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बिहार : आईजीआईएमएस में कैंसर के कारणों पर होगा शोध

बनेगा प्रदेश का पहला स्टेट कैंसर रिसर्च सेंटर पटना : बिहार में अब कैंसर से होने वाली मौतों में कमी आयेगी. रिसर्च करनेवाले डॉक्टर कैसे बीमारी को कंट्रोल करें और मरीजों को इसका पता जल्द लग जाये, इसको लेकर शोध करेंगे. यह दावा है इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आईजीआईएमएस) का. दरअसल, आइजीआइएमएस में कैंसर पर […]

बनेगा प्रदेश का पहला स्टेट कैंसर रिसर्च सेंटर
पटना : बिहार में अब कैंसर से होने वाली मौतों में कमी आयेगी. रिसर्च करनेवाले डॉक्टर कैसे बीमारी को कंट्रोल करें और मरीजों को इसका पता जल्द लग जाये, इसको लेकर शोध करेंगे. यह दावा है इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आईजीआईएमएस) का. दरअसल, आइजीआइएमएस में कैंसर पर रिसर्च होगा. इसके लिए यहां स्टेट कैंसर रिसर्च सेंटर बनेगा.
पांच करोड़ रुपये केंद्र सरकार देगी, जिसकी मदद से यह रिसर्च सेंटर बनेगा. इसके लिए केंद्र सरकार राजी हो गयी है. इसकी पहली किस्त सवा करोड़ रुपये अस्पताल प्रशासन को मिल गये हैं. सेंटर का निर्माण इसी महीने से शुरू हो जायेगा.
कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ अरविंद कुमार ने बताया कि गंगा किनारे बसे शहरों व गांवों में गॉल ब्लॉडर के कैंसर के मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. इस तरह के कैंसर के फैलने के पीछे गंगा के प्रदूषित पानी को जिम्मेदार मना जा रहा है. डॉक्टरों का दावा है कि फैक्ट्रियों द्वारा छोड़ी जा रही गंदगी में शामिल आर्सेनिक, फ्लोराइड सहित कई भारी मेटल गंगा के पानी को जहरीला बना रहा है.
ऐसा कौन सा तत्व है जिसकी वजह से कैंसर जैसी घातक बीमारी लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है, इसको लेकर आईजीआईएमएस में शोध होगा. रिपोर्ट आते ही बीमारी के निदान पर काम शुरू होगा. ब्रेस्ट, मुंह, गले, बच्चेदानी, गॉल ब्लॉडर के कैंसर पर रिसर्च किया जायेगा. इसमें डीएनए की जांच करने के साथ ही कैंसर के नये जीन का पता लाग कर उसका सटीक इलाज करने के लिए डॉक्टर निदान बतायेंगे. इसके अलावा गठिया, मधुमेह की बीमारियों पर भी रिसर्च होगा.
क्या कहते हैं अधिकारी
सूबे का यह पहला रिसर्च सेंटर होगा, जहां कैंसर सहित कई प्रकार की बीमारियों पर रिसर्च होगा. रिसर्च सेंटर के लिए केंद्र ने 1.25 करोड़ रुपये की राशि जारी कर दी है. यहां एक साल के अंदर रिसर्च की रिपोर्ट भी जारी हो जायेगी. वहीं, भवन निर्माण के लिए 25 लाख एवं एक करोड़ की राशि उपकरणों पर खर्च की जायेगी. 31 मार्च तक खर्च की गयी राशि की रिपोर्ट केंद्र को भेज दी जायेगी. इसके बाद केंद्र सरकार चार करोड़ की राशि जारी करेगी.
डॉ मनीष मंडल, चिकित्सा अधिकारी, आईजीआईएमएस

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