असली जदयू होने की कवायद में शरद गुट
राजनीति : जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से पहले पार्टी पर कब्जे की लड़ाई बिहार में महागठबंधन टूटने के बाद जदयू में बवाल कम होने का नाम नहीं ले रहा है. यह बवाल 19 अगस्त को बिहार में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से पहले शक्ति प्रदर्शन करने को लेकर किया जा रहा […]
राजनीति : जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से पहले पार्टी पर कब्जे की लड़ाई
बिहार में महागठबंधन टूटने के बाद जदयू में बवाल कम होने का नाम नहीं ले रहा है. यह बवाल 19 अगस्त को बिहार में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से पहले शक्ति प्रदर्शन करने को लेकर किया जा रहा है. हालांकि, तकनीकी तौर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पार्टी अध्यक्ष के नाते जदयू पर दावा मजबूत है. लेकिन, विरोधी खेमा पार्टी पर दावेदारी पेश करने के लिए हरसंभव कोशिश कर रहा है. विरोधी खेमा अपनी दावेदारी को मजबूत करने के लिए चुनाव आयोग जाने की तैयारी कर रहा है.
अगर चुनाव आयोग इस दिशा में कोई ठोस पहल नहीं करेगा तो विरोधी गुट अदालत की शरण में जाने पर भी विचार कर रहा है. शरद यादव गुट के नेताओं का कहना है कि असली जदयू का प्रतिनिधित्व बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नहीं कर रहे हैं और अधिकतर राज्यों के प्रतिनिधि का समर्थन शरद यादव गुट को है. जदयू के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव अरुण कुमार श्रीवास्तव ने मीडिया से कहा कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाये बिना बिहार में महागठबंधन से अलग होकर भाजपा के साथसरकार बनाने का फैसला लोकतंत्र के खिलाफ है. साथ ही बिना कारण बताये पार्टी नेताओं को दल से निलंबित किया जा रहा है. राज्यसभा सदस्य अली अनवर का कहना है कि पार्टी अध्यक्ष ने बिना कारण मुझे संसदीय दल से निलंबित कर दिया. मैंने सिर्फइतना कहना था कि मेरा जमीर भाजपा के साथ सरकार बनाने की इजाजत नहीं देता है. यही नहीं वरिष्ठ नेता शरद यादव को बिना कारण नेता सदन के पद से हटा दिया गया. लेकिन हम जनता की अदालत में जाकर लोगों को यह बतायेंगे कि जनादेश महागठबंधन को मिला था, लेकिन व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए जदयू
और भाजपा ने मिल कर सरकार बना ली. देश की साझी संस्कृति को बचाने के लिए शरद यादव ने जो मुहिम शुरू की है, वह जारी रहेगी
जनता इस धोखे का बदला लेगी. इसी के तहत विरोधी गुट पटना में 19 अगस्त को जदयू के समांतर सम्मेलन का आयोजनकिया है, जिसमें पूर्व अध्यक्ष शरद यादव भी भाग लेंगे. हालांकि, इस बाबत शरद यादव खुलकर बोलने से परहेज कर रहे हैं, लेकिन अगर वे 27 अगस्त को राजद की रैली में शामिल होते हैं, तो जदयू उनके खिलाफ अनुशासनत्मक तैयारी करने की योजना बना चुका है.