पटना : बिहार विधानसभा के मानसून सत्र में विपक्ष पूरी तरह सत्तापक्ष को घेरने में सफल नहीं हो पाया है. खासकर बाढ़ राहत के मामले पर विपक्ष पूरी तरह सत्तापक्ष के निशाने पर है. इसका कारण राजद की ओर से 27 अगस्त को आयोजित रैली है. मानसून सत्र के चौथे दिन पक्ष और विपक्ष के सदस्य आपस में भिड़ गये और सदन में जमकर हंगामा हुआ. विपक्ष की ओर से नीतीश सरकार द्वारा बाढ़ राहत में कोताही और राहत वितरण में लापरवाही बरतने को लेकर कार्यस्थगन प्रस्ताव लाया गया. कार्यस्थगन प्रस्ताव अस्वीकृत होने के बाद विपक्ष के सदस्य भड़क गये. विरोधी दल के सदस्य इस मसले पर हंगामा करते हुए वेल में आ गये. इस दौरान सीपीआई एमएल के विधायक महबूब आलम के सदन में व्यवहार को लेकर विधानसभा अध्यक्ष विजय चौधरी ने चेतावनी भी दी. विपक्ष के सदस्य और पूर्व वित्त मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी ने सरकार के बाढ़ राहत को लेकर सरकार के कार्य की आलोचना की और कार्यस्थगन प्रस्ताव लाया. सिद्दीकी ने कहा कि बाढ़ राहत सामग्री और दवाएं लोगों को नहीं मिल रही हैं.
सिद्दीकी ने यह भी आरोप लगाया गया कि सैकड़ों लाशों को बहा दिया गया. सिद्दीकी ने कहा कि अगर बिहार सरकार और विधानसभा के अध्यक्ष बाढ़ के महत्व को समझ रहे हैं, तो राजद द्वारा लाये गये कार्यस्थगन प्रस्ताव को स्वीकार करें और उस पर बहस करें. वहीं, विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने कहा कि मॉनसून सत्र के पहले ही दिन उन्होंने साफ कर दिया कि बाढ़ से 18 जिले और एक करोड़ से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं. इस पर चर्चा होनी चाहिए. इस पर कार्य मंत्रणा समिति की बैठक कर अलग से तय किया जा सकता है.
इस पर संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि पहले ही दिन से सरकार चाहती है कि सदन में नियम के अनुसार कार्यवाही हो. सरकार हर मुद्दे पर बहस को तैयार है. संसदीय परंपरा में जो सवाल लायेंगे सरकार उसका जवाब देगी, लेकिन संसदीय परंपरा से विपरीत कोई चीज होगा तो सरकार जवाब नहीं देगी. सदन में उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि विपक्ष को बाढ़ और पीड़ितों की कोई चिंता नहीं है, यदि चिंता है, तो वह रैली को स्थगित करें. इस पर जवाब देते हुए सिद्दीकी ने कहा कि रैली होगी और आपके सीने पर 27 अगस्त को रैली होगी. मीडिया से बातचीत में पथ निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव ने कहा कि बाढ़ पीड़ितों के लिए राजद के लोगों को कोई चिंता नहीं है. इन लोगों को चुल्लू भर पानी में डूब मरना चाहिए.
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