दूसरी ओर कर्मियों की मानें संस्थान को अपग्रेड करने के लिए स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव के साथ बैठक हुई थी, जिसमें प्रधान सचिव के साथ ड्रग्स कंट्रोलर रवींद्र सिन्हा समेत अन्य थे. बैठक में संस्थान को अपग्रेड करने के लिए कार्ययोजना बनाने पर चर्चा की गयी. बताते चलें बीते अगस्त माह में औषधि प्रयोगशाला की जांच के लिए निदेशक प्रमुख स्वास्थ्य डॉ केपी सिन्हा पहुंचे थे. निरीक्षण के क्रम में ड्रग्स एनालिस्ट प्रभारी से कमियों के बारे में जानकारी प्राप्त की थी. बताते चलें कि महज सात कर्मियों के सहारे दवा जांच का कार्य कराया संचालित होता है.
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औषधि प्रयोगशाला: कर्मियों की है काफी कमी, कैसे होगी सैंपल की जांच, सात दिनों से ठप पड़ा है जांच का काम
पटना सिटी: अगमकुआं स्थित सूबे के एकमात्र संयुक्त खाद्य एवं औषधि प्रयोगशाला में सात दिनों से जांच बाधित है. औषधि प्रयोगशाला के ड्रग्स एनालिस्ट प्रभारी योगेंद्र प्रसाद सिंह ने बताया कि वे बीते 31 अगस्त को सेवानिवृत्त हो गये हैं. कार्य अवधि विस्तार के लिए अभी तक विभाग से पत्र नहीं मिला है. ऐसे में […]
पटना सिटी: अगमकुआं स्थित सूबे के एकमात्र संयुक्त खाद्य एवं औषधि प्रयोगशाला में सात दिनों से जांच बाधित है. औषधि प्रयोगशाला के ड्रग्स एनालिस्ट प्रभारी योगेंद्र प्रसाद सिंह ने बताया कि वे बीते 31 अगस्त को सेवानिवृत्त हो गये हैं. कार्य अवधि विस्तार के लिए अभी तक विभाग से पत्र नहीं मिला है. ऐसे में जांच बाधित है.
ड्रग्स एनालिस्ट प्रभारी ने संसाधन व जांच मशीन के अभाव में अनेक दवाओं की जांच बाधित होने की जानकारी भी निदेशक प्रमुख को दी थी. औषधि विश्लेषक प्रभारी ने बताया कि जांच केंद्र में प्रति माह अमूमन लगभग 200 दवाएं व लिक्विड जांच के लिए आते हैं.
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