बिहार के अपराधियों ने दो साल में पांच पत्रकारों की ली जान, हमले की कई वारदातों को दिया अंजाम
पटना : बिहार में पिछले दो सालों में पांच पत्रकारों की हत्या की जा चुकी हैं. इसके अलावा, पत्रकारों पर हमले के कई मामले दर्ज हैं. ताजा मामलों में अरवल में पंकज मिश्रा, मुजफ्फरपुर में मनोज कुमार और सीवान में राजेश अनल पर हुए हमले शामिल हैं. सीवान में एक पत्रकार को एक पंचायत सेवक […]
पटना : बिहार में पिछले दो सालों में पांच पत्रकारों की हत्या की जा चुकी हैं. इसके अलावा, पत्रकारों पर हमले के कई मामले दर्ज हैं. ताजा मामलों में अरवल में पंकज मिश्रा, मुजफ्फरपुर में मनोज कुमार और सीवान में राजेश अनल पर हुए हमले शामिल हैं. सीवान में एक पत्रकार को एक पंचायत सेवक ने मार कर उसकी दो अंगुलियां तोड़ दी. सीवान में ही करीब दस दिन पहले पत्रकार राजेश अनल को चाकू मार कर घायल कर दिया गया, जो आज भी पीएमसीएच में जिंदगी के लिए जंग लड़ रहा है.
सभी पत्रकारों की हुई है गोली मार कर हत्या
पिछले दो सालों में जिन पांच पत्रकारों की हत्या हुई है, उनमें एक समानता है. सभी पत्रकारों की गोली मार कर ही हत्या हुई है. इनमें सीतामढ़ी जिले के अजय विद्रोही, गया जिले के मिथिलेश पांडेय, रोहतास जिले के धमेंद्र सिंह, समस्तीपुर के ब्रजकिशोर ब्रजेश और सीवान के राजदेव रंजन शामिल हैं.
सीतामढ़ी जिले के पत्रकार अजय विद्रोही को स्थानीय बसुश्री चौक के पास सरेआम दो अपराधियों ने दौड़ाकर गोली मार दी थी. घटना उससमय घटी जब वह बाजार से रात करीब दस बजे घर लौट रहे थे. अपराधियों ने उनके सीने में गोली मार दी थी. स्थानीय लोग उन्हें तुरंत अस्पताल ले गये, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. अजय विद्रोही दो दशकों से ज्यादा समय तक पत्रकारिता से जुड़े रहे. वह काफी हंसमुख और मिलनसार स्वभाव के थे.
गया जिले के परैया थाने के कष्ठा गांव निवासी पत्रकार मिथिलेश पांडेय को अपराधियों ने उनके घर में घुस कर गोली मार कर हत्या कर दी थी. पूर्व उपमुखिया करोड़पति देवी के पुत्र मिथिलेश को अपराधियों ने उस समय गोली मारी, जब वे अपने घर के एक कमरे में आराम कर रहे थे. उनके कमरे में दो अपराधी घुसे और अंदर प्रवेश करते ही उन पर दो गोलियां दाग दीं. परिजनों ने उन्हें मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भरती कराया. लेकिन, अस्पताल में इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया.
रोहतास जिले में पत्रकार धर्मेंद्र सिंह को उससमय अपराधियों ने गोली मार कर हत्या कर दी, जब वह सुबह अपने घर के पास एक चाय की दुकान पर बैठ कर चाय पी रहे थे. बाइक पर सवार तीन अपराधियों ने घटना को अंजाम दिया था. अपराधियों ने उनके सीने में गोली मार कर फरार हो गये. घटना के बाद लोगों ने पत्रकार को तत्काल अस्पताल पहुंचाया. चिकित्सकों ने पत्रकार की स्थिति को गंभीर देखते हुए बेहतर इलाज के लिए वाराणसी रेफर कर दिया. वाराणसी पहुंचने से पहले ही धर्मेंद्र सिंह की मौत हो गयी.
सीवान के पत्रकार राजदेव रंजन की गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी. सीवान के महादेवा मिशन कंपाउंड मोहल्ला निवासी 46 वर्षीय राजदेव रंजन रात करीब आठ बजे कार्यालय से घर लौट रहे थे. इसी दौरान दो बाइक पर सवार अपराधियों ने राजदेव को काफी करीब से गोली मार दी थी. एक गोली उनके सिर और दूसरी गर्दन में लगी थी. गंभीर रूप से जख्मी राजदेव रंजन को पुलिस अस्पताल ले गयी, लेकिन रास्ते में ही उनकी मौत हो गयी. घटना को अंजाम देकर अपराधी भागने में कामयाब रहे.
समस्तीपुर के विभूतिपुर प्रखंड निवासी पत्रकार ब्रजकिशोर ब्रजेश को अपराधियों ने अत्याधुनिक स्वचालित हथियार से छह गोलियां मार दी थीं. गोलियां उनकी कनपट्टी, सीना, पेट आदि कई स्थानों पर लगी थीं. इससे उनकी मौके पर ही मौत हो गयी थी. ब्रजेश की ईंट भट्ठा की चिमनी भी थी. जख्मी ब्रजेश को पीएचसी विभूतिपुर लाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. बोलेरो से आये चार अपराधी चिमनी में घुस गये और स्वचालित हथियार से फायरिंग कर फरार हो गये.