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कैबिनेट विस्तार : जदयू के मोदी सरकार में शामिल होने पर संशय, पार्टी को नहीं मिली अाधिकारिक सूचना

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारारविवारको मंत्रिमंडल में किए जा रहे फेरबदल के मद्देनजर अन्नाद्रमुक और जदयू के केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने पर अनिश्चितता के बादल मंडरा रहे हैं. जदयू सूत्रों ने जहां एक ओर कहा है कि उन्हें अब तक सरकार में शामिल होने की जानकारी नहीं दी गयी है. वहीं तमिलनाडू […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 2, 2017 2:05 PM

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारारविवारको मंत्रिमंडल में किए जा रहे फेरबदल के मद्देनजर अन्नाद्रमुक और जदयू के केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने पर अनिश्चितता के बादल मंडरा रहे हैं. जदयू सूत्रों ने जहां एक ओर कहा है कि उन्हें अब तक सरकार में शामिल होने की जानकारी नहीं दी गयी है. वहीं तमिलनाडू की पार्टी में चल रही आंतरिक कलह इसके सरकार में शामिल होने की राह में एक बड़ा रोड़ा साबित हो सकती है. पार्टी के भीतर के संकट को दूर करने में जुटी अन्नाद्रमुक टीटीवी दिनाकरण की बगावत से जूझ रही है.

उधर, जदयू के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, हमारे सांसद दिल्ली में हैं. सरकार में शामिल होने को लेकर पार्टी में कोई विवाद नहीं है, लेकिन कल फेरबदल होने के बावजूद अब तक कोई संवाद नहीं किया गया है. भाजपा के सूत्रों ने इन दोनों दलों के सरकार में शामिल होने को लेकर चल रही उलझन को खारिज करते हुए कहा कि चीजें ठीक हो जाएंगी.

ऐसा माना जा रहा है कि मोदी की ओर से योग्यता और व्यवहारिक राजनीति पर दिए जाने वाले जोर के बीच संतुलन के तहत छह से ज्यादा मंत्रियों को नये चेहरों के लिए अपने पद छोड़ने पड़ सकते हैं. सरकार के एक शीर्ष अधिकार ने कल कहा था, रविवार को लगभग 10 बजे राष्ट्रपति भवन में शपथ ग्रहण समारोह के लिए प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है. जिन केंद्रीय मंत्रियों ने फेरबदल से पहले कल इस्तीफा दिया था, उनके नाम हैं- कलराज मिश्र, बंडारु दत्तात्रेय, राजीव प्रताप रुडी, संजीव कुमार बाल्यान, फग्गन सिंह कुलस्ते और महेंद्र नाथ पांडे.

उमा भारती ने भी इस्तीफे की पेशकश की थी, लेकिन भाग्य संभवत: उनके पक्ष में है. हालांकि, ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि कई अन्य लोगों का इस्तीफा हो सकता है. जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने कहा था कि इस मुद्दे पर सिर्फ शाह या उनकी ओर से कोई अन्य व्यक्ति ही बोल सकता है. उमा भारती ने ट्वीट किया, मीडिया ने कल से चल रही खबरों पर मेरी प्रतिक्रिया मांगी. मैंने कहा है कि मैंने सवाल नहीं सुना है, न मैं सुनूंगी और न ही मैं जवाब दूंगी.अमित शाह ने शुक्रवार को मोदी से मुलाकात की थी और ऐसा माना जा रहा है कि दोनों नेताओं ने मंत्री परिषद के बदलावों पर फैसला कर लिया है.

सूत्रों के अनुसार, इस समय दो बड़े मंत्रालय, वित्त एवं रक्षा संभाल रहे अरुण जेटली के पास संभवत: अब एक ही मंत्रालय रह जाए. अधिक सक्षम मंत्रियों में से एक माने जाने वाले नितिन गडकरी फिलहाल सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री हैं. उन्हें अधिक जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है. सूत्रों के अनुसार, हाल में हुई रेल दुर्घटनाओं की नैतिक जिम्मेदारी लेने वाले और इस्तीफे की इच्छा का संकेत देने वाले रेलमंत्री सुरेश प्रभु को किसी अन्य मंत्रालय में भेजा जा सकता है.

स्टील मंत्री बीरेंद्र सिंह समेत कई अन्य मंत्रियों को दूसरे मंत्रालयों में भेजा जा सकता है. पार्टी के बीच संभावित मंत्रियों के तौर पर भाजपा के महासचिव भूपेंद्र यादव, पार्टी के उपाध्यक्ष विनय सहस्रबुद्धे, प्रहलाद पटेल, सुरेश अंगदी, सत्यपाल सिंह, हिमंता बिस्वा सरमा, अनुराग ठाकुर, शोभा करंदलाजे, महेश गिरी और प्रहलाद जोशी का नाम चर्चा में है. पार्टी के एक नेता ने कहा कि बिजली मंत्री पीयूष गोयल, पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और दूरसंचार मंत्री मनोज सिन्हा को सरकार में अच्छा प्रदर्शन करने वाले नेताओं के रुप में देखा जाता है. इनमें से कुछ लोगों को पदोन्नत भी किया जा सकता है.

नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले जदयू के सरकार में शामिल होने की संभावनाओं के बीच ऐसा माना जा रहा है कि इसके नेता आरसीपी सिंह और संतोष कुमार को चुना जा सकता है. आरसीपी सिंह राज्यसभा में पार्टी के संसदीय दल के नेता हैं.

अन्नाद्रमुक के नेता थंबीदुरै ने कल शाह से मुलाकात की थी. यदि तमिलनाडु की यह पार्टी सरकार में शामिल होने का फैसला करती है तो थंबीदुरैऔर पार्टी नेता पी वेणुगोपाल एवं वी मैत्रेयन अपने राज्य का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं. हालांकि पार्टी ने अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की है. इसके अलावा तेदेपा और शिवसेना जैसे मौजूदा सहयोगियों को भी ज्यादा प्रतिनिधित्व मिलने से जुड़ी चर्चाएं गर्म हैं.

मंत्री परिषद में फिलहाल प्रधानमंत्री समेत 73 मंत्री हैं. मंत्रियों की अधिकतम संख्या 81 से ऊपर नहीं जा सकती. संविधान के संशोधन के अनुसार, यह सीमा लोकसभा की सदस्य संख्या यानी 545 के 15 प्रतिशत से उपर नहीं जा सकती. कुछ पद रिक्त होने के कारण कई वरिष्ठ मंत्री दो-दो विभाग भी संभाल रहे हैं. जेटली के अलावा हर्षवर्धन, स्मृति ईरानी और नरेंद्र सिंह तोमर के पास अतिरिक्त प्रभार हैं. मई 2014 में पद संभालने के बाद मोदी अब तक दो बार मंत्री परिषद को विस्तार दे चुके हैं. पहला विस्तार नौ नवंबर 2014 को और दूसरा विस्तार पांच जुलाई 2016 को दिया गया.

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