कैबिनेट के अन्य फैसले
बिहार पुलिस हस्तक-1978 की धाराओं में किये गये अहम बदलाव, कैबिनेट की मिली मंजूरी
अब दारोगा बहाली की परीक्षा बिहार पुलिस संयुक्त चयन परीक्षा पर्षद के स्तर पर ली जायेगी
एक फीसदी पद राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के उत्कृष्ट खिलाड़ियों के लिए होंगे रिजर्व
बाढ़ बचाव और राहत कार्य के लिए 1935 करोड़ जारी, प्रति परिवार मिलेंगे छह हजार रुपये
पटना : राज्य में दारोगा बहाली के लिए नियमों में कुछ अहम बदलाव किये गये हैं. अब दारोगा बनने के लिए अभ्यर्थियों को दो लिखित परीक्षा पास करने के बाद एक फिजिकल परीक्षा में पास होना होगा. इतनी मशक्कत के बाद ही कोई दारोगा बन पायेंगे. मंगलवार को मुख्य सचिवालय में हुइ राज्य कैबिनेट की बैठक में दारोगा बहाली के मामले समेत 24 प्रस्तावों पर सहमति बनी. बैठक के बाद सूचना भवन के संवाद कक्ष में लिए गये सभी निर्णयों की जानकारी कैबिनेट प्रधान सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने पत्रकारों को दी. उन्होंने कहा कि दारोगा बहाली में पहले मेन्स परीक्षा ली जायेगी, जिसमें मौजूदा रिक्त पदों से 20 गुणा ज्यादा अभ्यर्थियों का चयन किया जायेगा. 200 अंकों की इस परीक्षा में कुल 10 प्रश्न पूछे जायेंगे. इसमें 30 फीसदी से कम अंक लानेवालों को असफल माना जायेगा. अब दारोगा बहाली की परीक्षा बिहार पुलिस संयुक्त परीक्षा चयन पर्षद लेगा.
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सफल परीक्षार्थी ही मेन्स परीक्षा में शामिल हो पायेंगे. मेन्स परीक्षा दो पेपर का होगा. एक पेपर सामान्य हिन्दी की होगी, जबकि दूसरा पेपर अन्य सभी विषयों का होगा. यह परीक्षा दो घंटे की होगी, जिसमें 100 प्रश्न पूछे जायेंगे. निगेटिव मार्किंग भी होगी. प्रत्येक गलत उत्तर देने पर 0.20 अंकों की कटौती होगी. यानी पांच गलत जवाब देने पर एक प्रश्न के बराबर अंक कटेंगे. इन दोनों परीक्षाओं में सफल होने पर फिजिकल परीक्षा होगी. इसमें सिर्फ उतीर्ण करना ही अनिवार्य होगा.
फिजिकल परीक्षा में किसी तरह की धांधली की शिकायत आने पर कोई अभ्यर्थी तीन दिन के अंदर इसके लिए अपील कर सकता है. परीक्षा के लिए ऑनलाइन भी आवेदन कर सकते हैं. सीधी या प्रोन्नति से भर्ती और प्रतियोगी परीक्षा के माध्यम से भर्ती का अनुपात एक-एक का होगा. ऊर्दू विषय वाले अभ्यर्थियों की सीधी तौर पर भर्ती की जायेगी. इसमें एक फीसदी पद राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करनेवाले खिलाड़ियों की सीधी भर्ती से भरा जायेगा. सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को मेन्स में न्यूनतम 40 अंक, पिछड़ा एवं अत्यंत पिछड़ा वर्ग के लिए 35 अंक और एससी-एसटी के लिए 33.50 अंक लाना क्वालिफाइ करने के लिए अनिवार्य होगा.
अब राजस्व और सेस की वसूली होगी 10 रुपये के गुणक में
कैबिनेट के एक अन्य महत्वपूर्ण फैसले के अनुसार, अब राज्य में जमीन के लगान या राजस्व और सेस की वसूली 10 रुपये के गुणक में होंगे. पहले रुपये के साथ पैसे भी इसमें होते थे, जिससे राजस्व वसूली करने या हिसाब रखने में काफी दिक्कत आती है. इसके मद्देनजर राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया है. यानी कहीं 7 रुपये 52 पैसा राजस्व या सेस के रूप में लेना है, तो अब वहां सीधे 10 रुपये की वसूली होगी.
अंतरराज्यीय प्रतिनियुक्ति पर जा सकेंगे कर्मचारी
अब बिहार राज्य के कर्मचारी दूसरे राज्यों में अंतरराज्यीय प्रतिनियुक्ति पर जा सकेंगे. इसके लिए सामान्य प्रशासन विभाग में एक नीति का निर्धारण किया गया है. अखिल भारतीय कैडर और केंद्रीय कैडर को छोड़कर अन्य सभी सेवाओं में कर्मचारियों की अंतरराज्यीय प्रतिनियुक्ति हो सकेगी. इसके लिए कर्मचारी की सहमति के साथ-साथ दोनों राज्य की सरकारों की भी आपसी सहमति होना अनिवार्य होगा. पहले यह प्रतिनियुक्ति तीन वर्ष के लिए होगी. इसके बाद दो वर्ष के लिए इसे बढ़ाया जा सकता है.
बाढ़ राहत और बचाव के लिए 1935 करोड़ रुपये स्वीकृत
राज्य कैबिनेट ने बाढ़ राहत और बचाव के लिए आकस्मिक निधि से 1935 करोड़ रुपये स्वीकृत किये हैं. इस राशि से प्रत्येक पीड़ित परिवार को छह हजार रुपये की सहायता दी जायेगी. इसमें तीन हजार रुपये नकद दिये जायेंगे और तीन हजार रुपये खादान्न के लिए दिये जायेंगे.