शरद यादव की राज्यसभा सदस्यता खत्म कराने की कवायद में जुटा जदयू, उपराष्ट्रपति को सौंपा ज्ञापन

नयी दिल्ली/पटना : शरद यादव की राज्यसभा सदस्य सदस्यता खत्म करने की मांग को लेकर राज्यसभा में जदयू संसदीय दल के नेता आरसीपी सिंह और एसके झा ने उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू से मुलाकात कर एक ज्ञापन सौंपा. दोनों नेता मंगलवार की शाम राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू से मिलकर एक ज्ञापन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 5, 2017 7:23 PM

नयी दिल्ली/पटना : शरद यादव की राज्यसभा सदस्य सदस्यता खत्म करने की मांग को लेकर राज्यसभा में जदयू संसदीय दल के नेता आरसीपी सिंह और एसके झा ने उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू से मुलाकात कर एक ज्ञापन सौंपा. दोनों नेता मंगलवार की शाम राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू से मिलकर एक ज्ञापन सौंपते हुए उक्त मांग की. जदयू नेताओं ने अपने ज्ञापन में शरद यादव के दलविरोधी आचरण को लेकर एक रिपोर्ट सौंपी है.

ज्ञात हो शरद यादव को पिछले महीने ही राज्यसभा में जदयू ने नेता पद से पद से हटा दिया था. जदयू पिछले कई दिनों से शरद यादव की राज्यसभा सदस्यता समाप्त करवाने का प्रयास कर रहा है. जदयू नेता केसी त्यागी ने हाल ही में कहा था कि जल्द ही पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल शरद यादव की सदस्यता समाप्त करने की मांग को लेकर राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू से मिलेगा. शरद यादव की राज्यसभा समाप्त करने की मांग तब और तेज हो गयी जब शरद यादव लालू प्रसाद की पटना में कुछ दिन पहले आयोजित ‘भाजपा भगाओ, देश बचाओ’ में भाग लिया था. इस पर त्यागी ने कहा था कि लालू की रैली में शामिल होकरशरद यादव ने पार्टी विरोधी गतिविधि काम किया है और यह दलबदल कानून का उल्लंघन है.

सूत्रों के अनुसार पंद्रह मिनट तक चली इस मुलाकात में वेंकैया नायडू को शरद यादव की गतिविधियों की जानकारी दी गयी. शरद यादव की पिछली तमाम दल विरोधी गतिविधियों को लेकर दस्तावेजों और सबूतों के साथ पूरी रिपोर्ट उपराष्ट्रपति को सौंपी गयी है. जदयू के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी ने कई बार शरद यादव से दलविरोधी आचरण से परहेज करने की अपील की थी. जदयू के कई बड़े नेताओं ने भी उन्हें कार्रवाई की चेतावनी दी थी. त्यागी ने कहा था कि शरद यादव यदि लालू की भाजपा भगाओ देश बचाओ रैली में शामिल होते हैं तो उनका यह कदम न सिर्फ दलविरोधी माना जायेगा, बल्कि स्वेच्छा से दल त्याग का भी मामला होगा. पार्टी की चेतावनी को दरकिनार करते हुए शरद यादव ने राजद की रैली में शिरकत की और नीतीश कुमार के फैसले को जनादेश का अपमान बताते हुए बिहार की जनता के साथ धोखा कहा था.

शरद यादव नीतीश के फैसले से काफी आक्रोशित भी थे. महागठबंधन से अलग होने के बाद नीतीश कुमार ने जब भाजपा के साथ मिल कर बिहार में सरकार बनायी, तो शरद यादव ने बागी तेवर अपना लिया था. शरद यादव ने पार्टी लाइन से बाहर जाकर नीतीश कुमार के फैसले का न सिर्फ विरोध किया बल्कि बिहार के सीमांचल, कोशी और मिथिलांचल इलाके में जन संवाद यात्रा भी की. शरद यादव ने जन संवाद यात्रा के दौरान बिहार के कई जिलों में सभाओं का आयोजन कर नीतीश कुमार के फैसले के प्रति विरोध जताया था.

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