नीतीश की समीक्षा बैठक का असर, बहुत जल्द मिलेगी डेढ़ करोड़ बच्चों को छात्रवृत्ति, पोशाक व साइकिल की राशि
पटना : बिहार सरकार के सात निश्चय कार्यक्रम के अंतर्गत प्रदेश के 306 कॉलेज में अब तक वाई- फाई सुविधा पहुंच गयी है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा आज सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षात्मक बैठक किए जाने के बाद मुख्य सचिव ने बताया कि सात निश्चय के अन्तर्गत कालेजों में वाई-फाई की सुविधा उपलब्ध करायी […]
पटना : बिहार सरकार के सात निश्चय कार्यक्रम के अंतर्गत प्रदेश के 306 कॉलेज में अब तक वाई- फाई सुविधा पहुंच गयी है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा आज सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षात्मक बैठक किए जाने के बाद मुख्य सचिव ने बताया कि सात निश्चय के अन्तर्गत कालेजों में वाई-फाई की सुविधा उपलब्ध करायी जानी थी. 306 कॉलेजों में सुविधा पहुंच गयी है, जिसका लोग इसका उपयोग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि बैठक के दौरान यू ट्यूब और वाट्सएप तक इस सुविधा का विस्तार करने के लिए विचार किये जाने का निर्णय लिया गया.अधिकारी ने बताया कि विभिन्न विभागों द्वारा बड़े पैमाने पर सीधे राशि हस्तांतरित की जा रही है. उन्होंने बताया कि शिक्षा विभाग द्वारा लगभग डेढ़ करोड़ बच्चों को छात्रवृत्ति, पोशाक, साइकिल इत्यादि के लिये राशि हस्तांतरित की जा रही है, उसी प्रकार सामाजिक सुरक्षा पेंशन के अंतर्गत पूरे राज्य में लाभार्थियों को सीधे खाते में राशि हस्तांतरित करने की कार्रवाई की जा रही है. आधार का भी काम हो रहा है. अत: इस संदर्भ में यह निर्णय लिया गया कि बिहार में सूचना प्रौद्योगिकी के विस्तार का निर्णय लिया गया.
उन्होंने कहा कि मुख्य एजेंसी बेल्ट्रान है और बेल्ट्रान की कैपिसिटी बढ़ाने का निर्णय लिया गया और यह भी निर्णय लिया गया कि सभी विभागों के सूचना प्रौद्योगिकी से संबंधित कार्य बेल्ट्रान के मार्गदर्शन में हो. साथ ही डाटा सिक्योरिटी को भी मजबूत बनाने का निर्णय लिया गया. मुख्य सचिव ने बताया कि राज्य में राजगीर में सौ एकड़ तथा बिहटा में 25 एकड़ जमीन सूचना प्रौद्योगिकी विभाग को दिया गया है. 14 सितंबर को एक कॉनक्लेव का आयोजन किया गया है, जिसमें निवेशक आमंत्रित किये गये हैं. मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद कक्ष में नीतीश ने पर्यावरण एवं वन विभाग की भी उच्चस्तरीय समीक्षात्मक बैठक की.
पर्यावरण एवं वन विभाग की समीक्षा बैठक के बारे में मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने कहा कि 2022 तक बिहार के कुल क्षेत्रफल का 17 प्रतिशत हरित आवरण प्राप्त करना है. उन्होंने बताया कि हमें यह बताते हुए खुशी हो रही है कि हम लोग इस लक्ष्य के नजदीक पहुंच चुके हैं और आज हमारा हरित आवरण 15 प्रतिशत के आसपास हो चुका है. अंजनी ने कहा कि राजगीर के जंगल क्षेत्र में पाये जाने वाले स्थानीय बांस को लगाया जाना चाहिए.उन्होंने बताया कि बैठक में निर्णय हुआ कि पथों के किनारे वृक्षा रोपण का स्थिति का आंकलन स्वतंत्र एजेंसी से कराया जाये. मनरेगा तथा उद्यान विभाग द्वारा भी वृक्ष लगाया जाता है, उसकी भी उपलब्धि को हरियाली मिशन की उपलब्धि के साथ जोड़ा जाये.
अंजनी ने बताया कि गंगा में पाये जाने वाले डॉलफिन को देखने के लिये सुल्तानपुर में बनने वाले गंगा सडक पुल में स्थल का उपर्युक्त चुनाव किये जाने का निर्णय लिया गया, जहां से पर्यटकों को डॉलफिन दिखाया जा सके. उन्होंने बताया कि नालंदा में सर्वे में कुल औषधीय पौधों की कुल 21 एवं वृक्ष की 106 प्रजातियां पायी गयी. उक्त क्षेत्र में और प्रजातियों की संभावना है. बैठक में यह निर्णय हुआ कि सर्वे कराकर स्थिति का आंकलन किया जाये. अंजनी ने बताया कि बैठक में यह निर्णय हुआ कि भीम बांध में गर्म पानी के स्रोत के आसपास के क्षेत्र को विकसित किया जाये ताकि पानी का समुचित उपयोग हो सके. यह क्षेत्र पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये भी उपयोगी होगा.
उन्होंने कहा कि गंगा में सीवर ट्रिटमेंट प्लांट द्वारा पानी को नहीं छोड़ा जायेगा बल्कि उसका उपयोग वानिकी एवं अन्य कार्यों में किया जायेगा. सभी संबंधित विभाग यथा- नगर विकास विभाग, जल संसाधन विभाग, कृषि विभाग, लघु सिंचाई विभाग, पर्यावरण एवं वन विभाग इस संबंध में विचार-विमर्श करेंगे. पटना में वायु प्रदूषण दूर करने के लिये सीएनजी के प्रयोग के संभावनाओं पर विचार किया जाये तथा इसे लागू किया जाये. अंजनी ने कहा कि शिक्षा विभाग के सहयोग से बिहार के सभी विद्यालयों में वृक्ष सुरक्षा दिवस एवं बिहार पृथ्वी दिवस का विस्तार किया जाये. उन्होंने कहा कि पर्यावरण एवं वन विभाग में इको-टूरिज्म तथा पार्क के लिये अलग प्रभाग स्थापित किया जाये.
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