पटना : बिहार की राजधानी पटना के राजीव नगर-दीघा इलाके से अवैध निर्माण ढहाने पर मंगलवार को हुए बवाल मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए अब तक 25 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया है. बात दें कि इलाके से अवैध निर्माण को तोड़ने पहुंची पुलिस पर स्थानीय लोगों ने मंगलवार को हमला कर दिया था और देखते ही पूरा इलाका युद्ध का मैदान बन गयाथा. आक्रोशित लोगों ने पुलिस टीम को खदेड़ दिया था और जमकर पथराव किया. जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गये थे. जिसके बाद पटना पुलिस ने उपद्रवी तत्वों के खिलाफ रातभर कार्रवाई करते हुए सीसीटीवी फुटेज के आधार पर 25 उपद्रवियों को गिरफ्तार कर लिया है.
एसएसपी मनु महाराज ने जानकारी देते हुए कहा कि रातभर पुलिस ने अभियान चलाकर उपद्रवियों को वीडियो फुटेज के आधार पर गिरफ्तार किया है. इनसे पूछताछ की जा रही है. उन्होंने कहा कि इस मामले में जो भी दोषी पाए जाएंगे उन्हें कड़ी सजा दी जाएगी. एसएसपी ने बताया कि स्थानीय लोगों की आड़ में भू-माफियाओं और उपद्रवियों ने मिलकर पुलिस को निशााना बनाया. पुलिस की गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया, पुलिसकर्मियों पर पथराव किया जिससे कई पुलिसकर्मी घायलहुए हैं. इस मामले में सभी बिंदुओं पर जांच की जा रही है.
आवास बोर्ड की जमीन से कब्जा हटाने गयी थी टीम
दीघा थाना क्षेत्र के घुड़दौड़-पोलसन रोड में मंगलवार को आवास बोर्ड की अधिगृहीत जमीन पर से कब्जा हटाने पहुंची पुलिस और पब्लिक के बीच जबरदस्त झड़प हुई. इस दौरान सैकड़ों लोगों ने जमकर पथराव किया और सिटी एसपी मध्य अमरकेश डी और सदर एसडीएम आलोक कुमार के नेतृत्व में गयी जिला प्रशासन व आवास बोर्ड की टीम को तीन किमी तक खदेड़ दिया. जब टीम चारों ओर से लोगों से घिर गयी, तो सिटी एसपी मध्य अमरकेश डी के बॉडी गार्डों और अन्य पुलिसकर्मियों ने मोर्चा संभाला और ताबड़तोड़ करीब एक सौ राउंड हवाई फायरिंग की और दीघा थाने की ओर निकल गये.
3ऐसीबी मशीन और एक पुलिस जीप को फूंका
लोगों ने पथराव कर सदर एसडी एम आलोक कुमार की गाड़ी के पीछे का शीशा फोड़ दिया. लोगों की संख्या के तुलना में पुलिस बल काफी कम थे और लगातार चारों ओर से हो रहे पथराव के कारण जीप को छोड़ कर पुलिसकर्मियों को वहां से जान बचा कर हटना पड़ा. भागने के क्रम में आवास बोर्ड के एक अधिकारी की फाइल भी गिर गयी. इस दौरान गुस्साये लोगों ने तीन जेसीबी मशीन और पाटलिपुत्र थाने की एक पुलिस जीप को फूंक दिया.
दीघा थाने पर भी बोला हमला
इतना ही नहीं, भीड़ ने दीघा थाने पर भी हमला बोल दिया और पथराव किया. लेकिन, पुलिस ने वहां भी हवाई फायरिंग कर लोगाें को पोलसन रोड की ओर खदेड़ दिया. इसके बाद कई थानों की पुलिस वहां पहुंची और फिर आशियाना-दीघा मार्ग और पटना-दानापुर मार्ग को पूरी तरह पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया. इस घटना के कारण आशियाना-दीघा मार्ग और पटना-दानापुर मार्ग पर जाम की स्थिति बन गयी और अफरा-तफरी कायम रही.
