बीएड कॉलेज अनियमितता मामले में फैसला सुरक्षित

पटना. हाइकोर्ट ने राज्य के विभिन्न बीएड कॉलेजों के निरीक्षण में बरती गयी अनियमितता को लेकर चल रही सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है. अदालत इस मामले पर फैसला 28 अगस्त को सुनायेगी. जस्टिस चक्रधारीशरण सिंह की एकलपीठ ने बीआर अंबेडकर बीएड कॉलेज एवं अन्य की ओर से दायर रिट याचिका पर गुरुवार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 25, 2017 10:26 AM
पटना. हाइकोर्ट ने राज्य के विभिन्न बीएड कॉलेजों के निरीक्षण में बरती गयी अनियमितता को लेकर चल रही सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है. अदालत इस मामले पर फैसला 28 अगस्त को सुनायेगी. जस्टिस चक्रधारीशरण सिंह की एकलपीठ ने बीआर अंबेडकर बीएड कॉलेज एवं अन्य की ओर से दायर रिट याचिका पर गुरुवार को सुनवाई करने के बाद फैसला सुरक्षित रखा है. पूर्व की सुनवाई में अदालत ने एनसीटीइ के कार्यकलापों पर सख्त ऐतराज जताते हुए चेयरमैन को हटाने तक के मामले में केंद्र सरकार से जवाब तलब किया था. साथ ही बीएड कॉलेजों की जांच हेतु गठित कमेटी पर भी सवाल-जवाब किया गया था.
दिसंबर तक पूरा करा लिया जायेगा बिहार बार काउंसिल का चुनाव : बार काउंसिल आफ इंडिया के अध्यक्ष वरीय अधिवक्ता मनन कुमार मिश्रा ने कहा कि बिहार राज्य बार काउंसिल का चुनाव दिसंबर तक पूरा करा लिया जायेगा. बीसीआइ के एडवोकेट वेरिफिकेशन रूल पर सुप्रीम कोर्ट ने मुहर लगायी है.

पटना आये मनन कुमार मिश्रा ने कहा कि राज्य बार काउंसिल का चुनाव दिसंबर तक हो जाये इसके लिए बार काउंसिल आफ इंडिया सतत प्रयत्नशील है. उन्होंने कहा कि अधिवक्ताओं के सत्यापन के लिए बार काउंसिल आफ इंडिया ने जो मुहिम शुरू की थी वह बिलकुल सही थी. अब तो उच्चतम न्यायालय ने भी अपनी मुहर लगा दी है. उन्होंने सूबे के अधिवक्ताओं से आग्रह किया कि जिन अधिवक्ताओं ने एडवोकेट वेरिफिकेशन फार्म के साथ निर्धारित कागजात संलग्न नहीं किये हैं या जिनके आवेदन पत्र में कुछ त्रुटियां रह गयी हैं, वे जल्द से जल्द जमा कर दें, ताकि निर्धारित समय में मतदाता सूची का कार्य पूरा कर चुनाव कराया जा सके. बार काउंसिल के अध्यक्ष ने कहा कि जिन अधिवक्ताओं का आवेदन त्रुटि पूर्ण होगा, उनकी सूची बनाकर एसोसिएशन को भेज दी जायेगी. साथ ही साथ माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्देश के आलोक में एक सप्ताह के भीतर दो प्रमुख समाचार पत्रों में सूचना भी प्रकाशित की जायेगी, ताकि उच्चतम न्यायालय के आदेश का समय पालन हो सके.

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