BIHAR : कृषि मंत्री डॉ प्रेम कुमार प्रभातखबर में : किसानों के आंसू को पोंछ उनके चेहरे पर लायेंगे मुस्कुराहट
पटना : राज्य के कृषि मंत्री डाॅ प्रेम कुमार ने राज्य के किसानों खासकर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के किसानों को आश्वस्त किया है कि उनकी परेशानियों को सरकार दूर करेगी. बाढ़ से फसलों के नुकसान से किसानों को जो आर्थिक क्षति पहुंची है सरकार उसकी भरपाई करेगी. सरकार किसानों की माली हालत में सुधार के […]
पटना : राज्य के कृषि मंत्री डाॅ प्रेम कुमार ने राज्य के किसानों खासकर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के किसानों को आश्वस्त किया है कि उनकी परेशानियों को सरकार दूर करेगी. बाढ़ से फसलों के नुकसान से किसानों को जो आर्थिक क्षति पहुंची है सरकार उसकी भरपाई करेगी. सरकार किसानों की माली हालत में सुधार के लिए दृढ़ संकल्पित है.
ये बातें शुक्रवार को प्रभात खबर कार्यालय में पहंुचे कृषि मंत्री डॉ प्रेम कुमार ने हमारे संवाददाता दीपक मिश्रा से कहीं. उन्होंने कहा कि किसानों की आमदनी दोगुनी करने की दिशा में सरकार काम कर रही है. किसानों को आर्थिक दृष्टि से संपन्न बनाना हमारा लक्ष्य है, लेकिन अभी प्राथमिकता बाढ़ से किसानों को हुए नुकसान की भरपाई करना है. हम किसानों के आंसू को पोंछ उनके चेहरे पर मुस्कुराहट लायेंगे. प्रस्तुत है उनसे बातचीत के अंश…
प्रश्न-राज्य के किसान बाढ़ से परेशान हैं, उनकी परेशानी कैसे दूर होगी
जवाब-सरकार को किसानों की चिंता है. 18 जिलों के 215 प्रखंडों में बाढ़ से बड़े पैमाने पर फसलों को क्षति पहुंची है. इसका आकलन हो रहा है. आकलन में विभागीय अधिकारियों को लगाया गया है. अब तक प्रारंभिक आकलन में 7.40 लाख हेक्टयर में लगी फसलों को नुकसान पहुंचा है. किसानों को जो क्षति पहुंची है इसकी भरपाई सरकार मुआवजा और फसल बीमा के जरिये करेगी. साथ ही रबी की खेती के पहले जितने समय तक खेत खाली रहेगा, उस दौरान वैकल्पिक खेती किया हो सकती है इसकी संभावना देखी जा रही है. किसानों के लिए जो भी करना पड़ेगा किया जायेगा. किसानों की सुविधा के लिए एडवायजरी जारी किया जा रहा है.
प्रश्न-किसानों की आर्थिक स्थिति कैसे बदलेगी
जवाब : किसानों को बाजार से जोड़ेंगे. आधारभूत संरचनाओं को मजबूत किया जायेगा. ताकि, किसानों को उनके उत्पाद का लाभकारी मूल्य मिल सके. इसके लिए राज्य के विघटित बाजार समितियों के बाजार प्रांगणों के विकसित किया जायेगा. पहले चरण में प्रमंडल वाले शहरों और उसके बाद अन्य बाजार प्रांगणों में सुविधाओं का विस्तार किया जायेगा. वहां पर कोल्ड स्टोर व गोदाम का निर्माण होगा. किसानों के लिए जनसुविधा बहाल होगी. इसे इ-बाजार से जोड़ा जायेगा, ताकि किसानों को देश भर के मूल्य की जानकारी मिल सके. किसानों को इंट्रीग्रेटेड खेती से जोड़ा जायेगा. खेती से जुड़े सेक्टर, पशुपालन, मछली, बकरी पालन और डेयरी से जोड़ा जायेगा. जैविक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है.
प्रश्न- किसानों की समस्याओं को आप कैसे जानेंगे
जवाब :विभाग के अधिकारी तो हमें जानकारी देते ही है. इसके अलावा बाढ़ का कहर कम होने पर पर सभी जिलों में किसानों के लिए महा चौपाल लगायेंगे. मेरे साथ विभाग के अधिकारी और कृषि वैज्ञानिक रहेंगे. किसानों से सीधे बात कर उनसे फीडबैक लेंगे. उनकी परेशानियों को जानेंगे. सरकारी योजनाओं की उन्हें जानकारी देंगे. जब आमने-सामने बात होगी, तो रास्ता निकलेगा और समस्याओं को दूर किया जायेगा.
प्रश्न-किसानों के लिए आपकी सरकार क्या नया कर रही है
जवाब : खेती के तरीके को समय के अनुसार बदलना होगा. हम खेती को उन्नत तकनीक से जोड़ रहे हैं. मिट्टी और जलवायु के हिसाब से खेती की योजना बन रही है. कृषि रोडमैप से एक दर्जन विभागों को जोड़ा गया है. सिंचाई की बेहतर व्यवस्था हो रही है.
कृषि के लिए अलग से फीडर का निर्माण हो रहा है. खाद की कोई कमी नहीं है. रबी और खरीफ की फसलों के अलावा फूल, फल, मशरूम, गन्ना आदि की खेती को बढ़ावा दिया जायेगा. लीची सहित अन्य फसलों को अधिक दिन तक संरक्षित करने की व्यवस्था हो रही है, ताकि किसानों को लाभकारी मूल्य मिल सके. दूसरे राज्यों में बेहतर खेती के लिए किस तरह का काम हो रही है इसका भी अध्ययन हो रहा है. जरूरत के हिसाब से इसे यहां भी लागू किया जायेगा.