केंद्रीय कैबिनेट में अश्विनी चौबे व आरके सिंह को शामिल कर बिहार भाजपा में साधा संतुलन
पटना : नरेंद्र मोदी कैबिनेट विस्तार के साथ ही आज बिहार के दो और भाजपा सांसदों को कैबिनेट में जगह दी गयी है. बिहार भाजपा के प्रमुख नेताओं में शुमार अश्विनी चौबे व पूर्व नौकरशाह व आरा के सांसद आरके सिंह को राज्य मंत्री के रूप में केंद्रीय मंत्री परिषद में शामिल किया गया है. […]
पटना : नरेंद्र मोदी कैबिनेट विस्तार के साथ ही आज बिहार के दो और भाजपा सांसदों को कैबिनेट में जगह दी गयी है. बिहार भाजपा के प्रमुख नेताओं में शुमार अश्विनी चौबे व पूर्व नौकरशाह व आरा के सांसद आरके सिंह को राज्य मंत्री के रूप में केंद्रीय मंत्री परिषद में शामिल किया गया है. एक ओरराज्य में भाजपा और जदयू गंठबंधन सरकार में जहां सुशील कुमार मोदी को फिरएक बार उपमुख्यमंत्री का पद मिला है,वहींकेंद्र में अश्विनी चौबे को मंत्री बनाने के अहम राजनीतिक संकेत हैं. बिहार भाजपा में दो नेता नंद किशोर यादव एवं अश्विनी कुमार चौबे को हमेशा सुशील कुमार मोदी के विकल्प के रूप में देखा जाता रहा है. चाहे वह मुख्यमंत्री का अघोषित चेहरा हो या फिर गंठबंधन सरकार में डिप्टी सीएम का पद. नंद किशोर यादव को राज्य में मंत्री बनाया गया है.
मोदी, यादव व चौबे तीनों अहम नेताओं को पद देकर भाजपा ने संतुलन साधने की कोशिश की है और यह संदेश दिया है कि पार्टी संचालन व सरकार में उसका कामकाज दिखने के लिए अलग-अलग पॉवर सेंटर होना जरूरी है. भले ही बिहार में सुशील मोदी का कद सबसे बड़ा क्योें न हो.
ध्यान रहे कि बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान आरके सिंह ने सुशील कुमार मोदी पर गंभीर आरोप लगाये थे.तब उन्होंने सार्वजनिक रूप से मीडिया से कहा था कि सुशील मोदी उनका फोन नहीं रिसीव करते हैं. उन्होंने टिकट बंटवारे पर भी सवाल उठाया था. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए सुशील मोदी ने कहा था कि कभी व्यस्तता के दौरान ऐसा हुआ होगा, इसका कोई कारण नहीं है वे आरके सिंह का फोन रिसीव नहीं करेंगे. ऐसे में आरके सिंह की केंद्र में ताजपोशी भी अहम है.
अश्विनी चौबे और आरके सिंह दोनों कुशल प्रशासक माने जाते हैं और आने वाले दिनों में समझा जाता है कि वे बिहार के लिए अपने मंत्रालय के माध्यम से अहम कार्य करेंगे.