संयुक्त कृषि निदेशक और उनकी सीडीपीओ पत्नी ने मिलकर खूब जमा की धन-दौलत, जमा कर रखी है 89 लाख से ज्यादा की अवैध संपत्ति

पटना: भ्रष्ट लोकसेवकों के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई करते हुए विशेष निगरानी इकाई (एसवीयू) ने सारण में पदस्थापित मौजूदा संयुक्त निदेशक बैद्यनाथ रजक और उनकी पत्नी के खिलाफ मामला दर्ज किया है. आय से अधिक संपत्ति (डीए) का यह मामला संयुक्त निदेशक के साथ-साथ उनकी सीडीपीओ पत्नी रजनी कुमारी पर भी दर्ज किये गये हैं. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 20, 2017 10:03 AM
पटना: भ्रष्ट लोकसेवकों के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई करते हुए विशेष निगरानी इकाई (एसवीयू) ने सारण में पदस्थापित मौजूदा संयुक्त निदेशक बैद्यनाथ रजक और उनकी पत्नी के खिलाफ मामला दर्ज किया है. आय से अधिक संपत्ति (डीए) का यह मामला संयुक्त निदेशक के साथ-साथ उनकी सीडीपीओ पत्नी रजनी कुमारी पर भी दर्ज किये गये हैं. रजनी कुमारी मुजफ्फरपुर जिला के सरैया प्रखंड में पदस्थापित है.

जांच में यह बात सामने आयी है कि पति और पत्नी ने मिल कर 89 लाख रुपये से ज्यादा की अवैध संपत्ति जमा कर रखी है. बड़ी संख्या में वैसी सभी संपत्ति भी सामने आयी है, जिसे इन्होंने अब तक सरकार की नजर से छिपा कर रखा था और अपनी संपत्ति की घोषणा में भी नहीं बताया है. इनके पटना में अलग-अलग बैंकों में आधा दर्जन एकाउंट, म्यूचुअल फंड और पॉलिसी का पता चला है, जिनके जरिये लाखों रुपये का निवेश है. गौरतलब है कि दो दिनों से उनके ठिकानों पर आयकर विभाग की छापेमारी चल रही थी.

दो दिनों तक चली आयकर विभाग की छापेमारी में खुलासा
बैद्यनाथ रजक मूल रूप से वैशाली जिले के हाजीपुर थाना क्षेत्र के हरौली गांव के रहनेवाले है. वह जून 1986 से कृषि विभाग में तैनात है. इस दौरान वह नालंदा, मधुबनी और मुजफ्फरपुर समेत अन्य जिलों के जिला कृषि पदाधिकारी भी रह चुके हैं. अपने जिला कृषि पदाधिकारी के कार्यकाल के दौरान उन्होंने सबसे ज्यादा अवैध कमाई की है. जबकि, उनकी पत्नी वर्ष 2000 से सीडीपीओ के पद पर कार्यरत है. एसवीयू की जांच के मुताबिक बैद्यनाथ रजक ने जब से सरकारी नौकरी ज्वाइन की है. तब से अब तक (2016-17) तकरीबन 75 लाख रुपये सैलरी के रूप में मिले हैं, जिसमें इन्होंने पांच लाख रुपये केनरा बैंक से हाॅउसिंग लोन के रूप में ले रखा है. इसी तरह इनकी पत्नी को पूरे सेवाकाल के दौरान करीब 42 लाख रुपये सैलरी के रूप में मिले हैं. इस तरह दोनों की वैद्य आय मिला देने पर अधिकतम करीब एक करोड़ 30 लाख रुपये होती है. इसमें इनके बच्चों की पढ़ाई का खर्च समेत अन्य सभी जरूरी चीजें की कटौती करने के बाद भी इनके पास एक करोड़, 71 लाख, 89 हजार से ज्यादा की अवैध संपत्ति का पता चला है. जबकि, इनकी बेटी इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ रही है और बेटा भी कॉलेज में है.

इस तरह इनकी वैद्य आय से कई गुणा ज्यादा इनके पास अवैध संपत्ति मौजूद है. इनकी सभी संपत्ति का मूल्यांकन सरकारी मूल्य के आधार पर की गयी है. बाजार मूल्य में इनकी कीमत कई गुणा अधिक होगी. हालांकि, इनकी ब्लैक मनी से बनायी गयी करीब डेढ़ दर्जन से अधिक जमीन के प्लॉट और मकान का पता चला है, जो वैशाली और मुजफ्फरपुर जिलों में ही मुख्य रूप से मौजूद हैं. सबसे ज्यादा प्लॉट और मकान हाजीपुर में है. पटना में अभी तक इनके जमीन के प्लॉट या मकान से संबंधित कोई कागजात हाथ नहीं लगे हैं.

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