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BIHAR : JDU प्रवक्ताओं ने RJD पर बोला हमला, कहा, ‘मुंह मत खुलवाइए लालू जी, नहीं तो होगी मुश्किल

राजद सुप्रीमो व उनके परिवार पर जदयू का जोरदार हमला पटना : जदयू प्रवक्ताओं ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद और उनके परिवार पर जमकर हमला बोला है. जदयू के मुख्य प्रवक्ता सह विधान पार्षद संजय सिंह ने कहा कि लालू प्रसाद उन लोगों का मुंह नहीं खुलवायें, नहीं तो वे कहीं के नहीं रहेंगे. 90 […]

राजद सुप्रीमो व उनके परिवार पर जदयू का जोरदार हमला
पटना : जदयू प्रवक्ताओं ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद और उनके परिवार पर जमकर हमला बोला है. जदयू के मुख्य प्रवक्ता सह विधान पार्षद संजय सिंह ने कहा कि लालू प्रसाद उन लोगों का मुंह नहीं खुलवायें, नहीं तो वे कहीं के नहीं रहेंगे.
90 की दशक में किस प्रकार बॉलीवुड की अभिनेत्री को चारा घोटालों के पैसों से पटना में नचाया गया, वह किसी से नहीं छुपा है. लालू सीएम नीतीश का मुकाबला नहीं कर सकते. उन्होंने कहा है कि राजद सुप्रीमो लालू भागलपुर में सृजन रैली करने के लिए गये थे, लेकिन वहां की जनता ने उन्हें ठेंगा दिखा दिया.
लालू प्रसाद तो बहुत देर तक मंच पर आये तक नहीं, लेकिन जब बहुत देर हो गयी तो वे आये. जहां रैली हो रही थी वहां आम लोगों से ज्यादा पुलिसकर्मी और मीडिया के लोग थे. लालू प्रसाद को अब समझ लेना चाहिए कि उनका दौर खत्म हो चुका है.
अपने अनुभव की तेजस्वी को ट्रेंनिंग दे रहे लालू : जदयू के प्रदेश प्रवक्ता अजय आलोक ने कहा कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव को अपने अनुभव के आधार पर ट्रेनिंग दे रहे हैं.
जब इमरजेंसी के समय लाठी चार्ज होता था तो किस प्रकार लालू प्रसाद भाग खड़े होते थे. वैसा ही वे अपने बेटे तेजस्वी प्रसाद यादव को सिखा रहे हैं. सीबीआई जब जांच के लिए बुला रही है तो लालू प्रसाद अपने बेटे को उस पर ध्यान न देते हुए दूसरे पर ही आरोप लगाने की नसीहत दे रहे हैं.
छेड़े हैं तो अब राजनीतिक श्मशान तक पहुंचा देंगे : जदयू के प्रदेश प्रवक्ता सह विधान पार्षद नीरज कुमार ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद व उनके बेटों पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि जब व्यक्तिगत हमला कर रहे हैं तो सचेत रहें. जब छेड़ दिये हैं तो छोड़ेंगे नहीं, बल्कि राजनीतिक श्मशान तक पहुंचायेंगे. अब लालू प्रसाद व उनके परिवार को नीतीश फोबिया थी, लेकिन अब नीरज फोबिया हो गयी है.
दस हजार करोड़ की बेनामी संपत्ति बनाने वाले व्यक्ति का परिवार नैतिक शिष्टाचार की बात कर रहा है. इससे साफ तौर पर झलकता है पूरा लालू परिवार मानसिक तनाव में है. उन्होंने कहा कि राजद की सृजन यात्रा नहीं बल्कि संपत्ति खोज यात्रा रही.
रात के अंधेरे में घूम-घूम कर देख रहे थे कि विधायक, सांसदों से जो जमीन-मकान पद देने के एवज में लिए हैं उसका भौतिक सत्यापन हुआ है की नहीं, दाखिल-खारिज हुआ है की नहीं और कागजात उसका दुरुस्त हुआ है की नहीं. नीरज कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ही सबसे पहले सृजन घोटाले पर संज्ञान लिया.
