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GAYA : पितृपक्ष ही नहीं, सालों भर के लिए हो ऐसी व्यवस्था : सुशील कुमार मोदी
शुभारंभ : उपमुख्यमंत्री ने महासंगम का किया उद्घाटन, कहा गया : उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने मंगलवार को गया स्थित विष्णुपद मंदिर के बाहर बने भव्य पंडाल में पितृपक्ष महासंगम का उद्घाटन किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि सचमुच गया में पूरा देश दिखता है. अलग भाषा, अलग वेश, फिर अपना देश, यह है गया […]
शुभारंभ : उपमुख्यमंत्री ने महासंगम का किया उद्घाटन, कहा
गया : उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने मंगलवार को गया स्थित विष्णुपद मंदिर के बाहर बने भव्य पंडाल में पितृपक्ष महासंगम का उद्घाटन किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि सचमुच गया में पूरा देश दिखता है.
अलग भाषा, अलग वेश, फिर अपना देश, यह है गया की पहचान. ऐसी जगह देश में अन्यत्र काेई नहीं. स्वामी वेंकटेश प्रपन्नाचार्य व साहित्यकार गाेवर्द्धन प्रसाद ने सही कहा कि गया में साक्षात भगवान है.
एक जगह ऐसी जगह अन्य नहीं जहां ज्ञान व माेक्ष दाेनाें प्राप्त हाेता हाे. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि न सिर्फ पितृपक्ष मेला बल्कि यह वह धरती है, जहां सालाेभर तीर्थयात्री अपने पितराें का उद्धार के लिए आते रहते हैं. ऐसे में सरकार व जिला प्रशासन संकल्पित है कि सभी व्यवस्थाएं ऐसी हाे जाे स्थायी रूप से सालाें भर के लिए हाे. इस दिशा में प्रयास किये जा रहे हैं. पिंड वेदी स्थल व सराेवराें का साैंदर्यीकरण कराया जायेगा. संक्रामक राेग अस्पताल में स्थायी रूप से तीर्थयात्रियाें के लिए आवासन बनाने के लिए मुख्यमंत्री के गया आगमन के समय समीक्षा बैठक में प्लान बनायी गयी थी, उसपर काम किया जाना है.
उन्हाेंने कहा कि गया में गरमी के दिनाें में कई मुहल्लाें में पानी का हाहाकार हाे जाता है, यह वह भी जानते हैं. पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने जाे बताया है कि बिथाे के पास फल्गु नदी पर बीयर बांध के निर्माण की संचिका पड़ी है, उसे वह जाते ही निकलवायेंगे आैर इस पर मुख्यमंत्री से बात करेंगे. संभव हुआ ताे यह काम भी जल्दी ही शुरू करायेंगे.
उन्हाेंने कहा कि इसमें जीतन राम मांझी काे भी साथ देना हाेगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उनकी सभी बातें सुनते हैं. यह काम हाे जाने से पानी का संकट गया में दूर हाे जायेगा. श्री माेदी ने कहा कि प्रकाशाेत्सव ताे वर्षाें बाद मनाया गया पर पितृपक्ष मेला ताे हर साल लगता है. लेकिन, प्रकाश उत्सव की तरह इस महासंगम की भी व्यवस्था हाे, यह बेहतर प्रयास किया जायेगा. ऐसी व्यवस्था व सेवा करें कि तीर्थयात्री बनें हमारा ब्रांड एंबेसडर
बाेधगया में जल्द खुलेगा आईआईटीएम
माेदी ने कहा कि सालाेभर यहां पर्यटक आयेंगे व ठहरेंगे ताे आय का स्रोत भी बढ़ेगा. इससे राज्य सरकार काे राजस्व प्राप्त हाेगा. इसलिए गया व बाेधगया के समग्र विकास की याेजना बनायी जा रही है. उन्हाेंने कहा कि केंद्र सरकार बाैद्ध सर्किट (परिपथ) के लिए दाे साै कराेड़ रुपये स्वीकृत की है, जिसमें बाेधगया भी शामिल है. बाेधगया में इंडियन इंस्टीट्यूट अॉफ टूरिज्म मैनेजमेंट (आईआईटीएम) के लिए केंद्र सरकार ने 50 कराेड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की है. बाेधगया में ढाई हजार लाेगाें के बैठने की क्षमता वाला एक कन्वेंशन सेंटर बनाया जायेगा. जिसके लिए 98.72 कराेड़ रुपये की स्वीकृति मिल चुकी है. उन्होंने कहा कि गया में ब्रह्मयाेनि पर राेप-वे के लिए चार कराेड़ 23 लाख, ढुंगेश्वरी पर राेप-वे के लिए आठ कराेड़ 43 लाख रुपये व प्रेतशिला पर राेप-वे निर्माण के लिए 10 कराेड़ 49 लाख रुपये की स्वीकृति मिल चुकी है. डीपीआर भी बनाया जा चुका है. उन्हाेंने कहा कि देश-दुनियां से गयाधाम आये तीर्थयात्रियाें काे ऐसी व्यवस्था व सेवा करें कि वह सुखद अनुभूति लेकर लाैटें. जब वह लाैटकर जायेंगे, ताे गया के लिए ब्रांड एंबेसडर का काम करेंगे, कि वहां अच्छी व्यवस्था हाेती है. तब आैर भी लाेग गया आना चाहेेंगे.
