नयीदिल्ली: बिहार के सृजन घोटाले की जांच का जिम्मा अब केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) के पास आ गया है. इस घोटाले में एक हजार करोड़ रुपये के सरकारी फंड को कथित तौर पर स्वयंसेवी संगठनों के खातों में भेजा गया था. सीबीआइ ने इस मामले में दस प्राथमीकियां दर्ज की हैं. इससे पहले मामले की जांच बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (इओयू) कर रही थी.
बिहार सरकार द्वारा मामला सीबीआइ को सौंपे जाने के बाद उसने जांच का जिम्मा संभाल लिया. नियमों के मुताबिक, एजेंसी राज्य पुलिस द्वारा दर्ज की गयी प्राथमीकियों को नये सिरे से दर्ज करती है, लेकिन वह अपनी अंतिम रिपोर्ट यानि आरोप पत्र या क्लोजर रिपोर्ट में अपने निष्कर्ष देने के लिए स्वतंत्र होती है.
#SrijanScam: CBI FIR also filed against Ex-Director, Bank of Baroda (Bhagalpur), Ex-cashier & Head Asst. of Land Acquisition Office(Saharsa)
— ANI (@ANI) August 26, 2017
#SrijanScam: CBI FIR also filed against Ex-Director, Bank of Baroda (Bhagalpur), Ex-cashier & Head Asst. of Land Acquisition Office(Saharsa)
— ANI (@ANI) August 26, 2017
सूत्रों ने बताया कि प्राथमीकियां सृजन महिला विकास समिति (एनजीओ) की निदेशक मनोरमा देवी, संगठन के अन्य अधिकारियों और बैंक अधिकारियों के खिलाफ दर्ज की गयी है.उन्होंने बताया कि एजेंसी को केंद्र सरकार की ओर से जांच का जिम्मा संभालने के निर्देश प्राप्त हुए हैं और उन्होंने आज बिहार सरकार से जरुरी दस्तावेज प्राप्त कर लिए हैं. बिहार पुलिस ने ‘सृजन’ की सचिव प्रिया कुमार और उनके पति पर 950 करोड़ रुपये की सरकारी रकम की कथित धोखाधड़ी के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया है. प्रिया कुमार एनजीओ की संस्थापक मनोरमा देवी की बहु है.
बिहार सरकार के अधिकारियों ने बताया इस साल मनोरमा देवी की मौत के बाद एनजीओ को प्रिया कुमार और मनोरमा देवी का बेटा अमित कुमार चला रहे थे.
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