नवरुणा हत्याकांड : सीबीआई ने वार्ड पार्षद राकेश को किया गिरफ्तार, पांच साल में हुई पहली गिरफ्तारी, खुलेगा राज
पटना : मुजफ्फरपुर में वर्ष 2012 में हुए नवरुणा के अपहरण व हत्या मामले में सीबीआई ने कार्रवाई करते हुए करीब पांच साल बाद पहली गिरफ्तारी की है. सीबीआई ने मुजफ्फरपुर के वार्ड पार्षद राकेश कुमार सिन्हा उर्फ पप्पू को पूछताछ के लिए पटना स्थित कार्यालय बुलाया था, जहां से शक के आधार गिरफ्तार कर […]
पटना : मुजफ्फरपुर में वर्ष 2012 में हुए नवरुणा के अपहरण व हत्या मामले में सीबीआई ने कार्रवाई करते हुए करीब पांच साल बाद पहली गिरफ्तारी की है. सीबीआई ने मुजफ्फरपुर के वार्ड पार्षद राकेश कुमार सिन्हा उर्फ पप्पू को पूछताछ के लिए पटना स्थित कार्यालय बुलाया था, जहां से शक के आधार गिरफ्तार कर लिया गया. हालांकि, पहले भी कई बार राकेश को पूछताछ के लिए बुलाया जा चुका था.
पांच साल में हुई पहली गिरफ्तारी, खुलेगा राज
नवरुणा हत्याकांड में पांच साल में यह पहली गिरफ्तारी है. नवरुणा हत्याकांड में वार्ड पार्षद की गिरफ्तारी काफी अहम है. बताया जाता है कि सीबीआई को उसके खिलाफ काफी अहम साक्ष्य मिले है. जल्द ही इस कांड में और भी गिरफ्तारी हो सकती है. सीबीआई ने 30 अगस्त को पूर्व विधायक विजेंद्र चौधरी व राकेश कुमार सिन्हा पप्पू के आपराधिक इतिहास की मांग एसएसपी विवेक कुमार से की थी. पप्पू के खिलाफ नगर थाने में पूर्व से डोजियर खुला है. उस पर डकैती के कई मामले दर्ज है. वर्तमान में वह नगर निगम के सशक्त स्थायी समिति का सदस्य भी है.
क्या है मामला
सातवीं कक्षा की बंगाली मूल की 12 वर्षीया नवरुणा नगर थाना क्षेत्र के जवाहर लाल रोड निवासी अतुल चक्रवर्ती की पुत्री थी. 18 सितंबर, 2012 की रात वह अचानक गायब हो गयी, जब वह अपने कमरे में सो रही थी. परिजन जब सुबह उठे, तो नवरुणा के कमरे में गये. वहां उन्होंने देखा कि नवरुणा के कमरे में लगी खिड़की का छड़ उखड़ा है. नवरुणा अपने बिछावन पर नहीं है. इसके बाद मां मैत्री चक्रवर्ती ने नवरुणा के अपहरण को लेकर नगर थाने में मामला दर्ज कराया था.
थाना व सीआईडी जांच के बाद मामला सीबीआई को
नगर थाने की पुलिस ने नवरुणा के गायब हो जाने के मामले को प्रेम प्रसंग बताया था. मामला बढ़ने पर सीआइडी जांच करायी गयी थी. लेकिन, जनवरी, 2014 में सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप से सीबीआई को जांच सौंप दी गयी थी.
फॉरेंसिक टेस्ट, डीएनए के बाद बरामद कंकाल की पुष्टि
26 नवंबर, 2012 को ही नवरुणा के घर के पास स्थित नाले से कंकाल मिला था. अगले दिन बरामद कंकाल को जांच के लिए फॉरेंसिक लैब भेज दिया गया. इसके बाद 10 दिसंबर, 2012 को फॉरेंसिक रिपोर्ट में बरामद कंकाल 12 से 15 वर्ष की लड़की बतायी गयी. इसके बाद 25 दिसंबर, 2012 को डीजीपी ने डीएनए जांच की अनुमति दे दी थी. हालांकि, नवरुणा के माता-पिता ने पुलिस को अपना ब्लड सैंपल देने से इनकार कर दिया. बाद में सीबीआई के अनुरोध पर 25 मार्च, 2014 को नवरुणा के माता-पिता ने अपना ब्लड सैंपल दे दिया. इसके बाद जांच में नवरुणा का कंकाल होने की पुष्टि हुई थी.