BIHAR : आधुनिक शिक्षा से जुड़ेंगे सरकारी स्कूलों के बच्चे, जीरो रिजल्ट वाले शिक्षकों पर होगी कार्रवाई

पटना : राज्य के प्रारंभिक स्कूलों के बच्चों को आधुनिक शिक्षा से जोड़ा जायेगा. आधुनिक शिक्षा के अनुसार पाठ्यक्रम तैयार करने के लिए केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय के सचिव अनिल स्वरूप ने शिक्षा विभाग को निर्देश दिया है. शिक्षा विभाग व बिहार शिक्षा परियोजना की समीक्षात्मक बैठक में सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था व चल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 31, 2017 6:49 AM
पटना : राज्य के प्रारंभिक स्कूलों के बच्चों को आधुनिक शिक्षा से जोड़ा जायेगा. आधुनिक शिक्षा के अनुसार पाठ्यक्रम तैयार करने के लिए केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय के सचिव अनिल स्वरूप ने शिक्षा विभाग को निर्देश दिया है.
शिक्षा विभाग व बिहार शिक्षा परियोजना की समीक्षात्मक बैठक में सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था व चल रही योजनाओं की समीक्षा की. उन्होंने कहा कि शिक्षकों की गुणवत्ता अच्छी होनी चाहिए, तभी बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जा सकती है.
इसलिए शिक्षकों की गुणवत्ता बढ़ाएं व स्कूलों का लगातार निरीक्षण व मॉनीटरिंग हो. शिक्षक व छात्र स्कूलों में नियमित रूप से स्कूल आये, यह सुनिश्चित किया जाये. सरकारी स्कूलों के बच्चों को आधुनिक शिक्षा दी जाये. इसके लिए राज्य सरकार पाठ्य पुस्तक तैयार करे. उन्होंने सभी बच्चों का आधार कार्ड बनाने का निर्देश भी दिया. बिहार में फिलहाल 69 फीसदी बच्चों का ही आधार कार्ड बन सका है, उसे 30 सितंबर तक हर हाल में शत प्रतिशत तक पहुंचाया जाये.
सचिव अनिल स्वरूप ने कहा कि मध्याह्न भोजन योजना में बच्चों की सहभागिता कम है और मिड डे मिल के बाद बच्चों की उपस्थिति भी कम होने की लगातार बात सामने आती है.
ऐसे में बच्चों की सहभागिता कम होने के कारणों को तलाशा जाये और जो कमियां हैं उसे दूर किया जाये. उन्होंने कहा कि अप्रशिक्षित शिक्षकों को हर हाल में 31 मार्च 2019 से पहले ट्रेंड करवा दें. इसके लिए 15 सितंबर तक चलने वाली रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया में सभी अप्रशिक्षितों का निबंधन करवाया जाये.
ऐसा नहीं होने पर वे 31 मार्च 2019 तक ट्रेंड नहीं हो सकेंगे और उनकी नौकरी भी चली जायेगी. ऐसे में सभी अप्रशिक्षित शिक्षकों को ट्रेनिंग ले लेने का निर्देश दे दें. तीन दिवसीय बिहार दौरे पर आये अनिल स्वरूप ने बुधवार को राजधानी के कई स्कूलों का भी औचक निरीक्षण किया और बच्चों व शिक्षकों से बातचीत की. इससे पहले मंगलवार को उन्होंने नालंदा जिले के कई स्कूलों का औचक निरीक्षण किया था.
इसी दौरान उन्होंने मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता भी देखी थी. बुधवार को हुई समीक्षात्मक बैठक में शिक्षा विभाग व बिहार शिक्षा परियोजना ने प्रेजेंटेशन भी दिखाया. इस मौके पर शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव आरके महाजन, सचिव आरएल चोंगथू, बिहार शिक्षा परियोजना के राज्य परियोजना निदेशक संजय सिंह, माध्यमिक शिक्षा निदेशक राजीव प्रसाद सिंह रंजन, प्राथमिक शिक्षा निदेशक एम. रामचंद्रुडू समेत अन्य पदाधिकारी मौजूद थे.
जीरो रिजल्ट वाले शिक्षकों पर होगी कार्रवाई
इंटरमीडिएट और मैट्रिक के पूरक परीक्षा के आधार पर जीरो रिजल्ट वाले स्कूलों के शिक्षकों, प्रधानाध्यापकों व जिले के पदाधिकारियों पर कार्रवाई की जायेगी.
इसके लिए संबंधित सभी जिलों को मैट्रिक व इंटरमीडिएट के रिजल्ट को पूरक परीक्षा के रिजल्ट से अपडेट करने के बाद फाइनल रिपोर्ट देने को कहा है. जिलों को 15 सितंबर तक अपनी रिपोर्ट शिक्षा विभाग को सौंपने का निर्देश दिया गया है. इंटरमीडिएट परीक्षा का रिजल्ट खराब रहा था और 40 फीसदी से भी कम रिजल्ट हुआ था.
जिलों से आने वाली रिपोर्ट के आधार पर होगी कार्रवाई
शिक्षा विभाग ने वैसे स्कूलों जहां का फाइनल रिजल्ट शून्य था, वहां के शिक्षकों, प्रधानाध्यापकों व जिलों के पदाधिकारियों को एक मौका देते हुए पूरक परीक्षा के रिजल्ट के बाद ओवर ऑल रिजल्ट को आधार मानने का फैसला लिया है. जिलों से आनी वाली रिपोर्ट को शिक्षा सचिव की अध्यक्षता में गठित स्क्रीनिंग कमेटी को दी जायेगी. इसी के आधार पर कार्रवाई होगी.

Next Article

Exit mobile version