दीघा थानाध्यक्ष समेत एक दर्जन पुलिसकर्मी घायल
दूसरी ओर इस पथराव में दीघा थानाध्यक्ष आरके दूबे समेत एक दर्जन पुलिसकर्मियों को चोटें आयी हैं. स्थानीय चार आम लोगों को भी चोटें आयी हैं. पुलिस ने इस मामले में पांच लोगों को देर रात छापेमारी कर हिरासत में लिया था. वहीं, दीघा थाने में 100 नामजद और 1000 अज्ञात लोगों पर प्राथमि की दर्ज की गयी है. डीएम संजय अग्रवाल व एसएसपी मनु महाराज भी घटना की जानकारी मिलने पर वहां पहुंचे और फिर इलाके में फ्लैग मार्च किया. साथ ही घटना के संबंध में जानकारी भी ली.
सिटी एसपी के एक बॉडीगार्ड के पैर में लगी गोली
सिटी एसपी के एक बॉडीगार्ड से फायर हो गयी और वह उसके पैर में लग गयी और वह घायल हो गया. डीएम संजय अग्रवाल ने बताया कि सीबीएसइ और पासपोर्ट कार्यालय की जमीन को लेकर जिला प्रशासन और आवास बोर्ड के साथ ही पुलिस टीम कब्जा हटाने को गयी थी. इस दौरान किसी ने अफवाह उड़ा दी कि सारे जमीन को खाली कराने के लिए यह टीम आयी है. इस दौरान स्थानीय लोगों ने पुलि स पर हमला किया. पथराव किया गया और जेसीबी मशीन के साथ ही पुलिस गाड़ी जला दी गयी. पूरे मामले में भूमाफियाओं का हाथ है. उन सभी को चिह्नित किया जा रहा है. साथ ही पूरे घटनाक्रम की जांच के आदेश दे दिया गया है.
वीडियो फुटेज के जरिये दोषियों को किया जायेगा चिह्नित
एडीजी, मुख्यालय एसके सिंघल ने कहा कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जायेगी. वीडियो फुटेज के आधार पर सभी दोषियों को चिह्नित करने का काम शुरू हो गया है. पथराव में एक इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी समेत 10-12 सिपाहियों को काफी चोटें आयी हैं. स्थिति नियंत्रित करने को लाठीचार्ज करना पड़ा. राउंड हवाई फायरिंग भी करनी पड़ी है. एसएसपी को घटनास्थल पर ही कैंप करने का आदेश दिया गया है. इस इलाके की सरकारी जमीन पर अतिक्रमण हटाने का आदेश सरकार ने दिया था. यह जमीन खाली करवा कर हाउसिंग बोर्ड को सौंपनी है. इसे रिजनल पासपोर्ट कार्यालय और सीबीएसई को स्थानांतरित करना है, जबकि अतिक्रमणकारी जमीन पर गलत तरीके से कब्जा जमाये हुए हैं.
प्राथमिकी दर्ज,इलाकेमें अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती
डीएम ने कहा कि अगर किसी को समस्या है, तो उन्हें इस बात की जानकारी देनी चाहिए. प्रशासन उनकी समस्याओं को दूर करेगा. एसएसपी मनु महाराज ने कहा कि पुलिस पर हमला किया गया. लेकिन, पुलिस टीम ने फायरिंग के दौरान यह ध्यान रखा कि आम लोगों को किसी प्रकार की क्षति न हो. करीब 50 राउंड फायरिंग पुलिस ने की. इसमें दो थानाध्यक्ष समेत एक दर्जन लोगों को चोटें आयी हैं. जिन लोगों ने घटना को अंजाम दिया है, उनलोगों को चिह्नित किया जा रहा है और कड़ी कानूनी कार्रवाई की जायेगी. इस संबंध में दीघा थाने में प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है. उन्हाेंने बताया कि स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है और अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती कर दी गयी है.