पैसाें की कमी नहीं: बाेधगया में सिद्धार्थ की तप:स्थली है, जहां उन्हें ज्ञान मिला था. आवारा पशुआें काे हटाकर गाैरक्षिणी में रखा जा रहा है. बिहार सरकार उसके खाने-पीने के लिए जितना पैसा जरूरत हाेगा, देगी. पैसाें की कमी नहीं हाेने दी जायेगी. भिक्षावृत्ति पर कहा कि उनसे मैसेज खराब जा रहा था. उन्हें हटाया जा रहा है. यह अच्छा है, पर जिला प्रशासन उनके पुनर्वास की भी व्यवस्था करे. प्रेतशिला में भगवान विष्णु व गयासुर संग्राम का दृश्य प्रदर्शित हाे, इसपर भी विचार किया जा रहा है, ताकि गया आनेवाले लाेग वहां जाने की इच्छा रखे.
पितृपक्ष मेला में 42 अस्थायी कैंप व 37 प्रकार की दवाएं : स्वास्थ्य मंत्री
मोक्षधाम गया में पितृपक्ष मेला में आनेवाले पिंडदानियों के स्वास्थ्य की देखरेख की पूरी व्यवस्था की गयी है. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि यहां आनेवाले पिंडदानियों के लिए सरकार की ओर से 42 अस्थायी स्वास्थ्य कैंप और उसमें 37 प्रकार की दवाओं की व्यवस्था की गयी है.
उन्होंने बताया कि विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला में इस बार न सिर्फ स्वास्थ्य शिविर बढ़ाये गये हैं, बल्कि मच्छरों से निपटने के लिए साफ-सफाई पर भी पूरा जोर दिया गया है. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मेला परिसर में 42 जगहों पर अस्थायी कैंप हैं. सभी स्वास्थ्य शिविरों में बीमार तीर्थयात्रियों के लिए एक से लेकर चार बेड की सुविधा की व्यवस्था की गयी है.
शिविर में 37 प्रकार की दवा के साथ शुद्ध पीने के लिए पानी, 86 चिकित्सक व 75 पारामेडिकल, 75 नर्स एवं 75 चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों के अलावा पिंडदानियों की सेवा में 11 एंबुलेंस उपलब्ध कराये गये हैं. वहीं संक्रामक अस्पताल में 20 बेड, जेपीएन अस्पताल और प्रभावती अस्पताल में 10 बेड की स्पेशल व्यवस्था की गयी है. इसके अलावा क्षेत्र में डीडीटी का छिड़काव, एंटी लार्वा एवं ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव पूरे मेला अवधि तक जारी रहेगा.
उन्होंने बताया कि सात सितंबर से एक पखवारा तक चलने वाले विश्व विख्यात पितृपक्ष मेला में हर भाषा और जाति के नागरिक देश–विदेश से लाखों की संख्या में आते हैं. जाति–पाति तथा राजा और रंक का भेद मिटाते हुए गया की पिंडवेदियों और फल्गू नदी के किनारे पिंडदान और जल तर्पण कर अपने पितरों के लिए स्वर्ग का द्वार खोल मोक्ष का मार्ग प्रशस्त करते हैं. यहां आने वाले पिंडदानियों को कोई कष्ट न हो इसके लिए राज्य सरकार कटिबद्ध है और स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह सजग है.
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