लूट नहीं, हत्या की सुपारी
पटना: सृजन अस्पताल के प्रबंधकीय कर्मचारी पुरुषोत्तम मिश्र से पैसे की लूट तो करनी ही थी, उसके साथ ही अपराधियों का मकसद हत्या करना भी था. पुलिस को इस घटना की जांच में इस तरह के संकेत मिले हैं. इससे यह भी स्पष्ट होता जा रहा है कि किसी करीबी ने ही इस घटना को […]
पटना: सृजन अस्पताल के प्रबंधकीय कर्मचारी पुरुषोत्तम मिश्र से पैसे की लूट तो करनी ही थी, उसके साथ ही अपराधियों का मकसद हत्या करना भी था. पुलिस को इस घटना की जांच में इस तरह के संकेत मिले हैं.
इससे यह भी स्पष्ट होता जा रहा है कि किसी करीबी ने ही इस घटना को अंजाम दिया है या फिर पेशेवर अपराधियों की मदद से करवाया है. क्योंकि, अपराधी चाहते, तो पुरुषोत्तम मिश्र के हाथ से झटके से ही बैग छीन कर भाग सकते थे. यही नहीं, अपराधी चाहते तो एक गोली मारने के बाद भी बैग आसानी से छीन सकते थे. लेकिन अपराधी ने दूसरी गोली भी मारी, ताकि उनकी मौत हो जाये और सारे सबूत खत्म हो जाये. अपराधियों के अंदर यह डर अवश्य रहा होगा कि अगर वे बच जाते हैं, तो उन लोगों का भेद खुल सकता है.
पैसों को लेकर संशय बरकरार : इस घटना में कुल कितने पैसों की लूट हुई है, इस पर फिलहाल संशय बरकरार है. पुलिस ने सृजन अस्पताल के संचालक डॉ हिमांशु राय से जब पूछताछ की तो उन्होंने पांच से दस लाख रुपये होने की केवल संभावना जतायी थी. उन्होंने फिलहाल पुलिस को यह जानकारी नहीं दी है कि कुल कितने रुपये जमा कराने के लिए पुरुषोत्तम बैंक में गये थे. पुलिस को अभी केवल इतनी ही जानकारी हासिल हुई है कि पुरुषोत्तम मिश्र कई वर्षो से अस्पताल में कर्मचारी थे और काफी विश्वासी थे. वे दो-तीन दिन की आय को एक बार में बैंक में जमा कराने जाते थे और वहां से जब वे जमा कर वापस लौटते थे, तो उसकी रसीद अस्पताल के संचालक को सौंपते थे. एसएसपी ने बताया कि अभी पैसों के संबंध में पूरी जानकारी स्पष्ट नहीं है. अस्पताल प्रबंधन से मिली जानकारी के अनुसार पांच से दस लाख के बीच रकम थी.
दो मार्च की है घटना : मालूम हो कि सृजन अस्पताल के प्रबंधकीय कर्मचारी पुरुषोत्तम मिश्र बुधवार को लगभग 12 बजे राजेंद्र नगर स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा में पैसा जमा कराने के लिए पहुंचे थे. इसी बीच बैंक गेट पर ही दो की संख्या में रहे अपराधियों ने गोली मार दी थी और पैसे लेकर भाग निकले थे. उन्हें घायल अवस्था में बगल में स्थित आस्था लोक अस्पताल में भरती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान दो घंटे बाद उनकी मौत हो गयी थी. एसएसपी मनु महाराज ने कहा कि अपराधी चाहते तो उनसे आसानी से बैग ले सकते थे, लेकिन उनलोगों ने ऐसा नहीं किया और उन्होंने गोली मार दी. उन्होंने बताया कि इसके कारण पूरी तरह से यह स्पष्ट है कि इस घटना को अंजाम देने में किसी करीबी का हाथ है. जल्द ही अपराधियों को पकड़ लिया जायेगा. और सारे मामलों का खुलासा कर दिया जायेगा. कई बिंदुओं पर छानबीन चल रही है.