शुरुआती जांच के बाद मामले की गंभीरता पर सीबीआई जांच के आदेश दिये गये. मुकदमे भी दायर किये गये और जांच चल रही है. राजद के लोग सृजन यात्रा कर रहे हैं, लेकिन असली में वे संपत्ति यात्रा कर रहे हैं. लालू प्रसाद अविष्कारक हैं, जो राजनीति में संपत्ति खोजते रहते हैं. वे सृजन अनियमितता पर बोल रहे हैं, लेकिन वे चारा घोटाले मामले में सजायाफ्ता हैं और चुनाव भी नहीं लड़ सकते हैं, ऐसे में सृजन अनियमितता पर उनका सवाल उठाना उचित नहीं है.
नीरज कुमार ने कहा कि लालू प्रसाद को अब तक उनके राज्यसभा सांसद रामजेठमलानी का भी फायदा नहीं मिलेगा, क्योंकि उन्होंने वकालत नहीं करने का फैसला ले लिया है. न्यायिक तूफान की आशंका पर लालू प्रसाद ने रामजेठमलानी को राज्यसभा भेजा था, लेकिन उन्हें धोखा हुआ और वे औंधे मुंह गिर गये हैं.
रैली में दिखा सरकार के खिलाफ गुस्सा : राजद
राजद विधायक सह मुख्य प्रदेश प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा है कि भागलपुर में आयोजित सृजन के दुर्जनों के विसर्जन रैली ने यह स्पष्ट कर दिया कि बिहार की वर्तमान सरकार के प्रति काफी गुस्सा और नाराजगी है.
यहां चिलचिलाती धूप में जहां दस मिनट भी खड़ा होना दुश्वार लग रहा था वहां राजद प्रमुख लालू प्रसाद, तेजस्वी प्रसाद यादव, तेजप्रताप यादव को सुनने के लिए लोग घंटों जमे रहे. लोगों ने राजद में अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की. सभा मे आये युवाओं की एक बोल थी कि सृजन महाघोटाला के कारण नीतीश कुमार ने बीजेपी से अनैतिक गठबंधन कर लिया. लालू प्रसाद के परिवार को साजिश के तहत आरोपित कर वह अपने पाप से बचने की जुगत में हैं.
तेजस्वी नहीं, सृजन घोटाले में शामिल जायेंगे जेल : युवा राजद के प्रदेश प्रवक्ता प्रमोद कुमार सिन्हा ने जदयू प्रवक्ता संजय सिंह के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि जेल की की यात्रा विरोधी दल के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव नहीं बल्कि जेल की यात्रा उनलोगों को करनी पड़ेगी जो हजारों करोड़ के सृजन घोटाला मे संलिप्त हैं.
जिन लोगों ने 10 साल से हो रहे घोटाले को रोकने के लिए कोई भी कदम नही उठाया. सत्ता में बैठे ये लोगों पर घोटाला रोकने की जिम्मेदारी थी. इस मामले के कई बार उजागर होने के बाद भी कार्रवाई नहीं की गयी. यह इस बात को साबित करती है कि प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से वे सभी लोग इस घपले में शामिल हैं.
जदयू के लोगो को वहम हो गया है कि सिर्फ नीतीश कुमार के चेहरे पर ही महागठबंधन को जनता ने वोट किया था. यदि इतना ही भरोसा नीतीश कुमार के चेहरे पर है तो जदयू को 2019 का लोकसभा चुनाव अपने बलबूते बिना बैसाखी के लड़ने की साहस दिखानी होगी. तब पता चल जायेगा कि नीतीश कुमार के चेहरे पर कितना वोट मिलता है. लोकसभा चुनाव में तो जनता ने इसकी झलक दे दी है.

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