पटना :बिहार के दो दिवसीय दौरे पर आये ब्रिटिश हाई कमिश्नर सर डोमिनिक एसक्युएथ और डिप्टी हाई कमीशनर ब्रुश बकनेल उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी से उनके सचिवालय स्थित कक्ष में मिले और बिहार की प्राथमिकताओं पर विस्तार से चर्चा की.उपमुख्यमंत्री मोदी ने ब्रिटिश हाई कमिश्नर को बताया कि बिहार की प्राथमिकताएं युवाओं के कौशल विकास, हर घर तक गुणवत्तापूर्ण पेयजल पहुंचाना, हर घर में शौचालय का निर्माण और टोले-मुहल्ले की हर गलियों का पक्का निर्माण करना हैं. इसके साथ ही सरकार की प्राथमिकता कृषि को बढ़ावा देने और किसानों की आमदनी को दोगुना करने की भी है.
केंद्र के पिछड़े वर्ग के लिए कमीशन बनाने के निर्णय का किया स्वागत
केंद्र सरकार ने केंद्रीय सेवाओं में पिछड़े वर्गों की सूची को बिहार के समान पिछड़े और अति पिछड़े वर्ग में बांटने के लिए एक कमीशन बनाने का ऐतिहासिक फैसला किया है. इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बधाई के पात्र हैं. केंद्र सरकार की इस पहल से अब पिछड़े वर्ग की कमजोर जातियों को भी आगे बढ़ने का मौका मिलेगा. इसके पहले बिहार सहित 11 राज्यों में पिछड़े वर्ग की जातियों को अलग-अलग श्रेणियों में बांटा जा चुका हैं.भाजपा या जनसंघ जब-जब सरकार में रही है, तब-तब अति पिछड़ों के हित में काम की है. 1977 में केंद्र की जनता पार्टी की सरकार में जब जनसंघ भी शामिल था, तो पिछड़े वर्गों के आरक्षण पर विचार करने के लिए मंडल कमीशन का गठन किया गया था. 1977 में ही बिहार में कर्पूरी ठाकुर की सरकार, जिसमें जनसंघ भी शामिल था, ने पिछड़े वर्गों की सूची को एनेक्चर-1 और 2 में बांट कर अति पिछड़ों को लाभ दिया था. फिर जब 2005 में भाजपा सत्ता में आयी, तो पंचायत चुनाव में अतिपिछड़ी जातियों को 20 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिया.कांग्रेस जहां प्रारंभ से ही पिछड़ा विरोधी रही है, वहीं लालू प्रसाद भी अतिपिछड़ों की हकमारी करते रहे हैं. केंद्र सरकार ने क्रीमी लेयर को भी 6 से बढ़ा कर 8 लाख करने का सराहनीय निर्णय किया है. पिछड़े वर्ग की कमजोर और पीछे छूट चुकी जातियों को आगे बढ़ाने और केंद्रीय सेवाओं में अवसर मुहैया कराने की दिशा में केंद्र सरकार के इस निर्णय का व्यापक असर पड़ेगा.