक में इसका निर्णय लिया गया. नयी पेंशन योजना के बाद पहली सितंबर, 2005 के बाद नियुक्त होनेवाले राज्यकर्मियों को ग्रेच्युटी का लाभ नहीं मिलता था.
अब पहली सितंबर, 2005 के बाद नियुक्त सभी राज्यकर्मियों को पुरानी पेंशन योजना के दायरे में आने वाले कर्मियों के अनुरूप ग्रेच्युटी का लाभ मिलेगा. कैबिनेट विभाग के प्रधान सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने बताया कि राज्य कैबिनेट ने कुल 20 एजेंडों को मंजूरी दी. राज्यकर्मियों को अवकाश के लिए राज्य मुख्यालय से स्वीकृति लेने की आवश्यकता नहीं होगी. पूर्व में उनको सीएलपी व पीएल को छोड़ कर अन्य अवकाश के लिए राज्य मुख्यालय से स्वीकृति लेनी पड़ती थी. कैबिनेट ने कार्यपालिका नियमावली 1979 के भाग ख की कंडिका 2(2) को विलोपित कर दिया गया है. अब कर्मियों को बिहार सेवा संहिता के प्रावधानों के तहत अवकाश की स्वीकृति मिलेगी.
बिहार खाद्य सुरक्षा शिकायत प्रखंड स्तर पर भी होगी
कैबिनेट ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 की धारा 40 की उपधारा (1) की धारा 14 व 15 के आलोक में बिहार खाद्य सुरक्षा शिकायत निवारण नियमावली, 2017 की स्वीकृति दी है. इसके तहत प्रखंड, जिला और राज्य स्तर पर शिकायत निवारण के लिए नोडल पदाधिकारियों की नियुक्ति की मंजूरी दी गयी है.
इसके लिए टाॅल फ्री नंबर भी जारी किया गया है. परिवारों का निबंधन,शिकायत और उसका निष्पादन अपील के 30 दिनों के अंदर किया जायेगा. उन्होंने बताया कि गुजरात के मॉडल को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम में शामिल किया गया है. नयी मॉडल नियमावली बन कर आयी है.
इंटर्नशिप कर रहे मेडिकल
छात्रों की छात्रवृत्ति Rs 3000 बढ़ी
राज्य के मेडिकल कॉलेजों में इंटर्नशिप कर रहे विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति में तीन हजार रुपये का इजाफा किया गया है. एलोपैथ, डेंटल, यूनानी, आयुर्वेद, होमियोपैथ के इंटर्नशिप कर रहे विद्यार्थियों को हर माह 12 हजार रुपये छात्रवृत्ति मिलती थी, जिसे एक अप्रैल, 2017 के प्रभाव से बढ़ा कर 15 हजार रुपये मासिक कर दिया गया है. इसी तरह से फिजियोथिरेपी और ऑकुपेशनल थिरेपी के इंटर्नशिप कर रहे विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति आठ हजार से बढ़ा कर 11 हजार रुपये मासिक कर दी गयी है.
अवकाश के लिए राज्य मुख्यालय से स्वीकृति की आवश्यकता नहीं
बिक्रमगंज में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश के एक पद का सृजन
बिहार पुलिस आशु संवर्ग सेवा नियमावली, 2017 के गठन को मंजूरी
बिहार पुलिस अव सेवा आयोग नियमावली, 2017 के प्रारूप को स्वीकृति
बिहार पुलिस खेलकूद नीति, 2013 में संशोधन की अनुमति
बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग के लिए सृजित विधि सहायक के दो पदों को वापस करते हुए बिहार सचिवालय सेवा संवर्ग के सहायक के दो पदों का सृजन
फास्ट ट्रैक कोर्ट,मधुबनी के अपर जिला एवं सत्र जज के दंडादेश संशोधन की मंजूरी
पूर्वी चंपारण की ढाका नगर पंचायत को नगर पर्षद का दर्जा
श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी (भर्ती एवं सेवा शर्तें) नियमावली में संशोधन की मंजूरी
बांका की पूर्व भू-अर्जन पदाधिकारी जयश्री बर्खास्त
बिहार प्रशासनिक सेवा की अधिकारी व बांका की तत्कालीन भू-अर्जन पदाधिकारी जयश्री ठाकुर को बर्खास्त कर दिया गया. कैबिनेट सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने बताया कि बांका की भू-अर्जन पदाधिकारी के रूप में जयश्री ठाकुर ने भूमि अधिग्रहण की दर के निर्धारण में गड़बड़ी की थी. पहले से ही वह भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित चल रही थीं.
निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय आयुक्त कार्यालय, भागलपुर बनाया गया था. इसी तरह से निलंबित वाणिज्यकर पदाधिकारी मो शकील अहमद को बिना सूचना के कर्तव्य से लगातार अनुपस्थित रहने के कारण बरखास्त कर दिया गया है. वहीं, कैबिनेट ने पटना हाइकोर्ट के निर्देश पर बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारी सुरेंद्र राय, तत्कालीन बीडीओ, पलासी (अररिया) को सेवा में फिर से वापस लेने पर मंजूरी दी गयी.

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