पटना : बिहार के सबसे बड़े सियासी परिवार लालू यादव की ओर से भागलपुर में आयोजित रैली का असर सूबे की राजनीति पर पड़ती दिख रही है. लालू यादव ने भागलपुर सैंडिस कम्पाउंड में सृजन के दुर्जनों के विर्सजन के लिए आयोजित राजद की रैली को संबोधित करते हुए सृजन घोटाले को महाघोटाला की संज्ञा देते हु मांग की थी कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को गबन की गयी. इस सरकारी राशि के पाई-पाई का हिसाब देना होगा. इस मामले की जांच कर रही सीबीआई से किसी के दबाव में नहीं आने की सलाह देते हुए लालू ने पूछा कि इस संबंध में नीतीश कुमार, सुशील मोदी और अश्वनी चौबे के खिलाफ अब तक प्राथमिकी दर्ज क्यों नहीं हुआ है. उन्होंने नीतीश पर सत्ता का लालची होने का आरोप लगाते हुए कहा, नीतीश गद्दी पर ही मरना चाहते हैं. मैंने नीतीश को छोटा भाई मानकर तिलक लगाया था. लालू ने कहा कि अगर मैं नहीं होता तो नरेंद्र मोदी और अमित शाह नीतीश को चबाकर पान की तरह थूक देते. उन्होंने कहा कि अपनी बीमारी के बावजूद पिछले बिहार विधानसभा चुनाव में पूरे प्रदेश घूम-घूमकर चुनावी सभा की और महागठबंधन को विजयी बनाया.
उधर, लालू यादव की भागलपुर में आयोजित रैली पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तंज कसते हुए बड़ी प्रतिक्रिया दी है. नीतीश कुमार ने इशारों ही इशारों में कहा कि सृजन स्कैम को लेकर कई तरह की बातें कही जा रही हैं. हर पहलू की जांच की जा रही है. किसी को भी छोड़ा नहीं जायेगी. नीतीश कुमार ने कहा कि जिनके पास कोई प्रमाण हो, वह डॉक्यूमेंट सीबीआइ को दें. नीतीश ने लालू की भागलपुर रैली को महज एक नुक्कड़ नाटक बताया और कहा कि मेरे खिलाफ भागलपुर में क्या-क्या नहीं बोला गया. थोड़ा इंतजार कीजिए, बहुत जल्द पता चल जायेगा.
रैली में लालू ने कहा कि करोड़ों रुपये के चारा घोटाला मामले में अपनी लगातार पेशी की ओर इशारा करते हुए लालू ने कहा कि पिछले 20 सालों से वे मुकदमे का सामने करते आ रहे हैं और इसकी अब उन्हें आदत हो गयी है. हमें नहीं हरा पाने पर मेरे बेटे को निशाना बनाया. उन्होंने कहा कि सृजन के खिलाफ हर जिले में राजद द्वारा आगामी 12 सितंबर को धरना दिया जाएगा. रैली को संबोधित करते हुए बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार ही सृजन घोटाले के असली सृजनकार और घोटालेबाजों के सृजनहार हैं. होटल के बदले भूखंड मामले में सीबीआई द्वारा प्राथमिकी दर्ज किए जाने पर महागठबंधन सरकार जदयू, राजद व कांग्रेस में उपमुख्यमंत्री पद पर आसीन रहे तेजस्वी यादव के जनता के बीच जाकर स्पष्टीकरण नहीं दिये जाने पर महागठबंधन से नाता तोड़कर नीतीश कुमार के भाजपा के साथ मिलकर बिहार में राजग की नयी सरकार बना ली थी.
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