BIHAR : एटीएम पॉकेट में, दिल्ली में हो गयी 1.34 लाख की मार्केटिंग

आप भी हो सकते हैं फर्जीवाड़े का शिकार उद्योग विभाग के रिटायर्ड अधिकारी के साथ हुई घटना कोतवाली थाने में मामला दर्ज पटना : कोतवाली थाने में एक ऐसा मामला प्रकाश में आया है, जिसमें उद्योग विभाग के रिटायर्ड पदाधिकारी जयप्रताप का एटीएम पॉकेट में ही था, लेकिन उनके एकाउंट से एक लाख 34 हजार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 29, 2017 8:08 AM
आप भी हो सकते हैं फर्जीवाड़े का शिकार
उद्योग विभाग के रिटायर्ड अधिकारी के साथ हुई घटना कोतवाली थाने में मामला दर्ज
पटना : कोतवाली थाने में एक ऐसा मामला प्रकाश में आया है, जिसमें उद्योग विभाग के रिटायर्ड पदाधिकारी जयप्रताप का एटीएम पॉकेट में ही था, लेकिन उनके एकाउंट से एक लाख 34 हजार रुपये की मार्केटिंग कर ली गयी.
उन्हें मैसेज आया, लेकिन जब तक वे पूरी बात समझ पाते, तब तक उनके एकाउंट से पैसे कट गये थे. पैसे कटने के बाद उन्होंने अपने बैंक से बात की. डिटेल निकलवाया तो पता चला कि मुंबई और दिल्ली से किसी ने ऑनलाइन मार्केटिंग की है. इसके बाद उन्होंने घटना की लिखित शिकायत कोतवाली थाने में की.
कोतवाली पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और छानबीन में जुटी है. बताया जाता है कि जालसाजों द्वारा मार्केटिंग करने के दौरान एकाउंट से पैसे निकलने का मैसेज उन्हें लगातार आता रहा. अब इस मामले में यह संभावना जतायी जा रही है कि किसी ने एकाउंट हैक कर इस घटना को अंजाम दिया या फिर एटीएम के पीछे अंकित 16 डिजीट के अंक की जानकारी ले ली थी.
महिला डॉक्टर के पास था एटीएम, दिल्ली से निकल गये थे 80 हजार : कोतवाली थाना की यह पहली घटना नहीं है. बुद्धा कॉलोनी थाने के दुजरा निवासी महिला डॉक्टर यास्मीन परवीन के पास एटीएम था, लेकिन जालसाजों ने दिल्ली से 80 हजार रुपये निकाल लिये थे.
उन्हें इस बात की जानकारी तब मिली, जब निकासी का मैसेज मिला. इसके बाद अपने बैंक से पता किया तो दिल्ली के एटीएम से उनके पैसों की निकासी करने की पुष्टि हुई. वहीं, मौर्यलोक कॉम्प्लेक्स के एक व्यवसायी के चीन से पैसे निकाल लिये गये, जबकि एटीएम उनके पास ही था. इस संबंध में भी कोतवाली थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी.
कहां कराएं प्राथमिकी पुलिस के पास नहीं है कोई स्पष्ट नीति
एटीएम जालसाजी का शिकार होने के बाद कोई भी व्यक्ति कहां प्राथमिकी दर्ज कराये, इसके लिए पुलिस के पास स्पष्ट नीति नहीं है.मसलन, अगर किसी का गर्दनीबाग के बैंक में एकाउंट है और जालसाजों ने गांधी मैदान इलाके के बैंक से निकासी की है, तो उक्त व्यक्ति कहां प्राथमिकी दर्ज करायेगा. आमतौर पर जब पीड़ित मामला दर्ज कराने पहले गर्दनीबाग पहुंचते हैं, तो वहां यह बताया जाता है कि पैसा गांधी मैदान इलाका से निकला है, इसलिए वहां प्राथमिकी दर्ज होगी. जब वह गांधी मैदान थाना पहुंचता है, तो यह जानकारी दी जाती है कि उनका खाता जिस थाना क्षेत्र में है, वहां प्राथमिकी दर्ज होगी. अंत में जब पीड़ित एसएसपी या सिटी एसपी के पास पहुंचते हैं, तब प्राथमिकी दर्ज होती है.

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