13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

BIHAR : 1.30 घंटा लाइन में लगने के बाद हो पा रही है स्वाइन फ्लू की जांच, जानें इसके लक्षण और बचाव

पटना : राजधानी सहित पूरे प्रदेश में स्वाइन फ्लू के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. पीएमसीएच के माइक्रो बायोलॉजी विभाग में रोजाना तीन से चार मरीज स्वाइन फ्लू व डेंगू के मिल रहे हैं. लेकिन, शहर के सरकारी अस्पतालों में मरीजों को इलाज के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है. पीएमसीएच व […]

पटना : राजधानी सहित पूरे प्रदेश में स्वाइन फ्लू के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. पीएमसीएच के माइक्रो बायोलॉजी विभाग में रोजाना तीन से चार मरीज स्वाइन फ्लू व डेंगू के मिल रहे हैं.
लेकिन, शहर के सरकारी अस्पतालों में मरीजों को इलाज के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है. पीएमसीएच व आईजीआईएमएस अस्पताल का जायजा लिया गया, तो व्यवस्था नाकाफी मिली. मरीजों को इलाज कराने के लिए ओपीडी में एक से डेढ़ घंटे का समय लग जा रहा है. ऐसे में उनको काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जबकि, अब तक सूबे में करीब दो दर्जन मरीज सामने आ चुके हैं.
स्वाइन फ्लू के लक्षण
1. िफवर
2. लेथेरेजि
– सिर में अत्यधिक दर्द.
– नाक का लगातार बहना, छींक आना.
– कफ, कोल्ड और लगातार खांसी.
– मांसपेशियों में दर्द या अकड़न
– नींद न आना, ज्यादा थकान.
– दवा खाने पर भी बुखार का लगातार बढ़ना.
– गले में खराश का लगातार बढ़ते जाना.
न अलग काउंटर, न विशेषज्ञ
पीएमसीएच व आईजीआईएमएस में स्वाइन फ्लू की जांच तो हो रही है, लेकिन ओपीडी में मरीजों का उचित इलाज नहीं हो पा रहा है. दोनों ही अस्पतालों में स्वाइन फ्लू के मरीजों के लिए न तो अलग से काउंटर की सुविधा है और न ही इसके लिए विशेषज्ञ डॉक्टर की व्यवस्था की गयी है.
आम मरीजों के साथ ही डेंगू व स्वाइन फ्लू के मरीजों का भी इलाज हो रहा है. नतीजा, इलाज के लिए एक से डेढ़ घंटे तक मरीज लाइन में लग कर अपने नंबर आने का इंतजार करते हैं.
संक्रमण का खतरा
दोनों ही अस्पतालों में संदिग्ध मरीजों के साथ ही स्वाइन फ्लू के मरीजों को भी भर्ती किया जा रहा है. हालांकि, पीएमसीएच में 10 बेड का अलग से वार्ड सुरक्षित है, लेकिन जहां वार्ड है उसके पास आम मरीज भी भर्ती हैं.
ऐसे में संक्रमण का खतरा बना रहता है. जबकि, डॉक्टर व नर्स मास्क में जाते हैं, लेकिन इसे मरीज के परिजनों को उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है. ऐसे में अगर संक्रमण हो जाये तो कोई बड़ी बात नहीं होगी. पीएमसीएच के अधीक्षक डॉ लखींद्र प्रसाद ने बताया कि अस्पताल में स्वाइन फ्लू के मरीजों के इलाज के लिए अलग से वार्ड की व्यवस्था की गयी है.
स्वाइन फ्लू से बचाव इसे नियंत्रित करने का सबसे प्रभावी उपाय है. मरीजों को आराम, खूब पानी पीना, शरीर में पानी की कमी न होने देना और शुरुआत में पैरासीटामॉल जैसी दवाएं बुखार कम करने के लिए दी जाती हैं. बीमारी बढ़ने पर एंटी वायरल दवाओं से स्वाइन फ्लू का इलाज किया जाता है. कोई भी दवा लेने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर लें.
डॉ नीलू प्रसाद, एनएमसीएच

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें