नवरुणा हत्याकांड : CBI वर्ष 2014 से कर रही इस मामले की जांच, अब नारको टेस्ट रिपोर्ट पर कार्रवाई का इंतजार
तीन साल बाद हुई पहली गिरफ्तारी इस मामले में जल्द ही दूसरे अन्य आरोपियों की भी होगी गिरफ्तारी कई के खिलाफ मिले सबूत पटना : मुजफ्फरपुर जिले से जुड़ा बिहार का बेहद ही चर्चित नवरुणा हत्याकांड में पहली गिरफ्तारी के बाद इस मामले में अब तक कानूनी शिकंजे से बच रहे सफेदपोशों में खलबली मच […]
तीन साल बाद हुई पहली गिरफ्तारी
इस मामले में जल्द ही दूसरे अन्य आरोपियों की भी होगी गिरफ्तारी कई के खिलाफ मिले सबूत
पटना : मुजफ्फरपुर जिले से जुड़ा बिहार का बेहद ही चर्चित नवरुणा हत्याकांड में पहली गिरफ्तारी के बाद इस मामले में अब तक कानूनी शिकंजे से बच रहे सफेदपोशों में खलबली मच गयी है. मामले की जांच फिलहाल सीबीआइ के पास है.
तीन साल की अथक जांच, करीब एक दर्जन लोगों की नारको-पॉलीग्राफी टेस्ट, दर्जनों गवाहों से गहन पूछताछ समेत जांच की अन्य प्रक्रियाओं से गुजरने के बाद इस मामले में पहली गिरफ्तारी वार्ड पार्षद राकेश कुमार सिन्हा उर्फ पप्पु की हुई है. इस घटना में पहली गिरफ्तारी होने के बाद अब आने वाले दिनों में कई अन्य लोगों की गिरफ्तारी हो सकती है. इसमें विधायक से लेकर अधिकारी तक शामिल हो सकते हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सीबीआइ के पास कई लोगों के खिलाफ ठोस सबूत मिल गये हैं.
परंतु इनकी गिरफ्तारी को लेकर कुछ पेंच फंसा हुआ है. कुछ प्वाइंट को पूरी तरह से क्लियर करने के बाद ही इनकी गिरफ्तारी होगी. वार्ड संख्या-23 का पार्षद पप्पु पर पहले से ही कई मामलों का आरोप है. इसी वार्ड में नवरुणा का घर भी है. वह कुछ सफेदपोशों का करीबी भी है. हत्याकांड के कुछ दिनों बाद नाले की सफाई पप्पु ने अपने नेतृत्व में करवाया था. इस दौरान ही कंकाल मिला था.
सफाई का मकसद लाश पूरी तरह से ठिकाना लगा या नहीं यह देखना था या सही में सफाई करना ही था, सीबीआइ इस बात का पता लगा रही है. इसके अलावा सीबीआइ की जांच में यह बात सामने आयी कि नवरुणा के पिता को धमकी देने वालों में यह सबसे मुख्य आरोपी था. इसके बाद सीबीआइ ने इसकी ब्रेन मैपिंग भी वर्ष 2014 में करवायी थी. घटना के बाद से नवरुणा के पिता स्थानीय पुलिस पर मामले को रफा-दफा करने का लगातार आरोप लगाते रहे हैं.
जब मामला सीबीआइ के पास पहुंचा, तब वह डीएनए टेस्ट कराने और खुल कर बयान देने के लिए तैयार हुए.ब्रेन मैपिंग के दौरान दिये गये बयान और हाल में हुई पूछताछ के दौरान दिये बयान में काफी अंतर पाया गया. इसके बाद उसे गिरफ्तार किया गया है. इससे कई संदिग्ध लोगों की संलिप्तता के बारे में ठोस जानकारी मिल सकती है.
पिता लगातार लगाते रहे पुलिस पर आरोप
नाले में मिले कंकाल से उनका डीएनए मैच कर गया. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, अतुल्य ने सीबीआइ को कुछ सफेदपोशों के बारे में खुलकर बयान दिया है.
उनके ऊपर धमकी देने और जमीन माफियाओं की मिली-भगत से जुड़ी कई अहम बातें भी बतायी थीं, जो सीबीआइ के लिए बेहद ही जरूरी जानकारी साबित हुई. सीबीआइ की जांच शुरू होने के बाद उन्हें काफी भरोसा था. वह यह भी कई बार कह चुके हैं कि अगर यह मामला इतना हाइलाइट नहीं होता और सीबीआइ जांच शुरू नहीं होती, तो उनके पूरे परिवार की हत्या करने की योजना था. इस बंगाली दंपत्ति की दो बेटी है. नवरुणा की एक छोटी बहन भी है.
सीबीआई वर्ष 2014 से कर रही इस मामले की जांच
सितंबर, 2012 को लापता हुई थी नवरुणा
मुजफ्फरपुर के जवाहर लाल नेहरू रोड में नवरुणा के पिता अतुल्य चक्रवर्ती का अच्छा खासा घर है. मकान के साथ-साथ जमीन का एक प्लॉट भी है
इन मकान व जमीन पर शहर के कुछ बड़े बिल्डरों व जमीन माफियाओं की नजर पड़ गयी. इन्होंने पहले अतुल्य को लालच देकर जमीन-मकान लिखने को कहा. कई तरह से पैसे भी ऑफर किये, जब बात नहीं बनी, तो फिर धमकी व पैरवी का खेल शुरू हुआ. इसमें बड़े नेता से लेकर अधिकारियों तक का फोन आया. सब अपने-अपने तरीके से अतुल्य को समझाया या चेताया. बड़ी बेटी नवरुणा का अपहरण और हत्या करने तक की धमकी आने लगी. परंतु जब इन तमाम हथकंडों से बात नहीं बनी, तो सब ने मिलकर प्लान बनाया व नवरुणा का अपहरण 17 सितंबर, 2012 की देर शाम को उसके घर के पास से ही कर लिया.
करीब तीन साल बाद नवरुणा के घर से थोड़ी दूरी पर मौजूद एक नाले में कंकाल मिला. सीबीआई ने इसकी जांच हैदराबाद स्थित एफएसएल से करवायी और पिता के साथ डीएनए मैच करवाया, तब यह स्पष्ट हुआ कि यह नवरुणा का ही कंकाल है.
रिपोर्ट में हैं कई अहम सबूत
सीबीआई जांच के दौरान करीब एक दर्जन संदिग्धों, आरोपियों या इससे जुड़े अन्य स्तर के लोगों का नारको-पॉलीग्राफ टेस्ट किया था. इसमें एक तत्कालीन डीएसपी समेत तीन-चार पुलिसकर्मी के अलावा जमीन कारोबारी सुदीप चक्रवर्ती समेत अन्य शामिल थे.
इनके टेस्ट में कई बेहद अहम व कुछ सनसनीखेज बातें सामने आयी हैं. सूत्रों के अनुसार, इस टेस्ट रिपोर्ट के अनुसार या इसमें जिन लोगों के नाम सामने आये हैं, उनके खिलाफ भी सीबीआई खासतौर से कार्रवाई करने की तैयारी में है.
इन लोगों की पूछताछ में जिन कुछ बड़े सफेदपोशों के नाम सामने आये हैं. इनसे जुड़े मामले की जांच सीबीआइ ने अपने स्तर से की थी और इसमें कुछ प्रमुख लोगों की संलिप्तता को सही पाया था. इस टेस्ट की रिपोर्ट में सीबीआइ की जांच को नयी दिशा दी थी. इस टेस्ट रिपोर्ट के आधार पर भी सीबीआइ कार्रवाई करने की तैयारी में हैं.