हर हाल में सरकारी जमीन को खाली कराया जायेगा : मंत्री
नगर विकास एवं आवास मंत्री सुरेश कुमार शर्मा ने बताया कि राजीव नगर में आवास बोर्ड की जमीन पूरी तरह से बिना विवाद की है. 400 एकड़ के भूखंड पर सुप्रीम कोर्ट से भी स्पष्ट आदेश मिल चुका है. इस जमीन को हर हाल में सरकार खाली करायेगी. इसे विभिन्न संस्थाओं को सौंपना है. उन्होंने लोगों से अपील की कि वे हंगामा नहीं करें. बिना विवाद वाले 400 एकड़ के भूखंड में से करीब 100 एकड़ की जमीन सरकारी कार्यालयों के लिए आवंटित किया जा चुका है. जिस अतिक्रमित जमीन को लेकर लोग हंगामा कर रहे हैं, वह सीबीएसई और पासपोर्ट कार्यालय के लिए आवंटित की गयी है.
इसके लिए सीबीएसई और पासपोर्ट कार्यालय ने राशि भी जमा कर दी है. पहले चरण में सीबीएसई की 2.5 एकड़ और पासपोर्ट कार्यालय की दो एकड़ जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराया जा रहा था. उन्होंने बताया कि आशियाना-दीघा रोड़ के पूर्वी भाग के 600 एकड़ के भूखंड के लिए भी सरकार ने सेटलमेंट की प्रक्रिया शुरू की है. जिनको सेटलमेंट कराना है, उनसे आवेदन मांगे गये हैं. अभी तक सिर्फ 52 आवेदन मिले हैं. आवास बोर्ड ने इस इलाके के लिए सेटलमेंट की दर 27 लाख रुपये प्रति कट्ठा तय की है. जिन लोगों ने आवास बना लिया है, उनको निर्धारित दर पर सेटलमेंट किया जायेगा. इस क्षेत्र की खाली जमीन के सेटलमेंट भी निर्धारित दर पर करने का प्रावधान किया गया है.
जिन संस्थाओं को जमीन आवंटित
संस्थान रकबा निर्धारित राशि
सीबीएसइ 2.5 एकड़ 35 करोड़
एसएसबी 22.5 एकड़ 315 करोड़
बीएमपी-1 30 एकड़ 420 करोड़
राज्य भंडार निगम 10 कट्ठा 9.38 करोड़
राजीव नगर थाना 01 एकड़ 30 करोड़
बैंक ऑफ बडौदा 1.5 एकड़ 21 करोड़
पासपोर्ट कार्यालय 02 एकड़ 28 करोड़
साबिपाडि कंपनी 9.5 कट्ठा 8.9 करोड़
बस स्टैंड 20.14 एकड़
40 वर्षों से अधिक समय से चल रहा दीघा का 1024.25 एकड़ भूमि अधिग्रहण विवाद
दीघा के 1024.52 एकड़ जमीन को लेकर बिहार राज्य आवास बोर्ड अधिग्रहण का मामला लगभग 40 वर्ष से अधिक पुराना है. इसको लेकर राजीव नगर व अन्य क्षेत्रों के लोग व आवास बोर्ड कई बार सामने सामने आ चुका है. बीते 40 वर्ष में कई बार अधिग्रहण को लेकर पुलिस प्रशासन व स्थानीय लोगों में झड़प हो चुकी है. आवास बोर्ड अब राज्य सरकार दीघा अर्जित भूमि अधिनियम 2013 के तहत दीघा की पूरी जमीन को 600 एकड़ व 400 एकड़ में बांट कर अलग-अलग देख रहा है. इसमें राजीव नगर सहित 600 एकड़ भू-भाग को आवास बोर्ड तय राशि लेकर अधिग्रहण मुक्त करना चाह रहा है.
