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BIHAR : प्रधानमंत्री को सौंपा जायेगा बाढ़ नुकसान का प्रारंभिक मेमोरेंडम
पटना : राज्य में हुए बाढ़ क्षति के आकलन में आपदा प्रबंधन विभाग जुट गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राज्य के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों के हवाई सर्वेक्षण के बाद पटना में आयोजित बैठक में नुकसान की जानकारी दी जायेगी. आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने बताया कि राज्य में बाढ़ के कारण […]
पटना : राज्य में हुए बाढ़ क्षति के आकलन में आपदा प्रबंधन विभाग जुट गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राज्य के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों के हवाई सर्वेक्षण के बाद पटना में आयोजित बैठक में नुकसान की जानकारी दी जायेगी.
आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने बताया कि राज्य में बाढ़ के कारण हुए जानमाल के नुकसान का प्रधानमंत्री को प्रारंभिक मेमोरेंडम सौंपा जायेगा. इसकी तैयारी चल रही है. हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि फिलहाल कितने का नुकसान हुआ है.इसके बाद केंद्र को अंतिम रूप से मेमोरेंडम भेजा जायेगा. उधर आपदा प्रबंधन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार राज्य में अब तक बाढ़ के कारण मरनेवालों की संख्या अब 367 हो गयी है. अररिया जिला में सबसे अधिक 80 लोगों की मौत की पुष्टि की गयी है.
पीएम को सौंपी जायेगी क्षतिग्रस्त सड़कों की रिपोर्ट
बिहार में बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुई सड़कों के बारे में रिपोर्ट प्रधानमंत्री को सौंपी जायेगी. आपदा विभाग के माध्यम से यह रिपोर्ट दिया जायेगा. क्षतिग्रस्त सड़कों के बारे में रिपोर्ट तैयार करने में पथ निर्माण विभाग जुट गया है.
बाढ़ से नेशनल हाइवे के अलावा स्टेट हाइवे व जिला सड़कें, पुल-पुलिया भी क्षतिग्रस्त हुई है. इन सारे का रिपोर्ट तैयार किया जा रहा है. उत्तर बिहार में आयी बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुए सड़कों की मरम्मत पर लगभग एक हजार करोड़ खर्च होंगे. बाढ़ से लगभग सात सौ किलोमीटर सड़कें क्षतिग्रस्त हुई है.
क्षतिग्रस्त हुए सड़कों का आकलन पूरी तरह से पानी निकल जाने के बाद होगा. फिलहाल एक अनुमान के अनुसार सड़कों की मरम्मत पर एक हजार करोड़ खर्च होंगे. बाढ़ से सबसे अधिक पूर्णिया प्रमंडल में पड़नेवाले सड़कें क्षतिग्रस्त हुई है. 13 जिलों में क्षतिग्रस्त हुयी सड़कों में नेशनल हाइवे, स्टेट हाइवे व जिला सड़कें शामिल है.
पथ निर्माण विभाग के नियंत्रण में स्टेट हाइवे व जिला सड़कों में कुल 203 सड़कों पर पानी चढ़ा. जिससे सड़कें क्षतिग्रस्त हुई. नेशनल हाइवे सड़कों में एनएच 31, 28, 28 बी, 57 ए, 327ई, 104, 105, 106, 107 शामिल है. मिली जानकारी के अनुसार क्षतिग्रस्त सड़कों के कटान को भर कर आवागमन चालू किया गया है. इसके लिए बालू भरा बोरा, ईट, बोल्डर आदि से उसे दुरुस्त किया गया है. क्षतिग्रस्त सड़कों की स्थायी मरम्मत का काम पानी उतरने के बाद होगा. अक्तूबर के बाद सड़कों की मरम्मत का काम शुरू होगा.
बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुए पुल के निर्माण में भारत सरकार की एजेंसी से सहयोग लेकर छह जगहों पर बेली ब्रीज निर्माण होगा. बेली ब्रीज निर्माण में सेना भी सहयोग कर रही है. ताकि आवागमन को चालू किया जा सके. पथ निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव का कहना है कि क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत में राशि की कमी नहीं होगी. अगर आवश्यकता पड़ी तो इसमें केंद्र से भी सहयोग लिया जायेगा. क्षतिग्रस्त सड़कों को अगले साल मार्च तक मरम्मत का काम पूरा कर लिये जाने की संभावना है.
इसके लिए पथ प्रमंडलों में अभियंताओं द्वारा सर्वे किया जा रहा है. जिन सड़कों पर से पानी निकल चुका है. वहां सड़कों का क्षतिग्रस्त आकलन वास्तविक रूप से हो रहा है. जिन सड़कों पर अभी भी पानी है वहां अनुमान के अनुसार रिपोर्ट तैयार हो रहा है.
पुल निर्माण निगम के अधिकारी भी क्षतिग्रस्त पुल-पुलिया का रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं. रिपोर्ट में क्षतिग्रस्त सड़कों व पुल-पुलिया की मरम्मत में होनेवाले खर्च का आकलन हो रहा है. ज्ञात हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 26 अगस्त को बाढ़ से प्रभावित क्षेत्राें का सर्वेक्षण करने के लिए बिहार आ रहे हैं. बाढ़ से हुई क्षति के बारे में प्रधानमंत्री को अवगत कराया जायेगा.
ग्रामीण सड़कों को दुरुस्त करने में एक हजार करोड़ से अधिक का होगा खर्च
दीपक कुमार मिश्रा
पटना : सूबे में आयी अप्रत्याशित बाढ़ से ग्रामीण सड़कें तबाह हो गयी है. इन सड़कों का फिर से बनाना पड़ेगा. इनके पुनर्निमाण पर 1032 करोड़ से अधिक का खर्च आयेगा. सिर्फ इन्हें मोटरेबुल करने के लिए 217 करोड़ की जरूरत होगी.
जहां से पानी निकल गया है और फिर से नयी सड़क बनाने की जरूरत है वहां के लिए डीपीआर बनाने का भी निर्देश दे दिया गया है. बाढ़ से 24 पुलों को भी नुकसान पहुंचा है. काम में शिथिलता बरतने के आरोप में कार्य प्रमंडल किशनगंज-एक के कार्यपालक अभियंता विजय कुमार को निलंबित कर दिया गया है. बाढ़ से 2494 ग्रामीण सड़कों को नुकसान पहुंचा है.
2377 जगहों पर तो सड़कें कट गयी हैं. अबतक 204 स्थानों पर यातायात बहाल किया गया है. सबसे अधिक 452 सड़क पूर्वी चंपारण में क्षतिग्रस्त हुई हैं. सीमांचल के चार जिले अररिया, किशनगंज, पूर्णिया और कटिहार में भी बड़ी संख्या में क्षतिग्रस्त हुई हैं. विभाग के चारों मुख्य अभियंता इन जिलों में कैंप कर सड़कों को दुरुस्त करवा रहे हैं. विभागीय मंत्री ने मुख्य अभियंताओं से कहा है कि यातायात बहाल कराने के बाद ही वे मुख्यालय लौटेंगे.
बाढ़ से तीस जिलों में सड़कों को नुकसान पहुंचा है लेकिन नौ जिले एेसे हैं जहां सबसे अधिक नुकसान हुआ है. पूर्वी चंपारण में 452 सड़कें, पश्चिमी चंपारण में 283, दरभंगा में 269, मधुबनी में 210, सीतामढ़ी में 300, अररिया में 168, किशनगंज में 293, कटिहार में 333 और पूर्णिया जिले में 281 सड़कों को नुकसान पहुंचा है.
बाढ़ से सड़कों को काफी नुकसान हुआ है. पहली प्राथमिकता सड़क को मोटरेबुल बनाने की है. अभियंताओं से कहा गया है कि सड़क को फिर से बनाने की जरूरत है तो उसके डीपीआर तुरंत बनाएं.
शैलेश कुमार, मंत्री, ग्रामीण कार्य विभाग
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