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BIHAR : भागलपुर में राजद की रैली नहीं आत्मघाती नुक्कड़ नाटक था : नीतीश कुमार

सियासत. राजद की रैली पर नीतीश कुमार का पलटवार पटना : भागलपुर में हुई सृजन घोटाले को लेकर हुई राजद की रैली पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि यह रैली नहीं, बल्कि आत्मघाती नुक्कड़ नाटक था. उसमें जिस प्रकार की बात कही गयी और जिस अंदाज में बात कह रहे […]

सियासत. राजद की रैली पर नीतीश कुमार का पलटवार
पटना : भागलपुर में हुई सृजन घोटाले को लेकर हुई राजद की रैली पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि यह रैली नहीं, बल्कि आत्मघाती नुक्कड़ नाटक था. उसमें जिस प्रकार की बात कही गयी और जिस अंदाज में बात कह रहे थे, वह उनके लिए आत्मघाती साबित होने जा रहा है.
इसके बारे में उन्हें धीरे-धीरे पता चलेगा. मुख्यमंत्री लोक संवाद कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे. 1 अणे मार्ग स्थित लोक संवाद कक्ष में उन्होंने कहा कि सृजन का मामला विवाद का विषय ही नहीं है. किसी के पास कोई भी जानकारी है तो उसे सीबीआई को दें. अगर किसी को सीबीआई जांच में कोई शक-सुबा है तो हाइकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में दस्तावेज रखें व सीबीआई जांच की कोर्ट से निगरानी करवाएं. सीएम ने कहा कि कुछ लोगों की आदत रोज तरह-तरह की बातें करने व मर्यादा का उल्लंघन करने की होती है. शरद यादव पर पूछे गये सवाल के जवाब में सीएम नीतीश कुमार ने नाम लिये बिना कहा कि 40 साल में उन्हें जितनी पब्लिसिटी नहीं मिली, उतनी डेढ़ महीने में मिल गयी. वे पहले ही पार्टी से रास्ता अलग कर चुके हैं.
सरकारी चीज में भी दिख रहा लालच : मुख्यमंत्री ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव की ओर से 5, देशरत्न मार्ग का मकान बरकरार रखने के पत्र पर कहा कि कोई चीज किसी का नहीं रहा है. जब जीवन ही परमानेंट नहीं है तो घर क्या चीज है. बाहर की संपत्ति का लालच तो दिख रहा था अब सरकारी चीज का लालच भी सामने आ रहा है. उन्होंने कहा उनकी ओर से आया हुआ पत्र भवन निर्माण विभाग को भेज दिया गया है. अब विभाग अपने स्तर पर उस कार्रवाई करेगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि नोटबंदी के बाद आयी रकम से साफ हो गया है कि किसके पास कितनी राशि है. जिसके पास ज्यादा राशि होगी, उन्हें बताना होगा कि यह राशि कहां से आयी? शुरू से ही हमने नोटबंदी के समर्थन के साथ-साथ बेनामी संपत्ति पर चोट करने की बात कही है.
यह शुरू भी हो गया है. देश भर में अगर ऐसे ही बेनामी संपत्ति पर हमला होगा तो माहौल बदलेगा और इससे कालाधन उजागर होगा. बेनामी संपत्ति पर तेजी से हमला होना चाहिए, ताकि काली कमाई करने वालों पर हिट किया जा सके.
मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्नाटक में पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या की घटना निंदनीय है. जो लोग दोषी हैं उन पर अविलंब कार्रवाई होनी चाहिए. कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार है. मामले को आठ दिन हो गये है. जांच पर कोई सवाल भी नहीं उठा रहा है. अगर बिहार में एेसी घटना होती तो इतने दिनों में तो माहौल दूसरा होता.
सुनवाई में नहीं आने वाले लोक प्राधिकारों पर करें कार्रवाई
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सुनवाई के दौरान नहीं आने वाले लोक प्राधिकारों पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. लोक संवाद कार्यक्रम में मधुबनी के नीतीश रंजन की शिकायत पर मुख्यमंत्री ने त्वरित रूप से जांच कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया.
पटना के रणविजय कुमार ने संपत्ति बंटवारे में महिलाओं को भी समान अधिकार देने का सुझाव दिया.इस पर भूमि सुधार व राजस्व विभाग के प्रधान सचिव विवेक कुमार सिंह ने कहा कि सरकार वंशावली बना रही है. इसमें संपत्ति के बंटवारे में भाइयों के साथ-साथ बहनों का रहना अनिवार्य होगा. जो भी म्यूटेशन किये जायेंगे उसमें लड़की भी सहमति ली जायेगी. दरभंगा के कृष्ण कुमार सुमन यादव ने कहा कि मनी लाउंड्रिग का कानून है, लेकिन इसका अनुपालन नहीं होता है.
इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि 12 सालों में मनी लाउंड्रिंग एक्ट के काम की अब तक चर्चा नहीं की गयी है. सभी जगहों से उसकी रिपोर्ट मंगायें और उसकी समीक्षा करें. साथ ही देखें कि जो अधिकार दिया जाता है उस अनुरूप काम होते हैं या नहीं और उसका अनुपालन हो रहा है या नहीं.
नालंदा के सीताराम प्रसाद ने जमीन के एरियर सर्वे में तेजी लाने का अनुरोध किया. साथ ही शराबबंदी के बाद चकबंदी को लागू करने की भी सलाह दी. इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि एरियर सर्वे में तेजी से काम चल रहा है. एरियर सर्वे पूरा होने के साथ-साथ चकबंदी लागू हो सकेगा. वहीं, पटना के दिग्विजय कुमार ने साइबर क्राइम को लेकर सुझाव दिये, जबकि औरंगाबाद के धीरेंद्र कुमार ने कचहरी में सचिव को लेकर सुझाव दिया. दरभंगा के मो रिजवान ने सुझाव दिया कि लोक शिकायत निवारण कानून में जिस तरह जिलावार जानकारी मिलती है.
उसी तरह शराबबंदी, कानून व्यवस्था, स्वास्थ्य, शिक्षा के हाल की भी जानकारी जिलावार मिले. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सुझाव का स्वागत किया और कहा कि अच्छा सुझाव है और सरकार इन जानकारियों को ऑनलाइन करेगी. पटना के एसएन उपाध्याय ने कहा कि विभागों में ही विधि पदाधिकारी की नियुक्ति हो और विभागीय मामले की सुनवाई विभाग स्तर पर निबटारा किया जाये. इसपर सीएम ने कहा कि विभागों में प्रधान सचिव व सचिव सुनवाई करते हैं, लेकिन फिलहाल इसकी क्या स्थिति है उसकी समीक्षा की जानी चाहिए. मुख्यमंत्री ने सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि सर्विस मामले में विभागों में काउंसेलिंग हो रही है या नहीं उसकी समीक्षा करें.

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