जबकि , नेपाली नगर सहित दीघा आशियाना रोड के पश्चिम 400 एकड़ जमीन को आवास बोर्ड मुआवजा देकर अपने अधिग्रहण में लेने की योजना पर काम रहा रहा है. इसी 400 एकड़ में से 300 एकड़ में टाउनशिप बनाने की योजना है. गौरतलब है कि मौजूदा स्थिति में 400 एकड़ जमीन में 500 से अधिक घर बन चुके हैं.
क्या है मामला
बिहार राज्य आवास बोर्ड की ओर से 1974 में दीघा के 1024 एकड़ को लेकर भूमि अधिग्रहण अधिसूचना जारी की गयी थी. लेकिन, वहां के निवासियों ने इसे अस्वीकार कर दिया था. मामला निचली अदालत होते हुए सुप्रीम कोर्ट पहुंचा. काेर्ट ने 1984 में आवास बोर्ड के फैसले को वैध ठहराया. कोर्ट के दबाव में सरकार 2010 में दीघा एक्शन प्लान लायी. इसके तहत निर्माणों को वैध करने और कोर्ट के आदेश दोनों के बीच का रास्ता अपनाना था. फिर इसके बाद राज्य सरकार ने दीघा अर्जित भूमि अधिनियम 2013 के माध्यम से पूरे भू-भाग को दो भागों में बांट दिया.
इसमें राजीव नगर की तरफ छह सौ एकड़ जमीन और निर्माण को आवास बोर्ड शुल्क लेकर वैध करने का स्कीम बना और दीघा आशियाना के पश्चिम 400 एकड़ भूमि में रहने वाले लोगों को प्रति कट्ठा जमीन की राशि देकर उसे अतिक्रमण से मुक्त करना था, ताकि वहां आवास बोर्ड नया टाउनशिप डेवलप कर सके. अब बोर्ड दीघा अाशियाना के पश्चिम 400 एकड़ में से सौ एकड़ जमीन को विभिन्न सरकारी एजेंसियों को देने की तैयारी कर रहा है. आवास बोर्ड दीघा के अपने अधिग्रहण के दावे के आधार पर उस चार सौ एकड़ जमीन में से सौ एकड़ जमीन में 32 एकड़ बीएमपी को, 20 एकड़ एसएसबी को और बैंक ऑफ बड़ौदा को ढाई एकड़, सीबीएसइ को छह एकड़ सहित अन्य एजेंसियों को जमीन देना चाहता है. वहीं, सौ एकड़ में उत्तरी नेपाली नगर के घौड़दौड़ रोड चौराहे से अागे एक साढ़े चार एकड़ प्लॉट की बाउंड्री तोड़ने बोर्ड की टीम गयी थी.
सुप्रीम कोर्ट से मामला स्पष्ट हो जाने के बाद अधिग्रहण विवाद में स्थानीय लोग एक नया दावा कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि हाइकोर्ट ने कहा है कि जब आवास बोर्ड 40 वर्षों से अधिग्रहण की जमीन नहीं ले सका है. जमीन पर स्थानीय लोगों का कब्जा है, तो क्यों न अधिग्रहण को रद्द कर दिया जाये. ऐसे में स्थानीय लोग कर रहे हैं कि जब हाइकोर्ट ने दोबारा मामले में संज्ञान लिया है, तो क्यों बोर्ड जमीन को कब्जा करने में जुटा है.
क्या कहते हैं आवास बोर्ड के अधिकारी
अधिग्रहण एक्ट के तहत काम किया जा रहा है. आवास बोर्ड ने दीघा आशियाना रोड के पश्चिम 400 एकड़ जमीन का अधिग्रहण करेगी. इस चार सौ एकड़ में सौ एकड़ जमीन विभिन्न व्यावसायिक संस्थाओं को देना है. उसी सौ एकड़ जमीन में 2.5 एकड़ सीबीएसइ व दो एकड़ पासपोर्ट कार्यालय को दिया जाना है. बोर्ड की टीम उसी 4.5 एकड़ जमीन के नापी के लिए गयी थी. आगे भी कार्रवाई की जायेगी. (अमरेंद्र प्रसाद सिंह, एमडी, बिहार राज्य आवास बोर्ड)