राबड़ी देवी ने बताया रैली में सोनिया और राहुल के नहीं आने का कारण, पढ़ें
पटना : बिहार की राजधानी पटना में बिहार के सबसे बड़े सियासी परिवार के मुखिया राजद सुप्रीमो लालू की ओर से 27 अगस्त को आयोजित रैली को लेकर कयासों का दौर जारी है. ताजा जानकारी के मुताबिक बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने मीडिया से बातचीत में कहा है कि विपक्षी पार्टियों में एकता […]
पटना : बिहार की राजधानी पटना में बिहार के सबसे बड़े सियासी परिवार के मुखिया राजद सुप्रीमो लालू की ओर से 27 अगस्त को आयोजित रैली को लेकर कयासों का दौर जारी है. ताजा जानकारी के मुताबिक बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने मीडिया से बातचीत में कहा है कि विपक्षी पार्टियों में एकता है और राजद की रैली में सभी बड़े नेता शामिल होंगे. राबड़ी देवी ने कहा कि बिहार के कोने-कोने से लोग रैली में हिस्सा लेने के लिए आयेंगे. राबड़ी देवी ने मायावती, राहुल गांधी और सोनिया के रैली में भाग नहीं लेने के प्रश्न का जवाब देते हुए कहा कि सोनिया गांधी बीमार हैं और राहुल गांधी का पहले से विदेश दौरे पर जाने का कार्यक्रम निर्धारित है. इसलिए, वह लोग भाग नहीं ले रहे हैं. उधर, मायावती ने गुरुवार को लखनऊ में मीडिया से कहा कि गठबंधन को लेकर उनका पुराना अनुभव काफी खराब रहा है. गठबंधन के बाद विपक्षी दलों ने पीठ में छुरा घोपा है. लिहाजा, अब वह सीट तय होने पर ही मंच साझा करेंगी.
ज्ञात हो कि बसपा अध्यक्षा मायावती के आगामी 27 अगस्त को पटना में आयोजित राजद की रैली में नहीं शामिल होने की रिपोर्ट के बीच राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने कहा था कि उनकी रैली में उनकी पार्टी का प्रतिनिधित्व वरिष्ठ नेता सतीश मिश्र करेंगे. लालू ने सफाई देते हुए यह कहा था कि उनकी मायावती से बात हुई. उनकी पार्टी के वरिष्ठ नेता सतीश मिश्र रैली में भाग लेंगे. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद और सीपी जोशी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के संदेश के साथ रैली में भाग लेंगे. इस रैली में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के भाग लेने के बारे में पूछे जाने पर लालू ने कहा कि वे भी भाग ले सकते हैं. दो दिन पहले लालू यादव ने दावा किया था कि उनकी रैली में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और जदयू के बागी वरिष्ठ नेता शरद यादव भी भाग लेंगे.
पूर्व में राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने अपनी पार्टी की आगामी 27 अगस्त को आयोजित ‘भाजपा बचाव देश बचाओ ‘ रैली में मायावती और समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद यादव के एक मंच पर होने का दावा किया था. उस वक्त जदयू महागठबंधन में शामिल थी. यह पूछे जाने पर कि नीतीश कुमार और उनकी पार्टी के प्रधान महासचिव के सी त्यागी ने कहा है कि अगर शरद पार्टी लाइन से हटकर राजद की उक्त रैली में भाग लेते हैं तो उनकी राज्यसभा से सदस्यता चली जायेगी, इस पर लालू ने कहा कि ऐसा कोई प्रावधान नहीं है. उन्होंने कहा कि क्या वे व्हिप का उल्लंघन कर रहे हैं? लालू ने कहा था कि किसी दल में ऐसा प्रावधान नहीं है. नेता एक दूसरे की रैली में भाग लेते ही हैं. यह दलबदल कानून के तहत नहीं आता. उन्होंने यह भी दावा किया था कि शरद यादव ही असली जदयू का प्रतिनिधित्व करते हैं.
लालू ने पूर्व में यह भी कहा था कि महागठबंधन में राजद, कांग्रेस और शरद यादव नीत जदयू शामिल रहेंगे. उन्होंने कहा कि नीतीश ने पूर्व में भाजपा के साथ अलग होने के बाद कहा था कि वे मिट्टी में मिल जायेंगे पर भाजपा के साथ नहीं जाएंगे. लालू ने नीतीश के अब भाजपा के साथ मिलकर नई सरकार बनाये जाने पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उन्होंने भाजपा के साथ केवल हाथ नहीं मिलाया बल्कि उसकी गोद में जा बैठे हैं.
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