बिहार में बाढ़ से अब तक 482 की मौत, राहत व बचाव कार्य युद्ध स्तर पर जारी
पटना : पड़ोसी देश नेपाल और बिहार में लगातार भारी बारिश के कारण अचानक आयी बाढ़ से प्रदेश में मरने वालों की संख्या बढ़कर अब 482 हो गयी है तथा बाढ़ से 19 जिलों की एक करोड़ 71 लाख 64 हजार आबादी प्रभावित हुई है. राज्य सरकार के द्वारा बाढ़ में घिरे लोगों को सुरक्षित […]
पटना : पड़ोसी देश नेपाल और बिहार में लगातार भारी बारिश के कारण अचानक आयी बाढ़ से प्रदेश में मरने वालों की संख्या बढ़कर अब 482 हो गयी है तथा बाढ़ से 19 जिलों की एक करोड़ 71 लाख 64 हजार आबादी प्रभावित हुई है. राज्य सरकार के द्वारा बाढ़ में घिरे लोगों को सुरक्षित निकाले जाने का कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है. अब तक 8,54,936 लोगों को बाढ़ प्रभावित इलाके से सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है और 222 राहत शिविरों में 1,44,940 व्यक्ति शरण लिए हुए हैं.
आपदा प्रबंधन विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक पड़ोसी देश नेपाल और बिहार में लगातार हुई भारी बारिश के कारण अचानक आयी बाढ़ से प्रदेश में मरने वालों की संख्या बढ़कर अब 482 हो गयी है तथा बाढ़ से 19 जिलों की एक करोड़ 71 लाख 64 हजार आबादी प्रभावित हुई है.
बाढ़ से प्रदेश के 19 जिले किशनगंज, अररिया, पूर्णिया, कटिहार, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, दरभंगा, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, सीतामढी, शिवहर, समस्तीपुर, गोपालगंज, सारण, सिवान, सुपौल, मधेपुरा, सहरसा एवं खगड़िया प्रभावित हैं. इसमें सबसे अधिक अररिया में 95 लोग, सीतामढी में 46, पूर्णिया में 44, कटिहार में 40, पश्चिमी चंपारण में 36, पूर्वी चंपारण में 32, दरभंगा में 30, मधुबनी में 28, मधेपुरा में 25, किशनगंज में 24, गोपालगंज 20, सुपौल में 16, सारण में 13, मुजफ्फरपुर में 9, सहरसा एवं खगड़िया में 88, शिवहर 6 तथा समस्तीपुर में 2 व्यक्ति की मौत हुई है.
एनडीआरएफ की 28 टीम 1152 जवानों एवं 118 नौका के साथ, एसडीआरएफ की 16 टीम 446 जवानों एवं 92 नौका के साथ तथा सेना की 7 कालम 630 जवानों और 70 नौका के साथ बचाव एवं राहत कार्य में जुटी हुई हैं. बाढ़ राहत शिविर के अतिरिक्त वैसे प्रभावित व्यक्ति जो राहत शिविरों में नहीं रह रहे हैं उनके लिए सामुदायिक रसोइघर चलाये जा रहे हैं. इस तरह कुल 1038 सामुदायिक रसोईघर चलाए जा रहे हैं जिसमें 233784 लोगों को भोजन कराया जा रहा है.