नीतीश बनाम शरद की ”जंग” आज अपने चरम पर, जदूय ने कहा – हमें सीमा रेखा पार करने का इंतजार

पटना : बिहार में आज जनता दल यूनाटेड के नेतृत्व को लेकर नीतीश कुमार व शरद यादव की जंग चरम पर पहुंचेगी. इस दौरान यह तय हो जायेगा कि आगे क्या होगा, भले ही इसका खुलासा अभी तुरंत न होकर अगले कुछ दिनों में हो. पार्टी अध्यक्ष की हैसियत से आज नीतीश कुमार ने जदयू […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 19, 2017 12:00 PM

पटना : बिहार में आज जनता दल यूनाटेड के नेतृत्व को लेकर नीतीश कुमार व शरद यादव की जंग चरम पर पहुंचेगी. इस दौरान यह तय हो जायेगा कि आगे क्या होगा, भले ही इसका खुलासा अभी तुरंत न होकर अगले कुछ दिनों में हो. पार्टी अध्यक्ष की हैसियत से आज नीतीश कुमार ने जदयू कार्यकारिणी की अहम बैठक बुलायी है, जिसमें चार प्रस्ताव पेश किये जाने की संभावना है. मुख्यमंत्री आवास एक अणे मार्ग में होने वाली इस बैठक में इस पर भी निर्णय लिये जाने की संभावना है कि जदयू औपचारिक रूप से एनडीए में शामिल होगा और उसके प्रतिनिधि केंद्र में मोदी सरकार के कैबिनेट में जायेंगे या नहीं. लेकिन, इससे बड़ा सवाल नीतीश कुमार व उनके नेतृत्व वाले जदयू के सामने शरद यादव का है. शरद यादव अपने राजनीतिक कदम से नीतीश कुमार को लगातार खुली चुनौती दे रहे हैं.वेनीतीशपरसीधा हमला नहीं कर रहे हैं,लेकिनजो सवाल उठा रहे हैं वे नीतीशसेजुड़े हैं.

पूर्व में जदयू कार्यकारिणी में शामिल होने की बात कहते वाले शरद यादव ने आज मुख्यमंत्री आवास पर होने वाली कार्यकारिणी के समानांतर एक अलग जनअदालत सम्मेलन पटनाके श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में बुलायी है. इससे दो दिन पहले वे दिल्ली में कंस्टीट्यूशन क्लब में साझी विरासत बचाओ सम्मेलन कर चुके हैं, जिसमें विपक्ष के नेताओं का बड़ा जमावड़ा हुआ था. दिलचस्प बात यह कि श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल व कंस्टीट्यूशन क्लब में होने वाले ऐसे आयोजन बड़े राजनीतिक बदलाव के हमेशा से पूर्व संकेतक रहे हैं.

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हालांकि राजनीति के चतुर खिलाड़ी शरद यादव ऐसी कोई बड़ी चूक नहीं कर रहे हैं कि पार्टी उसे उन पर कार्रवाई का ठोस आधार बना सके. राष्ट्रीय राजनीति में शरद यादव का कद भीमहत्वतो रखता ही है. शायद इसलिए आज जदयू के प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने मीडिया से कहा है कि हम इंतजार कर रहे हैं कि वे सीमा रेखा लांघें. उन्होंने कहा है कि हमारी नजर इस पर है कि वे 27 अगस्त को लालू प्रसाद यादव की होने वाली रैली में शामिल होते हैं या नहीं. केसी त्यागी ने शरद यादव के प्रति बेहद सम्मापूर्ण भाषा का उपयोग करते हुए कहा है कि हमलोगों का 40 साल का राजनीतिक साथ रहा है, कई उतार-चढ़ाव देखे हैं. जेपी, चौधरी चरण सिंह से लेकर वीपी सिंह के नेतृत्व में भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में हम सब साथ रहे हैं. शरदजी ने स्वयं लालू प्रसाद यादव के भ्रष्टाचार एवं उनके परिवारवार का मुद्दा उठाया था. केसी त्यागी ने कहा कि हम चाहते हैं कि जिस पार्टी को उन्होंने बनाया है, वे उसकी बैठक में हिस्सा लें.

त्यागी के बयान के मायने बहुत स्पष्ट हैं. जदयू शरद को कोई मौका देने से चुकना नहीं चाहता है और न ही आरोपों लगाने की परिस्थिति बनने देना चाहता है. त्यागी ने कहा है कि पार्टी के 19 पदाधिकारी नीतीश जी के साथ हैं, केवल तीन उनके साथ हैं. वहीं, सभी 70 विधायक, विधान परिषद सदस्य उनके साथ हैं. जदयू का मौजूदा नेतृत्व नीतीश खेमा व शरद खेमा जुमले को जोर नहीं पकड़ने देने के लिए शरद यादव व उनके समर्थकों को असंतुष्टबतारहा है.

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नीतीश के भाजपा के साथ गंठबंधन करने के बाद शरद यादव आज तीसरा बड़ा राजनीतिक कार्यक्रम कर रहे हैं. पहले वे उत्तर बिहार की तीन दिन की यात्रा कर चुके, उसके बाद दिल्ली में विपक्षी नेताओं को एक मंच पर लाया और आज फिर वे एक सम्मेलन पटना में कर रहे हैं. शरद की इस कवायद पर सत्ताधारी भाजपा ने भी चुटकी ली है. अरुण जेटली कह चुके हैं कि वे बिना बिग्रेड वाली सेना के कमांडर हैं. मालूम हो कि बीते कई महीनों में नोटबंदी सहित कई मुद्दों पर जब नीतीश कुमार लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन कर रहे थे तो शरद यादव अलग लाइन लेते हुए संसद में उस पर सवाल उठा रहे थे. तब भी एक बार जेटली ने संसद में कहा था कि शरदजी, जो कह रहे हैं वे अपनी पार्टी से पूछ लें कि वे उनके साथ हैं या नहीं.

आज यह देखना दिलचस्प होगा कि शरद के मंच पर बिहार के कौन से नेता जुुटते हैं. क्या लालू प्रसाद यादव की पार्टी के लोग आयेंगे क्या? और, फिर सप्ताह भर बाद शरद यादव लालू के मंच पर जाते हैं क्या?

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