ब्यूरोक्रेट को होना होगा जिम्मेवार

पटना: ब्यूरोक्रेट को जिम्मेवार होना होगा. उसे चीजों को समझने की कोशिश करनी होगी, न कि यह सोच कर बैठ जाना होगा कि कुछ नहीं हो सकता. राज्य व केंद्र सरकार द्वारा दो सौ से अधिक योजनाएं चलायी जा रही हैं, लेकिन ऐसा प्राय: देखा जा रहा है कि इन योजनाओं का ठीक से क्रियान्वयन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 6, 2014 8:36 AM

पटना: ब्यूरोक्रेट को जिम्मेवार होना होगा. उसे चीजों को समझने की कोशिश करनी होगी, न कि यह सोच कर बैठ जाना होगा कि कुछ नहीं हो सकता. राज्य व केंद्र सरकार द्वारा दो सौ से अधिक योजनाएं चलायी जा रही हैं, लेकिन ऐसा प्राय: देखा जा रहा है कि इन योजनाओं का ठीक से क्रियान्वयन नहीं हो रहा है.

नालंदा खुला विवि व भारतीय लोक प्रशासन संस्थान द्वारा ‘पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन एंड डेवलपमेंट ऑफ बिहार’ पर आयोजित सेमिनार में बांग्लादेश की राजधानी ढाका की संस्था सीआइआरडीएपी के पूर्व निदेशक डॉ एसके सिंह ने ये बातें कहीं.

उन्होंने कहा कि माइक्रो फाइनेंस सिस्टम को अच्छा करने की जरूरत है. वहीं इ-गवर्नेस के माध्यम से भी चीजों को दुरुस्त किया जा सकता है. गरीबों को अगर अच्छा मार्केट मिल जाये, तब भी स्थिति में काफी सुधार आ सकता है. मौके पर डॉ आरके वर्मा, डॉ नवनीत सिन्हा, प्रो ज्ञान श्याम एन सिंह, प्रो राजीव नंदन यादव, प्रो रणधीर सिंह ने भी अपना प्रेजेंटेशन दिया. पूर्व कुलपति वीएस दूबे ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया. फॉरेन डेलिगेट डॉ यांग गिल ली, कुलपति प्रो आरबी सिंह, प्रतिकुलपति प्रो आरपी उपाध्याय, रजिस्ट्रार एसपी सिन्हा समेत कई लोगों ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया. अध्यक्षीय भाषण आइएएस एवी सिन्हा ने दिया. डॉ अर्चना कुमारी ने मंच का संचालन किया. डॉ संगीता विश्वनाथ ने धन्यवाद ज्ञापन किया.

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