पटना : रेलवे के पूरी और रांची स्थित दो होटलों के ठेका के बदले कोचर बंधुओं से तीन एकड़ जमीन लेने के मामले में सीबीआई को लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव क्या जवाब क्या देंगे? अगर तेजस्वी के पास जवाब होता, तो उन्हें अपनी कुर्सी नहीं गंवानी पड़ती. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी तो उनसे जवाब ही मांगा था, जिसे वे दे नहीं पाएं.
क्या तेजस्वी यादव सीबीआई को बता पायेंगे कि पटना की जिस तीन एकड़ जमीन पर उनका 750 करोड़ का बिहार का सबसे बड़ा 12 मंजिला मॉल बन रहा था, उस जमीन के वे मालिक कैसे बने? क्या तेजस्वी बतायेंगे कि महज 24 साल की उम्र में उन्हें पटना की इतनी कीमती जमीन कैसे मिल गयी? डिलाइट मार्केटिंग कंपनी के वे मालिक कैसे बन गये? नोटबंदी के महज चार दिन बाद डिलाइट कंपनी का नाम बदल कर लारा (लालू-राबड़ी) प्रोजेक्ट क्यों कर दिया गया?
क्या लालू प्रसाद बतायेंगे कि कोचर बंधुओं ने उनके करीबी प्रेमचंद्र गुप्ता की कंपनी डिलाइट मार्केटिंग को 200 करोड़ की तीन एकड़ जमीन क्यों रजिस्ट्री कर दी? गुप्ता परिवार ने अपनी पारिवारिक कंपनी और करोड़ों की जमीन लालू परिवार को क्यों सौंप दिया? डिलाइट कंपनी के सारे शेयर राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के नाम कैसे स्थानांतरित हो गये?
दरअसल इनमें से किसी भी सवाल का जवाब तेजस्वी और लालू प्रसाद के पास नहीं है. चारा घोटाले में भले ही लालू प्रसाद को सजा होने में 12 साल लगे, मगर इस मामले में 12 महीने भी नहीं लगेगा. हजार करोड़ से ज्यादा की बेनामी संपत्ति इकट्ठा करने के लिए लालू प्रसाद ने जिस तरह की गड़बड़िया की हैं, वैसे में उन्हें और तेजस्वी को अभी सीबीआई ही नहीं ईडी, आईटी और कोर्ट को भी जवाब देना होगा.