कहने को कैथ लैब, पर नहीं होती एंजियोग्राफी

पटना : एंजियोग्राफी करानी होगी, उसके बाद अगर ब्लॉकेज होगा, तो एंजियोप्लास्टी भी करनी पड़ेगी, इसलिए आप हॉर्ट हॉस्पिटल चले जायें. वहां आपके मरीज का इलाज ठीक से होगा, यहां के भरोसे नहीं रहें. यह कहना है बिहार के सबसे बड़े संस्थान इंदिरा गांधी ह्रदय रोग संस्थान का. जहां सरकार की ओर से यह कहा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 7, 2014 4:03 AM

पटना : एंजियोग्राफी करानी होगी, उसके बाद अगर ब्लॉकेज होगा, तो एंजियोप्लास्टी भी करनी पड़ेगी, इसलिए आप हॉर्ट हॉस्पिटल चले जायें. वहां आपके मरीज का इलाज ठीक से होगा, यहां के भरोसे नहीं रहें. यह कहना है बिहार के सबसे बड़े संस्थान इंदिरा गांधी ह्रदय रोग संस्थान का. जहां सरकार की ओर से यह कहा जाता है कि ह्रदय रोगियों के लिए परिसर में सभी सुविधाएं मौजूद हैं.

परिसर में कैथ लैब की व्यवस्था है, लेकिन वहां एंजियोप्लास्टी करनेवाले चिकित्सक नहीं हैं. जानकारी के मुताबिक पहले एंजियोग्राफी करने के लिए बाहर से चिकित्सकों की टीम बुलायी जाती थी, लेकिन संस्थान परिसर के निधन के बाद वह भी बंद हो गया है और अब बाहर से चिकित्सक नहीं आते हैं, जिसके चलते एक साल के संस्थान में एंजियोग्राफी व एंजियोप्लास्टी जैसी मामूली काम भी नहीं होता है. इस बाबत संस्थान के कार्यकारी निदेशक डॉ हरेंद्र कुमार से पूछे जाने पर उन्होंने कुछ भी कहने से मना कर दिया.

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