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BIHAR : दिसंबर तक 15 लाख हर घर कनेक्शन का लक्ष्य, दिये 15 हजार
पटना : मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट और सरकार के सात निश्चयों में शामिल हर घर बिजली योजना रफ्तार नहीं पकड़ पा रहा है. पिछले साल 15 नवंबर को मुख्यमंत्री ने इस योजना को लांच किया था. इस साल 15 लाख घरों में बिजली पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया गया है, लेकिन अभी तक 15 हजार […]
पटना : मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट और सरकार के सात निश्चयों में शामिल हर घर बिजली योजना रफ्तार नहीं पकड़ पा रहा है. पिछले साल 15 नवंबर को मुख्यमंत्री ने इस योजना को लांच किया था. इस साल 15 लाख घरों में बिजली पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया गया है, लेकिन अभी तक 15 हजार घरों को ही कनेक्शन मिल पाया है. इस पर विभाग के कोई अधिकारी कुछ भी बोलने से परहेज कर रहे हैं.
राज्य सरकार ने 2017 तक सभी गांवों में और 2018 तक सभी घरों में बिजली पहुंचाने का लक्ष्य रखा है. हर घर बिजली योजना के तहत वैसे एपीएल परिवारों को बिजली कनेक्शन देना है जिनके घरों में बिजली नहीं है. कनेक्शन लेने में जो खर्च आयेगा वह भी तत्काल सरकार वहन करेगी. बाद में किस्तों में उपभोक्ताओं से लिया जायेगा.
पहले ठेकेदार की कमी अब बाढ़ से आया संकट
बिजली कंपनी ने आनन-फानन में योजना को तो शुरू कर दी, लेकिन उसके लिए मुक्कमल तैयारी नहीं थी. पहले तो ठेकेदार नहीं मिल रहे थे काफी मशक्कत के बाद ठेकेदार मिले व काम शुरू हुआ तो सूबे के आधे जिलों में बाढ़ के चलते काम ठप हो गया. इस योजना पर 1897.50 करोड़ खर्च होना है. पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन व आरइसी इसके लिए धन उपलब्ध करा रहा है. राज्य में बिजली के 14 सर्किल हैं.
दिसंबर 2018 तक 40 लाख परिवारों को कनेक्शन
साल 2018 के अंत तक 40 लाख परिवारों को कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा गया है.नॉर्थ बिहार बिजली वितरण कंपनी 25 लाख और साउथ बिहार बिजली वितरण कंपनी 15 लाख परिवारों को कनेक्शन देगी.
इस साल 15 लाख परिवारों को कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा गया है लेकिन अभी तक 15 हजार से कुछ अधिक घरों में ही बिजली पहुंच पाया है. बिजली कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि काम चल रहा है और अब इस योजना के कार्यान्वयन में तेजी आयेगी. इसके लिए शिविर भी लगाया जा रहा है.
लक्ष्य को पूरा कर लिया जायेगा. बताया जा रहा है कि लक्ष्य प्राप्ति के लिए बिजली कंपनी ने हर महीने दो लाख कनेक्शन देना है. योजना शुरू करने से पहले करीब पौने दो करोड़ घरों का सर्वे कराया गया. योजना के समय पर और गुणवत्तापूर्ण कार्यान्वयन के लिए पीएमए (प्रोजेक्ट मैनेजमेंट एजेंसी) एवं टीपीआइए (थर्ड पार्टी इंसपेक्शन ऑथिरिटी) का भी प्रावधान किया गया है. अभी राज्य में 92 लाख से अधिक बिजली उपभोक्ता हैं.
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