पटना : नेपाल में तलाशेंगे बिहार के चावल के लिए बाजार : मंत्री

पटना : अन्य उपभोक्ता सामग्रियों में बिहार देश का सबसे बड़ा कंज्यूमर राज्य बना हुआ है, लेकिन चावल के लिए यहां बाजार नहीं है. शनिवार को गांधी मैदान में अंतरराष्ट्रीय चावल उद्योग आधारित किसान-मजदूर महासम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रदेश के उद्योग मंत्री जय कुमार सिंह ने कहा कि इसके लिए बाजार भी हमें ही […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 10, 2017 9:19 AM
पटना : अन्य उपभोक्ता सामग्रियों में बिहार देश का सबसे बड़ा कंज्यूमर राज्य बना हुआ है, लेकिन चावल के लिए यहां बाजार नहीं है. शनिवार को गांधी मैदान में अंतरराष्ट्रीय चावल उद्योग आधारित किसान-मजदूर महासम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रदेश के उद्योग मंत्री जय कुमार सिंह ने कहा कि इसके लिए बाजार भी हमें ही बनाना पड़ेगा. इस उद्देश्य से हम जल्द ही नेपाल जायेंगे. उद्योग विभाग के वरिष्ठ पदाधिकारी व बिहार इंड्रस्ट्रीज एसोसिएशन के सदस्य भी हमारे साथ होंगे.
हम लोग मिल बैठ कर वहां अपने चावल के लिए बाजार तलाशेंगे. हम यदि नेपाल में बाजार बनाने में सफल हो जाते हैं, तो निश्चित तौर पर चावल के दाम बढ़ेंगे. उद्योग मंत्री ने स्वीकार किया कि पहले एक राइस मिल जिसके पास होता था वह उद्योगपति की श्रेणी में गिना जाता था व समाज में बहुत सम्मानित था. अब स्थिति में थोड़ी गिरावट आयी है. इसके लिए मिलरों को देखना पड़ेगा कि कौन से चावल की डिमांड हमारे यहां अधिक है. जब मैं सहकारिता मंत्री था, तब भी मिल को बढ़ाने का प्रयास किया था.
मिलरों व मजदूरों की समस्या से सीएम को करायेंगे अवगत
कृषि मंत्री डॉ प्रेम कुमार ने कहा कि वह राइस मिलरों और मजदूरों की समस्या से मुख्यमंत्री को अवगत करायेंगे और उनका निदान निकालने के लिए जो भी जरूरी होगा, सारे प्रयास किये जायेंगे. सहकारिता मंत्री राणा रंधीर सिंह ने कहा कि राइस मिलरों का प्रदेश के औद्योगिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका है. मिलर जिस रूप में चाहेंगे, सहयोग किया जायेगा.
बिहार इंड्रस्ट्रीज एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष केपीएस केसरी सिंह ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर राइस मिलरों को सीधे किसान से धान खरीदने का अधिकार होना चाहिए. अवसर पर बिहार स्टेट राइस मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष राजू गुप्ता, उपाध्यक्ष राकेश गुप्ता, महासचिव पप्पू सिंह, सचिव आनंद सिंह, किरण गुप्ता, राजीव राय, एसके बाजी, कौशलेंद्र मुखिया आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किये.

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