पटना : बिहार की राजधानी पटना में आयोजित राजद की भाजपा भगाओ, देश बचाओ रैली में जदयू नेता शरद यादव के शामिल होने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. इसे लेकर बिहार में सियासी बयानबाजी तेज हो गयी है. राजद के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा है कि दल बदल कानून के तहत शरद यादव पर कोई कार्रवाई नहीं हो सकती है. रघुवंश प्रसाद सिंह ने मीडिया से बातचीत में जदयू के उन नेताओं को सख्त सलाह देते हुए कहा कि जदयू के नेताओं को पहले दल बदल कानून की सही जानकारी कर लेनी चाहिए. उन्होंने कहा कि शरद यादव पर यह कानून कहीं से लागू नहीं होता, क्योंकि उन्होंने न तो सदन के अंदर पार्टी के किसी व्हिप का उल्लंघन किया है और न ही उन्होंने स्वेच्छा से पार्टी को छोड़ा है. रघुवंश प्रसाद सिंह ने जदयू के उन नेताओं पर तीखे हमले बोले, जो इन दिनों शरद यादव को लेकर बयानबाजी कर रहे हैं. रघुवंश ने कहा कि हर कोई बोलने के लिए आजाद है.
जानकारी के मुताबिक शरद यादव गुट भी पूरी तैयारी में है. बताया जा रहा है कि अगले महीने नयी दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाकर शक्ति प्रदर्शन का ऐलान कर दिया गया है. पार्टी के नेता अरुण श्रीवास्तव का कहना है कि 17 सितंबर को राष्ट्रीय कार्यकारिणी में पार्टी के नेताओं की बैठक होगी और 18 को राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया जायेगा. इस सम्मेलन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी बुलाया जायेगा. इससे पूर्व शरद यादव के मसले पर जदयू के प्रधान महासचिव के सी त्यागी ने फोन पर मीडिया से बातचीत में कहा था कि दलबदल कानून से जुड़े संविधान की दसवीं अनुसूची के अनुसार अगर कोई पार्टी लाइन से हटकर किसी दूसरे दल की रैली में भाग लेते हैं वह स्वेच्छा से अपनी पार्टी की सदस्यता त्याग देता हैं. उन्होंने कहा था कि इससे पूर्व कैप्टन जय नारायण निषाद और उपेंद्र कुशवाहा की भी राज्यसभा सदस्यता इसी तरह गयी थी.
त्यागी ने यह भी कहा था कि शरद के खिलाफ वे राज्यसभा के सभापति उपराष्ट्रपति वैंकया नायडू से शीघ्र संपर्क करेंगे. शरद यादव को 2016 में जदयू से राज्यसभा सदस्य मनोनीत किये गये थे जिनका कार्यकाल 2022 तक था. जदयू के प्रदेश प्रवक्ता नीरज कुमार ने भी ऐसी ही राय व्यक्त की थी. होटल के बदले भूखंड को लेकर सीबीआई द्वारा प्राथमिकी दर्ज किये जाने पर राजद प्रमुख लालू प्रसाद के पुत्र और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव द्वारा जनता के बीच जाकर स्पष्टीकरण नहीं दिये जाने पर नीतीश के महागठबंधन से नाता तोड़कर भाजपा के साथ मिलकर बिहार में राजग की नयी सरकार बना लेने से शरद ने नाराज थे और उन्होंने इसे 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन जदयू, राजद- कांग्रेस को मिले जनादेश के साथ धोखा बताया था. शरद यादव के स्थान पर जदयू ने उनके स्थान पर संसद में आरसीपी सिंह को दल का नेता नियुक्त किया है. त्यागी ने शरद के आगामी 27 अगस्त को राजद की रैली में भाग लेने पर उनके खिलाफ बड़ी कार्रवाई के संकेत दिये थे.
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