अब बीएड डिग्रीधारी शिक्षकों को भी करना होगा डीएलएड, नहीं तो एक अप्रैल, 2019 से सेवा समाप्त

पटना : प्राथमिक स्कूलों में काम कर रहे बीएड डिग्रीधारी शिक्षकों को भी 18 महीने का डीएलएड (डिप्लोमा इन प्राइमरी एजुकेशन) करना होगा. अगर वे डीएलएड नहीं करेंगे, तो एक अप्रैल 2019 से उनकी सेवा खत्म हो जायेगी. इन बीएड डिग्रीधारी शिक्षकों को राहत तभी मिलेगी, जब वे छह महीने का संवर्द्धन कोर्स कर लेंगे. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 29, 2017 12:52 AM

पटना : प्राथमिक स्कूलों में काम कर रहे बीएड डिग्रीधारी शिक्षकों को भी 18 महीने का डीएलएड (डिप्लोमा इन प्राइमरी एजुकेशन) करना होगा. अगर वे डीएलएड नहीं करेंगे, तो एक अप्रैल 2019 से उनकी सेवा खत्म हो जायेगी. इन बीएड डिग्रीधारी शिक्षकों को राहत तभी मिलेगी, जब वे छह महीने का संवर्द्धन कोर्स कर लेंगे. इसके लिए शिक्षा विभाग एनसीटीइ को प्रस्ताव भेजने की तैयारी कर रहा है. एनसीटीइ अगर अनुमति दे देती है तो शिक्षकों के छह माह के संवर्द्धन कोर्स करने से काम चल जायेगा.

सरकार यह कोर्स नेशनल स्कूल ऑफ ओपेन स्कूलिंग के जरिये करायेगा. इसके लिए शिक्षा विभाग व एनआइओएस में सहमति बन गयी है. प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में करीब 10 हजार ऐसे नियोजित शिक्षक हैं, जो डीएलएड की जगह बीएड डिग्री धारी हैं. उनका सिर्फ छह महीने का संवर्द्धन कोर्स करना है, लेकिन यह पिछले कई सालों से लंबित पड़ा है. बिहार सरकार के प्रस्ताव पर अगर एनसीटीइ मुहर नहीं लगाती है, तो इन शिक्षकों को डीएलएड करना होगा, नहीं तो नौकरी जायेगी.

शिक्षक हो सकते हैं परेशान

शिक्षा विभाग के सूत्रों की माने तो अप्रशिक्षितों की डीएलएड की ट्रेनिंग के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू हो चुका है और 15 सितंबर तक रजिस्ट्रेशन होगा. अगर इसमें शिक्षक एनसीटीइ की सहमति मिलने का इंतजार करते रहे और डीएलएड के रजिस्ट्रेशन की तारीख खत्म हो गयी, तो उन्हें नौकरी बचाने में परेशानी हो सकती है.

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