हेतुकर झा ने समाजशास्त्र को समृद्ध किया
पटना : विधान पार्षद प्रो राम विचार राय ने कहा है कि स्व प्रो हेतुकर झा बुनियादी तौर पर एक शोधकर्ता थे. समाज विज्ञान के अलग-अलग विषयों में उनकी गहरी जिज्ञासा थी. उन्होंने गांव को एक सामाजिक यूनिट मानकर अध्यन किया. दृष्टि की व्यापकता और स्वभाव की सरलता के कारण वे हमेशा याद रखे जायेंगे. […]
पटना : विधान पार्षद प्रो राम विचार राय ने कहा है कि स्व प्रो हेतुकर झा बुनियादी तौर पर एक शोधकर्ता थे. समाज विज्ञान के अलग-अलग विषयों में उनकी गहरी जिज्ञासा थी.
उन्होंने गांव को एक सामाजिक यूनिट मानकर अध्यन किया. दृष्टि की व्यापकता और स्वभाव की सरलता के कारण वे हमेशा याद रखे जायेंगे. श्री राय बुधवार को जगजीवन राम संसदीय अययन एवं राजनीतिक शोध संस्थान द्वारा उनकी याद में आयोजित स्मृति सभा में बोल रहे थे. मालूम हो कि वे स्व़ झा के पटना कॉलेज के सहपाठी थे.
इस मौके पर गांधीवादी रजी अहमद ने कहा कि वे एक गंभीर व्यक्ति थे. उनके जाने से समाजशास्त्र और शिक्षा जगत में एक शून्यता पैदा हुई. प्रो़ राजेश्वर मिश्र ने कहा कि समाजशास्त्र और इतिहास बोध के साथ-साथ उनमें अद्भुत सांख्यिकीय विश्लेषण की भी क्षमता थी. एक समाजशास्त्री के रूप में दूसरी पीढ़ी तैयार करने में उनके योगदान को सदा याद किया जायेगा.
प्रो़ रत्नेश्वर मिश्र ने कहा कि उन्होंने समाजशास्त्र के क्रियाकलापों को इतिहास की दृष्टि से देखने वाले समाज विज्ञानी थे. प्रो़ अशोक अंशुमान ने कहा कि बौद्धिक ऊंचाई थी.
राज्य अभिलेखागार के निदेशक डॉ़ विजय कुमार ने कहा कि वे अभिलेखागार से भी जुड़े थे.उनका मार्गदर्शन हमेशा प्राप्त होता था. ले संस्थान के निदेशक श्रीकांत ने स्व़ प्रो़ हेतुकर झा के साथ अपनी स्मृतियों को साझा करते हुये कहा कि सोशल चेंज पर रिसर्च के दौरान उनके द्वारा किया गया मार्गदर्शन हमेशा याद रहेगा. सभा का संचालन डॉ़ अभय कुमार ने किया.